- पुलिस के खिलाफ समाचार लिखने की वजह से फंसाने की हो रही साजिश:पत्रकार।
- पत्रकार ने वीडियो जारी कर थाना प्रभारी का आरोप लगाते हुए प्रताडि़त करने की कही बात।
- पत्रकार की सुरक्षा को लेकर 2016 में जारी किया गया था दिशा-निर्देश जिसका पालन क्यों नहीं कर रही कोरिया पुलिस?
- क्या कोरिया पुलिस गृह विभाग से ऊपर है जो गृह विभाग के आदेश का पालन नहीं कर रही?
- पुलिस जिस प्रकार पत्रकारों को प्रताडç¸त कर रही उस पर मुख्यमंत्री क्या लेंगे संज्ञान वैसे भी उनका कोरिया द्वारा होना है?
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 22 जून 2022(घटती-घटना)। कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ पुलिस थाने के प्रभारी पर मनेंद्रगढ़ निवासी पत्रकार ने खुद को झूठे मामले में फंसाये जाने को लेकर आरोप लगाते हुए अपना वीडियो जारी किया है और पत्रकार ने आशंका जाहिर की है की थाना प्रभारी द्वारा उसके विरुद्ध झूठा प्रकरण दर्ज कर जांच किया जा रहा है जिसमें पत्रकार को फंसाने की साजिश की जा रही है। पत्रकार ने अपने द्वारा जारी किये गए वीडियो संदेश में कहा है कि उसके द्वारा मनेंद्रगढ़ पुलिस थाना के प्रभारी के खिलाफ एवम मनेंद्रगढ़ पुलिस की कार्यप्रणाली के विरुद्ध समाचार प्रकाशित किया गया था और उसी से क्षुब्ध होकर उसे फंसाने की साजिश रची जा रही है जिसका की उसे अंदेशा हो चुका है।
अवैध शराब बिक्री सहित जुआ फड़ मामले में पत्रकार लगाते आ रहें हैं खबर
पत्रकार ने स्वयं द्वारा जारी वीडियो संदेश में कहा है कि वह लगातार निष्पक्ष खबरों का प्रकाशन कराता आ रहा है और मनेंद्रगढ़ क्षेत्र में संचालित अवैध जुआ फडों सहित अवैध शराब बिक्री को लेकर उसके द्वारा समाचारों का प्रकाशन कराया गया है जिससे थाना प्रभारी नाराज हैं क्योंकि समाचार निष्पक्ष रूप से प्रकाशित हुआ है और जिसमें केवल सत्य को परोसा गया है और सत्य से ही थाना प्रभारी को दिक्कत है और उन्होंने पत्रकार को झूठे मामले में फंसाने की साजिश जारी रखी हुई है।
पत्रकार ने मामले में अन्य एजेंसियों से जांच कराए जाने की वीडियो के द्वारा की है अपील
पत्रकार ने वीडियो जारी कर अपने विरुद्ध दर्ज किए गए मामले में अन्य किसी जांच एजेंसी से जांच कराए जाने की मांग आईजी सरगुजा से की है। पत्रकार का कहना है कि जिस थाना प्रभारी के विरुद्ध समाचार लिखा उसने और जिस सत्य आधारित समाचार की वजह से उसे झूठे मामले में फंसाने की साजिश स्वयं थाना प्रभारी द्वारा किया जा रहा है उस मामले की जांच यदि स्वयं वर्तमान थाना प्रभारी करेंगे तो जांच में निष्पक्षता नहीं होगी और जांच में पत्रकार को दोषी ठहरा दिया जाएगा क्योंकि थाना प्रभारी पत्रकार से चिढ़े हुए हैं ऐसे में पत्रकार के विरुद्ध जिस प्रकरण में जांच की जा रही है उसकी जांच अन्य एजेंसियों से कराई जाए जिससे जांच निष्पक्ष हो सके।
पत्रकार को फर्जी पत्रकार साबित करने का रचा जा रहा है षड़यंत्र
पत्रकार ने वीडियो संदेश में कहा है कि पत्रकार को फर्जी साबित करने के लिए भी थाना प्रभारी द्वारा जुगत लगाया जा रहा है। पत्रकार का यह भी कहना है कि वह जनसम्पर्क विभाग जिला कोरिया से जुड़ा हुआ है और उसका पंजीयन भी जनसम्पर्क विभाग में दर्ज है और वह फर्जी पत्रकार नहीं है।
थाना प्रभारी पर लगते आ रहें हैं लगातार गंभीर आरोप
मनेंद्रगढ़ थानाप्रभारी सचिन सिंह पर लगातार गंभीर आरोप लगते आ रहें हैं,सूरजपुर जिले के सूरजपुर शहर में जाकर एक महिला सहित उसके नाबालिक पुत्र को घर से उठाकर प्रताçड़त करने का मामला हो या फाइनेंस कंपनी से ठगी करने वाले आरोपी को न्यायालय के आदेश के बाद भी संरक्षण देने का मामला हो मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी लगातार विवादों से घिरे रहते चले आ रहें हैं और अब पत्रकार द्वारा उनपर पत्रकार को प्रताçड़त करने का लग रहा आरोप जिससे साबित होता है कि थाना प्रभारी की कार्यप्रणाली पुलिसिया सही नहीं है।
दो सालों से जमे हुए हैं एक ही थाने में थाना प्रभारी उप निरीक्षक
मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी के रूप में पदस्थ उप निरीक्षक सचिन सिंह लगातार दो वर्षों से मनेंद्रगढ़ पुलिस थाने में ही जमे हुए हैं और इस बीच कई पुलिस अधीक्षक भले ही बदल चुके उप निरीक्षक सचिन सिंह को मनेंद्रगढ़ पुलिस थाने से कोई नहीं हटा सका जैसा कि उनका कार्यकाल देखकर भी समझ मे आता है। दो सालों में पुलिस अधीक्षक कार्यालय से कई तबादला सूची जारी हुईं लेकिन एकबार भी इनका तबादला नहीं हुआ जिससे साफ जाहिर है की थाना प्रभारी की शिकायतों के बावजूद तबादला नहीं होने से साफ जाहिर है की उनकी विभाग में कितनी पकड़ है।
वर्ष 2016 में गृह विभाग द्वारा जारी आदेश की लगातार हो रही अवहेलना
वर्ष 2016 में छत्तीसगढ़ सरकार गृह विभाग द्वारा एक आदेश जारी किया गया था जिसमें पत्रकारों की स्वंतन्त्रता समाचारों को लेकर प्रभावित न हो खासकर पुलिस द्वारा किसी पत्रकार को प्रताड़ित करने सहित दुर्भावनावश किसी अपराध में फंसाये जाने की शिकायतों के संदर्भ में आदेश जारी कर एक कमेटी बनाई गई थी जिसके अनुसार किसी पत्रकार पर पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही या दर्ज शिकायत में यदि पत्रकार की तरफ से दुर्भावना को लेकर शिकायत की जाती है तो उसकी जांच सम्बंधित जिले के पुलिस अधीक्षक व उप पुलिस महानिरीक्षक करेंगे एवं गृह विभाग को सूचना भी देंगे जिससे पत्रकार की स्वंतन्त्रता को लेकर कोई प्रश्न खड़ा न हो। अब कोरिया जिले का पुलिस विभाग जिस तरह काम कर रहा है और पत्रकारों पर दुर्भावनावश जिस प्रकार प्रकरण दर्ज कर रहा है उससे साफ जाहिर है कि वह अपने ही विभाग के आदेश को मानने से इंकार कर रहा है,जो सोचनीय स्थिति है।