रायपुर@शिक्षको की ड्यूटी चेकपोस्ट मे:प्रमुख सचिव शिक्षा की स्थिति पर चिता जता रहे थे और एसडीएम ने चेक पोस्ट मे लगा दी ड्यूटी

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रायपुर, 02 जुलाई 2022। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला जब 20 हजार से ज्यादा शिक्षको को शिक्षा की गुणवाा पर ध्यान देने के लिए ज्ञान दे रहे थे, तब भैरमगढ़ के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ने डेढ़ दर्जन शिक्षको की ड्यूटी चेक पोस्ट मे लगा दी। चार शिफ्ट मे ये शिक्षक मेडिकल टीमो की मदद के लिए तैनात रहेगे। इसे लेकर शिक्षको मे नाराजगी है। शिक्षक सघो का कहना है कि एक तरफ शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए ढिढोरा पीटा जाता है, दूसरी ओर स्कूल खुलने के बाद शिक्षको की ड्यूटी कभी चेक पोस्ट मे तो कभी किसी और गैर शिक्षकीय कार्य मे लगा देते है। ऐसे मे शिक्षा की गुणवाा कैसे बढ़ेगी?
इस चिट्ठी के बाद है शिक्षको मे नाराजगी
बीजापुर जिले के सीमावर्ती बागापाल नाका मे यात्रियो की जाच हेतु मेडिकल टीम तैनात की गई है। इस टीम की मदद के लिए 16 शिक्षको की ड्यूटी लगाई गई है। एसडीएम द्वारा जारी आदेश मे व्याख्याता, शिक्षक, सहायक शिक्षको की चार शिफ्ट मे ड्यूटी लगाई गई है। जो सुबह 6 बजे से रात दस बजे तक चार-चार घटे की शिफ्ट मे ड्यूटी करेगे। दरअसल, कोरोना के मामले बढ़ने के बाद भारत सरकार ने एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टैड के साथ-साथ एट्री पॉइट पर जाच के निर्देश दिए है। इसके बाद मेडिकल टीमे तैनात की गई है। शिक्षको का कहना है कि कोरोना के भयावह दौर मे जब जरूरत थी, तब शिक्षको ने ड्यूटी की थी, लेकिन अभी इतनी भयावह स्थिति नही है। शिक्षको की जरूरत स्कूलो मे है, क्योकि दो साल बाद स्कूल खुल रहे है।
प्रमुख सचिव ने क्या कहा शिक्षको से
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने विद्यालय प्रवेश व शिक्षा मे गुणवाा के लिए आयोजित वेबिनार मे शिक्षा की स्थिति पर चितन-मनन की बात करते हुए शिक्षको को शिक्षकीय कार्य करने पर जोर दिया। उन्होने कहा कि बच्चो को बुनियादी शिक्षा देना जरूरी है, जो आगे जाकर उनको उच्च शिक्षा मे सहयोग करेगा। इस वेबिनार मे सभी डीईओ, जिला मिशन समन्वयक, बीईओ, सकुल समन्वयक, सभी स्कूलो के प्राचार्य, प्रधान पाठक समेत करीब 20 हजार शिक्षक शामिल हुए।
प्रमुख सचिव डॉ. शुक्ला ने शिक्षको से आह्वान किया कि बच्चो की शिक्षा पर विशेष ध्यान दे। प्राथमिक शिक्षा मे स्कूल की स्थिति पहले की तुलना मे अच्छी होने के बाद भी हम शिक्षा के स्तर को उस स्तर पर नही ला पा रहे है, जिसकी हमे अपेक्षा है। उन्होने कहा कि शिक्षा के स्तर के लिए मॉनिटरिग सिस्टम के तहत सतत प्रयास किए जाए। सिर्फ बच्चो के शिक्षण पर ध्यान दिया जाए और उनके उारोार प्रगति के लिए जितना सभव हो सके प्रयास करना चाहिए। प्रमुख सचिव ने विभाग के उच्च अधिकारियो को इस सबध मे सतत मॉनिटरिग करने के निर्देश दिए।
अब स्कूल शिक्षा सचिव ने क्या कहा
स्कूल शिक्षा सचिव डॉ. एस. भारतीदासन ने मूलभूत साक्षारता और गणितीय कौशल (एफएलएन), असर और नेशनल एचीवमेट सर्वे (एनएएस) मे किए गए कार्य एव गुणवाा के लिए किए जा रहे कार्यो के बारे मे शिक्षको से आह्वान किया कि बच्चो के सर्वागीण विकास के लिए प्राथमिक शिक्षा पर भी जोर दे। उन्होने कहा कि बच्चो की शिक्षा की बुनियाद मजबूत होगी तो उन्हे आगे जाकर भाषा-गणित और अन्य किसी भी प्रकार के शिक्षण मे कठिनाई नही आएगी।
समग्र शिक्षा के मिशन सचालक नरेन्द्र दुग्गा ने प्रत्येक तीन वर्ष मे आयोजित नेशनल एचीवमेट सर्वे मे कक्षा 3,5,8 और 10वी के छात्रो की राज्य मे स्थिति एव राज्य के विभिन्न जिलो मे स्थिति के बारे मे चर्चा की। जिसमे उन्होने बताया कि महासमुद, सूरजपुर और दुर्ग राज्य मे क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे। मिशन सचालक ने एनसीईआरटी द्वारा आयोजित नेशनल एचीवमेट सर्वे के लिए भविष्य मे राज्य मे अच्छे कार्य करने के लिए टिप्स भी दिए। उन्होने बताया कि असर सर्वे दिल्ली की सस्था द्वारा गावो मे घर-घर जाकर 14 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चो मे किया जाता है, न कि स्कूल मे। जिसके आधार छाीसगढ़ राज्य मे धमतरी जिले का प्रदर्शनी उच्चतम रहा। वेबीनार के प्रारभ मे सहायक मिशन सचालक श्री कैलाशचन्द्र काबरा ने मूलभूत साक्षरता एव गणितीय कौशल पर छाीसगढ़ राज्य मे किए गए कार्यो की विस्तृत यौरा प्रस्तुत किया और भविष्य मे राज्य के सभी स्कूलो मे क्रियान्वयन के बारे मे विस्तृत चर्चा की गई।


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