नई दिल्ली, 29 जून 2022। देश भर मे प्लास्टिक के उपयोग बड़े पैमेने पर होने लगे है, जिसका असर पर्यावरण प्रदूषण के रूप मे लोगो के स्वास्थ्य पर पड़ रहा और लोग गभीर बीमारी के शिकार हो रहे है। इसी बात को ध्यान मे रखते हुए केद्र सरकार कि ओर 1 जुलाई से प्लास्टिक पर प्रतिबन्ध लगाने जा रही है। केद्र सरकार एक जुलाई से सिगल यूज वाले प्लास्टिक बैन को लागू करने के राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय नियत्रण कक्ष स्थापित करेगी। यह नियत्रण कक्ष इस तरह के प्लास्टिक के अवैध निर्माण, आयात, भडारण, वितरण और बिक्री पर निगरानी रखेगे। पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मत्रालय ने कहा कि सभी देशो मे सिगल यूज वाले प्लास्टिक की चीजो के कारण प्रदूषण से निपटना एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।
किसी भी तरह की छूट नही देने वाली सरकार
सिगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबधित हो जाएगा और सरकार इसमे अब किसी भी तरह की छूट नही देने वाली है। सरकार के इस फैसले की वजह से पैक्ड जूस, सॉफ्ट ड्रिक्स और डेयरी प्रोडक्ट बनाने और बेचने वाली कपनियो को तगड़ा झटका लगा है। एक जुलाई से इस प्रतिबध के लागू होने के बाद बेवरेज कपनिया प्लास्टिक स्ट्रॉ के साथ अपने प्रोडक्ट को नही बेच पाएगी इसलिए अमूल, मदर डेयरी और डाबर जैसी कपनियो ने सरकार से निवेदन किया था कि वो अपने फैसले को कुछ समय के लिए टाल दे।
स्ट्रॉ निर्भर बड़ा कारोबार
अमूल, पेप्सिको, कोका-कोला, मदर डेयरी जैसे तमाम कपनियो के पेय पदार्थ प्लास्टिक स्ट्रॉ के साथ ग्राहको तक पहुचते है। इस वजह से सिगल यूज प्लास्टिक पर लगने वाले बैन से बेवरेज कपनिया परेशान है। सरकार ने साफ तौर पर कपनियो से वैकल्पिक स्ट्रॉ पर स्विच करने को कह दिया है।
पारले एग्रो, डाबर और मदर डेयरी जैसे डेयरी प्रोडक्ट बनाने वाली कपनिया पेपर स्ट्रा का इपोर्ट शुरू कर चुकी है। हालाकि, प्लास्टिक स्ट्रॉ के मुकाबले पेपर स्ट्रॉ की लागत अधिक पड़ रही है। मदर डेयरी फ्रूट एड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड के प्रबध निदेशक मनीष बदलिश ने कुछ समय पहले कहा था कि हम पेपर स्ट्रॉ का आयात करेगे, लेकिन ये मौजूदा प्लास्टिक स्ट्रॉ की तुलना मे चार गुना अधिक महगे है।
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