- गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने हसदेव अरण्य बचाने के लिए महामहिम राज्यपाल के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
- हसदेव अरण्य को बचाने आदिवासी व अन्य समाज ने किया आंदोलन व धरना प्रदर्शन
-विशेष संवाददाता-
अम्बिकापुर/बैकुण्ठपुर 18 जून 2022(घटती-घटना)। हसदेव अरण्य को बचाने के लिए सरगुजा संभाग के अंबिकापुर में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, आदिवासी समाज व अन्य समाजसेवी द्वारा विरोध प्रदर्शन करते हुए विशाल आमसभा का आयोजन किया गया, यह आयोजन डाईट मैदान अंबिकापुर में रखा गया, जहां 3000 से अधिक लोग इस आंदोलन में शामिल हुए और धरना प्रदर्शन के बाद महामहिम राज्यपाल के नाम सरगुजा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
कोल ब्लाक का आवंटन किया गया है जिसमें लाखों पेड़ कटाई कर के कोयला उत्खन्न करने का कार्य प्रारम्भ किया जा रहा जो कि पाँचवी अनुसूची क्षेत्र अन्तर्गत है, परंतु कानून एवं संविधान का उल्लघन किया जा रहा है जिसे लेकर कई दिनो से आन्दोलन जारी है पर इस और किसी का ध्यान नहीं है जिस कारण आन्दोलन ख़त्म होने के बजाए बढ़ा ता ही जा रहा है गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, तमाम सामाजिक संगठन व आदिवासी संगठन के लोग बहुत तादात में हसदेव को लेकर लड़ाई लड़ रहे है जिन्होंने हसदेव जंगल की कटाई को लेकर मौजूदा प्रदेश सरकार व स्थानीय विधायक व मंत्री को जमकर खरी-खोटी सुनाई यहां तक की जमकर नारेबाजी भी की गई, स्थानीय विधायक व मंत्री टीएस सिंहदेव के लिए यह नारा लगाया कि टी एस शर्म करो हसदेव में पेड़ कटाई बंद करो, जैसे कई तरह के नारे लगाए गए और प्रदेश के मुखिया से लेकर देश के मुखिया तक को हसदेव की बर्बादी को लेकर खरी खोटी सुनाई गई, आन्दोलन कर्ताओ ने कहा की अदानी यह कह दे कि बिना पैसे दिए यहां कोयला निकालने आए हैं।
प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह कमरों का कहना है जिस प्रकार से सरगुजा संभाग में अवैध कटाई चल रहा है जिसके विरोध में हरिहरपुर, फतेहपुर व घाटवर्रा के लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं इसके बावजूद प्रदेश की सरकार जो है चोरी छुपे रात में अडानी से मिलकर जो पेड़ काटने का काम कर रही है क्षेत्र के विधायक भी हैं और इस सरकार में मंत्री भी हैं इनके पास पंचायत विभाग भी है कहा जाए तो एक जिम्मेदार मंत्री भी हैं खासकर पंचायत मंत्रालय उनके पास है जिसमें पेसा कानून और बहुत सारे जो ग्राम सभा के जिन लोगों ने उनके ऊपर आरोप लगाया है कि हम फर्जी है उसका जांच अभी तक नहीं किया, प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दोनों मिलकर जनता को गुमराह कर रहे हैं कोई कहता है कि गोली मै खाऊंगा और कोई कहता है गोली मैं नहीं मरवाउगा, क्योंकि स्टेट गवर्नमेंट के इशारे पर सारा काम हो रहा है केंद्र की सरकार भी इस में सामिल है हम चाहते हैं कि अडानी यहां से जाए। इस दौरान गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह कमरो, प्रदेश कार्यकारिणी अध्यक्ष कुलदीप सिंह मरकाम, प्रदेश महासचिव डीएल भास्कर, प्रदेश अध्यक्ष युवा मोर्चा प्रभु सिंह जगत, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता विजय पटेल, राष्ट्रीय कानूनी सलाहकार आशा सिंह पोया, प्रदेश अध्यक्ष गोड़वाना अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ मो. इश्तियाक अहमद, प्रदेश अध्यक्ष गोड़वाना किसान प्रकोष्ठ देवेंद्र सिंह मार्को, जिला अध्यक्ष गोंडवाना गणतंत्र पार्टी कोरिया केवल सिंह मरकाम, जिला अध्यक्ष गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सूरजपुर राम अधीन पोया, जिला अध्यक्ष गोंडवाना गणतंत्र पार्टी बलरामपुर हीरा सिंह पोर्ते, जिला अध्यक्ष सरगुजा बाल साय कोरार्म, प्रदेश उपाध्यक्ष गोड़वाना युवा मोर्चा दीपक सिंह मरावी, जिला प्रवक्ता गोडवान गणतंत्र पार्टी सरगुजा नवल सिंह वरकडे, संभागीय अध्यक्ष सरगुजा सुखराज सिंह पोय, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी जिला सरगुजा संरक्षक जीतम उईके, संभागीय कोषाध्यक्ष रामकुमार सिंह टेकाम, कार्यवाहक जिला अध्यक्ष देव साय पोया सहित कई लोग उपस्थित रहे।
यह है मांग
हसदेव अरण्य क्षेत्र परसा कोल ब्लाक आबंटन को निरस्त करने के लिए महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौप कहा गया की केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा हसदेव अरण्य क्षेत्र परसा कोल ब्लाक का आवंटन किया गया है जिसमें लाखों पेड़ कटाई कर के कोयला उत्खन्न करने का कार्य प्रारम्भ किया जा रहा जो कि पाँचवी अनुसूची क्षेत्र अन्तर्गत है, परंतु कानून एवं संविधान का उल्लघन किया जा रहा है पत्र के माध्यम से निम्नलिखित बिन्दुओं आपको अवगत कराय गया है की जल, जंगल, जमीन, जैव विविधता, जल स्त्रोत वन्य प्राणियों के रहवास आदिवासियों अजीविका संस्कृति और पर्यावरण के रक्षा के लिये सम्पुर्ण हसदेव अरण्य क्षेत्र को खनन में रखते हुए प्रस्तावित सभी कोयला खदानें निरस्त करें। परसा कोल ब्लाक प्रभावित गाँव साल्ही, घाटबर्रा, हरिहरपुर और फतेहपुर में फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव की जाँच और दोषियों पर कार्यवाही करें एवं समस्त कोल ब्लाक को निरस्त करें। पाँचवी अनुसूची का पुर्णतः पालन किया जावें साथ ही पेसा कानून लागू किया जावें । वनाधिकार अधिनियम 2006 का पालन की जावें। कोयला खनन हेतु वृक्षों का कटाई किया गया है। उक्त स्थानों में पुनः वृक्षारोपण कराया जावे।