क्या है QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग, सही शैक्षणिक संस्थान चुनने में कैसे करती है मदद?

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Media Solutions Initiative 22 जून 2022। साल 1990 में अपना पहला इंडस्ट्री लीडिंग रिसर्च करने के बाद से, QS एक उच्च शिक्षण संस्थान की ताकत को रेखांकित करने के लिए सिस्टमेटिकल विश्लेषण और तुलनात्मक डेटा संग्रह के तरीकों को विकसित करने काम कर रहा है। साल 1990 में अपना पहला इंडस्ट्री लीडिंग रिसर्च करने के बाद से, QS एक उच्च शिक्षण संस्थान की ताकत को रेखांकित करने के लिए सिस्टमेटिकल विश्लेषण और तुलनात्मक डेटा संग्रह के तरीकों को विकसित करने काम कर रहा है। साल 2004 में शुरू हुई QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग, दुनिया भर में उच्च शिक्षण संस्थानों की संपूर्ण विषयों और यूनिवर्सिटी एक्टिविटीज रैंकिंग का एक वार्षिक प्रकाशन है।

कंपनी की ये जानी-मानी शोध योजना, क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग मुख्य रूप से दुनिया भर के विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन करती है और टॉप की कुछ ऐसे विश्वविद्यालयों का नाम आगे करती है, जो 51 विभिन्न कोर्सेज की शिक्षा के साथ-साथ 5 फैकल्टी एरिया में काफी अच्छे होते हैं। दुनिया में सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली विश्वविद्यालयों की रैंकिंग प्रकाशन, QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग एशिया, लैटिन अमेरिका, उभरते यूरोप, मध्य एशिया और अरब क्षेत्र सहित दुनिया भर के विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन करके उनको रैंक देने का काम करती है।

क्यूएस (QS) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग क्यों?

अब बात आती है कि आखिर क्यूएस (QS)वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग सिस्टम को ही क्यों चुना जाए. तो इसके कई कारण है, जो ये साबित करते हैं कि क्यूएस (QS) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग बेस्ट है।

क्यूएस रेटिंग सिस्टम का वैश्विक प्रभाव

एक शैक्षणिक संस्थान को उनकी उपलब्धियों और काम करने के लिए वैश्विक मान्यता प्राप्त करने में मदद करने के साथ-साथ, क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग अंतरराष्ट्रीय मानकों और सर्वोत्तम शिक्षण तरीकों का इस्तेमाल करने में एचईआई (Higher Education institution) की भी सहायता करती है। लगातार विकसित हो रही शिक्षा प्रणाली को ध्यान में रखते हुए, ऐसे कई कारण है, जो क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के महत्व को बताते हैं। उनमें से कुछ कारणों के बारे में यहां पर बताया गया है।

क्वालिटी की गारंटी

हर कोई ये चाहता है कि वो जो भी वस्तु ले रहा है, वो अच्छी क्वालिटी का हो और खासकर उच्च शिक्षा प्राप्त करते समय वो इस बात पर ज्यादा ध्यान देता है. क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग बेहतर भविष्य के लिए ऐसे ही शिक्षण संस्थान का मूल्यांकन करती है, जो बेहतर क्वालिटी की शिक्षा प्रदान करते हो. एक शैक्षणिक संस्थान और उसके शिक्षण की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए, रेटिंग प्रणाली छात्रों की प्रतिक्रिया, छात्र अनुपात के लिए फैकल्टी, डिग्री पूर्ण होने की दर जैसे विभिन्न तरीकों को अपनाती है। इसके अलावा, यह टीचरों के एक विभिन्न समूह के साथ एक्टिव एजुकेशन और सीखने की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करता है, जिसमें छात्रों के ज्ञान को बढ़ाने के लिए एक कम्पलीट विजन शामिल होता है।

रोजगार योग्यता और अवसर

एक ग्रेजुएट की रोजगार योग्यता संस्थान के प्रदर्शन, क्वालिटी कार्यक्रमों और प्लेसमेंट से संबंधित गतिविधियों की दिशा में प्रयास को प्रदर्शित करती है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग इस क्षेत्र में सामान्य इंडीकेटर्स के साथ एक शैक्षणिक संस्थान की सहायता करती है, जैसे कि परिसर में प्लेसमेंट कंपनियों की उपस्थिति, रोजगार दर और कैरियर सेवाओं का समर्थन आदि। इसके अलावा, यह मंचों/क्लबों में छात्रों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करता है, साथ ही एक्स्ट्रा कैरिकुलम एक्टिविटी को प्रेरित करने से संस्थान में रोजगार क्षमता को भी बढ़ावा मिलता है।

विश्वसनीयता

एक उच्च शिक्षण संस्थान के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय दोनों प्रकार की मान्यताओं के साथ और भी कई मान्यताएं महत्वपूर्ण हैं। इस प्रकार से विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को दी गई रेटिंग या ग्रेड उनकी विश्वसनीयता में इजाफा करते हैं, जिसका सीधा फायदा छात्र को भी होता है। इसके अतिरिक्त, यह बेहतर प्लेसमेंट के लिए अधिक अवसर सुनिश्चित करता है क्योंकि कंपनियां उच्च श्रेणी के शैक्षणिक संस्थानों से छात्रों की भर्ती को प्राथमिकता देती हैं। QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग बुनियादी सुविधाओं, फैकल्टी की क्वालिटी, डाइवर्सिटी ऑफ स्टूडेंट्स, आदि सहित विभिन्न श्रेणियों का मूल्यांकन करके एक संस्थान की विश्वसनीयता सुनिश्चित करती है।

रिसर्च और इन्वोवेशन

रिसर्च कार्य पर जोर देने के साथ, वर्तमान एचईआई बड़े पैमाने पर बौद्धिक संपदा बनाने, पेटेंट को वैध करने, व्यावसायीकरण करने और स्पिन-ऑफ संस्थाओं के गठन में निवेश की दिशा में योगदान देता है। इसके अलावा, रिसर्च वैश्विक स्तर पर एचईआई के प्रदर्शन का एक महत्वपूर्ण तरीका है। इसलिए क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग संस्थान में फैकल्टी के अंदर रिसर्च क्वालिटी, प्रकाशित पत्रों की संख्या, संबंधित फैकल्टीज के कागजात कैसे मान्यता प्राप्त और संदर्भित हैं, साथ रिसर्च परियोजनाओं के लिए प्राप्त होने वाले धन का आदि मूल्यांकन करती है। डॉक्टरेट की पढ़ाई करने का लक्ष्य रखने वाले छात्रों के लिए यह काफी जरूरी और हाइली इंटरेस्टिंग है।

सुविधाएं

किसी भी संस्थान का बुनियादी ढांचा उस पर्याप्त परिसर सुविधाओं की उपलब्धता का एक और इंडिकेटर है, जो संस्थान में एक स्वस्थ अध्ययन वातावरण के लिए आवश्यक है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग द्वारा छात्रों को उपलब्ध आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी), पुस्तकालयों, खेल, चिकित्सा सुविधाओं, आवास और भोजन की गुणवत्ता जैसी कई सुविधाओं को भी ध्यान में रखा जाता है।

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी को क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023 में मिला तीसरा स्थान

क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के न्यू एडिशन के अनुसार, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय 801-1000 बैंड में रैंक करता है, जिसकी वजह से इसे भारत के सभी प्राइवेट विश्वविद्यालयों में #3 स्थान और पूरे राष्ट्रीय रैंकिंग में #21 स्थान मिला है। साफ तौर पर, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय का क्यूएस द्वारा सूचीबद्ध विभिन्न मानकों के तहत मूल्यांकन किया गया है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023 में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय ने कैसा प्रदर्शन किया है। इसको आप इन पैमानों के हिसाब से समझ सकते हैं।

  • शैक्षणिक मानक: 8.6 (Academic Reputation: 8.6)
  • प्लेसमेंट मानक: 31.8 (Employer Reputation: 31.8)
  • साइटेशन पर फैकल्टी: 1.3 (Citations per Faculty: 1.3)
  • फैकल्टी-छात्र अनुपात: 18.7 (Faculty-Student Ratio: 18.7)
  • अंतर्राष्ट्रीय छात्र अनुपात: 11.2 (International Student Ratio: 11.2)

अंतर्राष्ट्रीय फैकल्टी अनुपात: 24.6 (International Faculty Ratio: 24.6) इससे पहले, CU ने विषयों के आधार पर QS यूनिवर्सिटी वर्ल्ड रैंकिंग में अपनी शुरुआत की थी. सीयू के कंप्यूटर साइंस प्रोग्राम को दुनिया भर के 88 स्थानों और 51 शैक्षणिक विषयों में, कुल 1543 विश्वविद्यालयों में छात्रों द्वारा चुना गए कुल 15,200 व्यक्तिगत विश्वविद्यालय कार्यक्रमों के लिस्ट में से 601-650 रैंक दिया गया है।


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