- चिरगुड़ा ग्राम पंचायत की सरपंच के अपील पर हाईकोर्ट ने उपचुनाव पर लगया रोक।
- ग्राम पंचायत सरपंच के उपचुनाव में प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिए प्रचार भी हो गया था शुरू।
- नामांकन में सरपंच प्रत्याशी के लिए फार्म भी भरा गया, हाई कोर्ट के स्टे के बाद विरोधियों के चेहरे पर छाई मायूसी।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 20 जून 2022(घटती-घटना)। जनपद पंचायत बैकुंठपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत चिरगुड़ा का मामला काफी हाईप्रोफाइल माना जा रहा था क्योंकि इस पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव आसानी से नहीं किसी रणनीति के तहत लगाया गया था, अविश्वास प्रस्ताव प्रकरण को लेकर याचिका भी दायर की गई थी कि इसी बीच उपचुनाव करने का भी निर्णय आ गया था, उपचुनाव होने से ठीक कुछ दिन पहले हाईकोर्ट ने उपचुनाव पर स्टे दे दिया है, स्टे मिलने से विरोधियों के चेहरे पर निराशा छा गई है जबकि 28 जून के उपचुनाव को लेकर अपने-अपने प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रचार करते भी देखे जा रहे थे, अंदर खाने में किस प्रत्याशी को जिताना है इसके लिए तैयारी भी शुरू हो गई थी इस बीच हाई कोर्ट का फैसला आना विरोधियों के लिए उनके इरादों पर पानी फेरने जैसा हो गया।
मिली जानकारी के अनुसार पंचायत उपचुनाव को लेकर बड़ी खबर यह है कि जनपद पंचायत बैकुंठपुर जिला कोरिया के अंतर्गत ग्राम पंचायत चिरगुड़ा के सरपंच पद के लिए होने वाले उपचुनाव को जो 28 जून को संपन्न होना था, हाईकोर्ट ने निवर्तमान सरपंच श्रीमती संगीता सिंह के याचिका पर स्टे दे दिया है। यह मामला बहुचर्चित था क्यों की स्थानीय विधायक के करीबी और जनपद पंचायत बैकुंठपुर के उपाध्यक्ष श्रीमती आशा साहू के शिक्षक पति द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से निर्वाचित सरपंच श्रीमती संगीता सिंह को पद से पृथक कर दिया गया था। तब निवर्तमान सरपंच श्रीमती संगीता सिंह ने खुलेआम जनपद उपाध्यक्ष पति पर धनबल के प्रयोग का आरोप लगाया था और यह भी कहा था कि उपाध्यक्ष पति को मनमाने तरीके से पंचायत में ठेकेदारी और काम न करने देने की वजह से छल और द्वेष पूर्वक उन्हें पद से पृथक किया गया था। अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही पर श्रीमती संगीता सिंह ने आपत्ति जताते हुए पहले जिलाधीश महोदय तत्पश्चात कमिश्नर कार्यालय में अपील प्रस्तुत की थी और अपने तर्क में उन्होंने बताया था कि अविश्वास प्रस्ताव के समस्त कार्यवाही असंवैधानिक तरीके से पूरी की गई थी और निहित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया था। अविश्वास प्रस्ताव का प्रकरण वर्तमान दिवस तक कमिश्नर कार्यालय अंबिकापुर में लंबित है। इस बीच प्राधिकारी निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत उप चुनाव की तिथियों की घोषणा कर दी गई। कोरिया जिले में होने वाले पंचायत स्तर के उपचुनाव 28 जून 2022 को संपन्न होने थे। परंतु अविश्वास प्रस्ताव एवं अन्य कार्यवाहियों से संतुष्ट न होने के कारण निवर्तमान सरपंच श्रीमती संगीता सिंह के द्वारा अधिवक्ता महेंद्र दुबे के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने आज श्रीमती संगीता सिंह के पक्ष में स्टे आर्डर जारी किया।
वर्चस्व की लड़ाई और छीछालेदर
जब श्रीमती संगीता सिंह को अविश्वास प्रस्ताव के द्वारा सरपंच पद से हटाया गया था तो मामले ने काफी तूल पकड़ा था और मामला क्षेत्र में काफी चर्चित रहा था। क्योंकि श्रीमती संगीता सिंह के विरुद्ध एक भी भ्रष्टाचार या अन्य शिकायतों का जिक्र कहीं नहीं था। साथ ही मामले के चर्चित होने का कारण जनपद उपाध्यक्ष श्रीमती आशा साहू के शिक्षक पति महेश साहू का इस मामले में जुड़ा होना था। इस आशय का आरोप स्वयं श्रीमती संगीता सिंह ने लगाया था कि अविश्वास प्रस्ताव की सारी कार्यवाही इन्हें के इशारे पर धनबल के प्रयोग के साथ की गई थी। जिसमें पंचायत के निर्वाचित पंचों को लगभग एक पखवाड़े तक विभिन्न स्थानों के सैर सपाटे और पिकनिक पर ले जाने की भी बात थी। जैसे ही श्रीमती संगीता सिंह पद से पृथक हुई तो कार्यवाहक सरपंच के कार्यकाल में आनन फानन अत्यधिक तेजी के साथ कई सारे काम स्वीकृत हुए, जिनका निर्माण उपाध्यक्ष पति ने कराया। इसी बीच पंचायत में पदस्थ सचिव से अनबन होने के कारण उपाध्यक्ष पति द्वारा भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर उक्त सचिव का भी स्थानांतरण अन्यत्र करा दिया गया। इस मामले में भी लोगो की तरह तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई। बहरहाल मामला न्यायालय में है, और देखना यह है की वर्चस्व की इस लड़ाई में अधिक छीछालेदर किसकी होती है।