डेमोक्रेटिक पार्टी को नुकसान: कई मुश्किलों से घिरे जो बाइडन के राजनीतिक भविष्य पर उठ रहे हैं सवाल

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वर्ल्ड डेस्क, वाशिंगटन 22 जून 2022  सीएनएन की एक टिप्पणी के मुताबिक जो बाइडन के लिए विदेश से भी अच्छी खबर नहीं मिल रही है। यूक्रेन के खिलाफ युद्ध अमेरिकी योजना के मुताबिक आगे नहीं बढ़ रहा है। वहां रूस को मिल रही कामयाबियों से अमेरिकी गणना गड़बड़ा गई है। प्रतिबंधों से रूस की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करने का बाइडन प्रशासन का इरादा भी पूरा नहीं हुआ है…अमेरिका में रोजमर्रा की बढ़ती समस्याओं के बीच राष्ट्रपति जो बाइडन और उनकी डेमोक्रेटिक पार्टी का भविष्य अनिश्चित होता जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों में ये राय गहरा रही है कि अगले नवंबर में होने वाले संसदीय और अन्य चुनावों में डेमोक्रेटिक पार्टी को भारी नुकसान होगा। राजनीतिक विश्लेषक क्रिस्टल बॉल ने तो कहा है कि मिडटर्म्स (अमेरिका में राष्ट्रपति की कार्य अवधि के बीच में होने वाले चुनाव को मिडटर्म्स कहा जाता है) डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए विनाशकारी साबित होंगे। वे डेमोक्रेसी एट वर्क नाम की वेबसाइट की एक चर्चा में हिस्सा ले रही थीं।

अमेरिकी अर्थव्यवस्था के मंदी का शिकार होने की आशंका अब सत्ता के ऊपरी हलकों तक पहुंच गई है। वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने इस आशंका से इनकार नहीं किया है। आम लोगों के लिए सबसे बड़ी मुश्किल महंगाई बनी हुई है। गैस और तेल की कीमत दशकों के सबसे ऊंचे स्तर पर है। शिशुओं को दिए जाने वाले खाद्य पदार्थों की बाजार में कमी बनी हुई है। विमानन उद्योग गहरे संकट में है। बताया जाता है कि तेल की महंगाई और बीमा पॉलिसी का शुल्क बढ़ने के कारण रोजमर्रा की लगभग 800 उड़ानें स्थगित करनी पड़ी हैं।

आर्थिक संकट के बीच बढ़ा वैचारिक ध्रुवीकरण

टीवी चैनल सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक आर्थिक संकट के बीच वैचारिक ध्रुवीकरण बढ़ने और बढ़ रही हिंसा की घटनाओं ने देश में निराशा का माहौल बना दिया है। रविवार को वाशिंगटन में फिर भी गन वायलेंस की घटना हुई। इस बीच खबर है कि अब जल्द ही गर्भपात के अधिकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है। ये फैसला पहले ही मीडिया में लीक हो चुका है। अगर उस लीक से सामने आई जानकारी के मुताबिक ही सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात को अवैध ठहरा दिया, तो अनुमान है कि उससे देश में सामाजिक तनाव और बढ़ जाएगा।
सीएनएन की एक टिप्पणी के मुताबिक जो बाइडन के लिए विदेश से भी अच्छी खबर नहीं मिल रही है। यूक्रेन के खिलाफ युद्ध अमेरिकी योजना के मुताबिक आगे नहीं बढ़ रहा है। वहां रूस को मिल रही कामयाबियों से अमेरिकी गणना गड़बड़ा गई है। प्रतिबंधों से रूस की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करने का बाइडन प्रशासन का इरादा भी पूरा नहीं हुआ है। सोमवार को रुबल की कीमत डॉलर के मुताबिक आठ साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई। अब एक डॉलर की कीमत लगभग 55 रुबल है, जबकि यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के समय लगभग 83 रुबल थी।

बाइडन के पास कोई उपलब्धि नहीं

रणनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक यूक्रेन युद्ध ने रूस और चीन के संबंध प्रगाढ़ बना दिए हैं। यह अमेरिकी रणनीति के लिए दीर्घकालिक चुनौती साबित हो सकता है। आम तौर पर माना जा रहा है कि इस युद्ध का सबसे ज्यादा फायदा चीन को हुआ है। इससे एक तरफ जहां उसे तेल का सस्ता स्रोत मिला है, वहीं पश्चिमी देशों के लिए उसके अलावा एक और मोर्चा खुल गया है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल ऐसा लगता है कि जो बाइडन के पास अमेरिकी मतदाताओं को दिखाने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। उनके शासनकाल के आरंभिक दिनों में आर्थिक वृद्धि दर लौटाने और कोरोना महामारी को नियंत्रण करने की जो सफलता मिली थी, यूक्रेन युद्ध के बाद बने हालात में उनकी चमक खो गई है।


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