एजेंसी, नई दिल्ली 18 जून 2022। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने कहा सरकार पहले से ही हरित ईंधन को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि जलमार्ग हमारे लिए सड़क की तुलना में परिवहन का एक सस्ता साधन है। सभी इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की कीमत अगले एक साल मे पेट्रोल गाड़ियों के बराबर होगी। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार पेट्रोल और डीजल के बजाय फसल अवशेषों से उत्पादित इथेनॉल को बढ़ावा दे रही है। मैं कोशिश कर रहा हूं कि ईवी की कीमतें कम कर जीवाष्म ईंधन पर खर्च किए गए पैसे को बचाया जाए। सरकार पहले से ही हरित ईंधन को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि जलमार्ग हमारे लिए सड़क की तुलना में परिवहन का एक सस्ता साधन है।
विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर 600 अरब डॉलर से नीचे
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 10 जून को समाप्त हफ्ते में 4.59 अरब डॉलर गिरकर 596.45 अरब डॉलर पर आ गया। इससे पहले के हफ्ते में यह 30.6 करोड़ डॉलर कम होकर 601 अरब डॉलर था। सोने का भंडार मामूली गिरकर 40.84 अरब डॉलर पर रहा। रिजर्व बैंक ने यह जानकारी शुक्रवार को दी।
पीएसीएल के निवेशक मोबाइल नंबर अपडेट करा सकेंगे
सेबी की एक उच्च स्तरीय समिति ने पीएसीएल के निवेशकों को मोबाइल नंबर अपडेट करने की सुविधा दी है। इस पर एसएमएस के जरिये निवेशक अपने मूल प्रमाणपत्र को जमा करने संबंध जानकारी हासिल कर सकेंगे। अप्रैल मे सेबी ने कहा था कि निवेशक एसएमएस मिलने के बाद 30 जून तक अपने मूल प्रमाणपत्र जमा कर दें। यह बस उन्हीं निवेशकों के लिए था, जिनकी रकम 10,001 से लेकर 15,00 रुपये तक थी।
यूनियन बैंक ने जमा पर बढ़ाई दर
यूनियन बैंक ने सावधि जमा पर ब्याज दरें बढ़ा दी है। एक बयान में बैंक ने कहा कि नई दर सभी समय के लिए लागू होगी। 2 करोड़ से कम और 46-90 दिन पर 0.55 फीसदी दर बढकर 4.05 फीसदी हो गई है। एक से दो साल की अवधि पर 0.35 फीसदी बढ़कर 5.45 फीसदी दर हो गई है। 181 दिन से एक साल के लिए 0.20 फीसदी ब्याज दर बढ़कर 4.60 फीसदी हो गई है।
जीएसटी स्लैब पर नहीं बन पाई सहमति
वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) में स्लैब और इनवर्टेड ड्यूटी के मामले पर चर्चा करने के लिए मंत्रियों के समूह की हुई बैठक में कोई आम राय नहीं बन पाई। अब इस मुद्दे पर फिर से बाद में चर्चा होगी। जीएसटी में फिलहाल चार स्लैब हैं। बैठक में राज्यों को जीएसटी मुआवजे की समय सीमा बढ़ाने की भी मांग की गई। इसमें राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, गोवा और अन्य राज्यों के मंत्री शामिल हुए।