मुबई, 08 जुलाई 2022। हत्या जैसे जघन्य अपराध को अजाम देकर धर्म के आधार पर देश को अशात करने की लगातार कोशिशे की जा रही है। बीते सप्ताह अमरावती के एक व्यवसायी उमेश कोल्हे की हत्या मामले मे राष्ट्रीय जाच एजेसी एनआईए ने बड़ा खुलासा किया है। एजेसी का कहना है कि यह वारदात कुछ लोगो के समूह की एक बड़ी साजिश का हिस्सा थी।
इसका मकसद देश के एक विशेष समुदाय के बीच दहशत फैलाना था। साथ ही यह धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देने का प्रयास भी था। कोल्हे की हत्या मामले मे दर्ज एफआईआर के मुताबिक, भारत के लोगो को एक समुदाय को आतकित करने के लिए साजिश रची गई। इस मामले का कनेक्शन नेशनल और इटरनेशनल भी हो सकता है।
फेसबुक पर भारतीय जनता पार्टी की पूर्व नेता नुपुर शर्मा के समर्थन मे एक पोस्ट लिखने को लेकर कोल्हे की 21 जून की रात को हत्या कर दी गई थी। एनआईए ने 2 जुलाई को गैरकानूनी गतिविधिया (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत भारतीय दड सहिता (आईपीसी) की धारा 16, 18 और 20 के तहत मामला दर्ज किया।
गिरफ्तार आरोपी आतकवादी गतिविधियो मे शामिल
एनआईए ने अदालत मे कहा कि कोल्हे की हत्या के आरोप मे गिरफ्तार आरोपी आतकवादी गतिविधियो मे शामिल थे। एनआईए की विशेष अदालत ने दलीले सुनने के बाद सात आरोपियो को 15 जुलाई तक इस केद्रीय जाच एजेसी की हिरासत मे भेज दिया। एजेसी ने विशेष न्यायाधीश ए के लाहोटी से आरोपियो को 15 दिन की हिरासत का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होने 15 जुलाई तक एजेसी को आरोपियो की हिरासत दी।
एनआईए ने अदालत को बताया कि यह दर्शाने के लिए आधार है कि आरोपी आतकवादी गतिविधियो मे शामिल थे। एजेसी ने कहा कि आरोपियो की कोल्हे से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नही थी, लेकिन उनका इरादा लोगो को आतकित करना था। एनआईए ने कहा कि ऐसा ही अपराध कही और भी हुआ है। एजेसी शर्मा का समर्थन करने पर उदयपुर मे एक दर्जी की हत्या का हवाला दे रही थी। उसने अदालत को बताया कि यह गहरी साजिश है।
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