नई दिल्ली, 22 जून 2022। 14 जून को ‘अग्निपथ योजना’ के लॉन्च होने के बाद से ही देश भर मे बवाल मचा हुआ है। देश के कई राज्यो मे इसके विरोध मे होती हिसा को देखते हुए केद्र सरकार के द्वारा इस योजना मे कुछ बदलाव करने पर विचार किया जा रहा है। जिसके तहत खबर आ रही है कि 25त्न अग्निवीरो को स्थायी नौकरी देने की सीमा को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाने की योजना है। इस कोटे को हर साल बढ़ाकार 50त्न तक ले जाया जा सकता है।
जानकारी के अनुसार इस बात पर थल सेना ने सहमति दे दी है। फिलहाल वायु सेना और नौसेना की सहमति बाकी है। क्योकि वायु सेना और नौसेना मे थल सेना की अपेक्षा तकनीकी रूप से अधिक दक्ष लोगो की आवश्यकता होती है। रक्षा मत्री राजनाथ गुरुवार को सैन्य भर्ती प्रक्रिया के फायदो मे विस्तार की जानकारी सार्वजनिक कर सकते है। वही, प्रधानमत्री ने भी मगलवार को तीनो सैन्य प्रमुखो के साथ बैठक की थी।
504 बैठको और 1500 घटो के विचार-विमर्श के बाद बनी योजना
देश भर मे अग्निपथ योजना के विरोध का सबसे बड़ा कारण यह है कि यह योजना जल्दबाजी मे घोषित की गई। इसके लिए पर्याप्त विचार-विमर्श नही हुआ। इस पर रक्षा मत्रालय ने जवाब दिया कि इस मामले पर तीनो सेनाओ, रक्षा मत्रालय और सरकार के दूसरे विभागो की 250 बैठके हुई और करीब 750 घटे तक विचार-विमर्श के दौर चले। सेनाओ मे 150 बैठके हुई। 500 घटे मथन हुआ। रक्षा मत्रालय मे 60 बैठके की गई और 150 घटे विचार-विमर्श चला। अन्य सरकारी विभागो की 44 बैठके हुई और 100 घटे मथन हुआ। इन सबके बाद ही इस योजना को लागू किया गया है।
दो दशको से लबित थी योजना
अग्निपथ योजना के देशव्यापी विरोध के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सेना ने मगलवार को फिर से इस योजना की खूबिया गिनाई। डोभाल ने कहा, इसकी माग 22-25 साल से लबित थी। भविष्य की जरूरते देखते हुए फैसले लेने पड़ते है। सैन्य प्रशिक्षण से अग्निवीरो का समाज मे सम्मान बढ़ेगा। देश मे माहौल बदल रहा है। देश की सुरक्षा व सेना को विश्वस्तरीय बनाना प्राथमिकता है।
सुप्रीम कोर्ट पहुची सरकार
अग्निपथ योजना पर रोक की माग करते हुए सुप्रीम कोर्ट मे अब तक तीन याचिकाए दाखिल की गई है। वही, केद्र सरकार ने इन याचिकाओ पर कोई भी फैसला करने से पहले सरकार का पक्ष सुने जाने के लिए कोर्ट मे कैविएट दायर की है। उधर, सैन्य मामलो के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेट जनरल अनिल पुरी ने कहा, अग्निवीरो की भर्ती प्रक्रिया मे बदलाव नही किया गया है।
पारपरिक रेजीमेट सिस्टम वही है।
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