ब्यूरो, मुंबई 17 जून 2022। आम लोगों के जीवन की प्रेम कहानी में एक लड़का होता है, एक लड़की होती है। कभी दोनों मिलते हैं। कभी दोनों झगड़ते हैं। लेकिन, प्रेम कहानी अगर किसी फिल्मी हीरो की हो तो फिर लड़का तो एक ही होता है लेकिन लड़की भी इस प्रेम कहानी में एक ही होगी, इसकी कोई गारंटी नहीं। भोजपुरी सुपर स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ और आम्रपाली दुबे के प्रेम प्रसंग के बारे में सबको पता है। भोजपुरी सिनेमा के नियमित दर्शकों को ये भी पता है कि आम्रपाली से पहले दिनेश लाल यादव निरहुआ के प्रेम प्रसंग के चर्चे पाखी हेगड़े के साथ भी खूब रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इन दोनों अभिनेत्रियों से पहले भी दिनेश लाल यादव की प्रेम कहानी में एक लड़की थी। वह लड़की जो निरहुआ के संघर्ष के दिनों की दोस्त थी और जो उनके तकरीबन हर म्यूजिक एल्बम का हिस्सा हुआ करती थी और जिसे शोहरत मिलने के बाद कहते हैं कि निरहुआ भूल गए।
ये प्रेम कहानी है निरहुआ के भोजपुरी सिनेमा में आने से पहले की। तब दिनेश लाल यादव निरहुआ अपने म्यूजिक एल्बम को लेकर खूब चर्चा में रहते थे। ‘निरहुआ सटल रहे’, ‘आ गइले नेता जी’ जैसे गानों से निरहुआ ने भोजपुरी म्यूजिक में गर्दा उड़ा दिया। और, इन्हीं गानों ने निरहुआ के लिए भोजपुरी सिनेमा के दरवाजे खोल दिए। इन गानों में निरहुआ की जोड़ी पूनम सागर के साथ थी। दर्शकों ने निरहुआ और पूनम सागर की जोड़ी को खूब पसंद भी किया। लोगों को लगा था कि निरहुआ के आने के बाद पूनम सागर की भी एंट्री भोजपुरी सिनेमा में हो जाएगी। लेकिन, पूनम सागर की मानें तो स्टार बनने के बाद दिनेश लाल यादव उनको भूल गए।
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भोजपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री में ये बात बच्चा-बच्चा जानता है कि निरहुआ और पूनम सागर की दोस्ती कितनी गहरी थी। उन दिनों दिनेश लाल यादव निरहुआ जहां भी स्टेज शो करने जाते थे, पूनम सागर भी साथ ही जाती थीं। लेकिन फिल्मों में आने के बाद पूनम सागर से निरहुआ की दूरी बढ़ने लगी और निरहुआ और पाखी हेगड़े की प्रेम कहानी शुरू हो गई। दिनेश लाल यादव निरहुआ और पाखी हेगड़े की पहली मुलाकात फिल्म ‘निरहुआ रिक्शावाला’ की शूटिंग के दौरान हुई थी। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान इन दोनों के बीच ऐसा कुछ हुआ कि पाखी हेगड़े और निरहुआ की जोड़ी कई फिल्मों में नजर आई।
पूनम सागर ने भोजपुरी फिल्म ‘यूपी बिहार एक्सप्रेस’ से भोजपुरी सिनेमा में कदम रखा जिसके निर्देशक राजकुमार आर पांडे थे। इस फिल्म के बाद पूनम सागर ने ‘विधाता’, ‘सात सहेलियां’ और ‘मुन्ना बजरंगी’ जैसी फिल्मों में काम किया। लेकिन वह सफल नहीं हो पाईं और भोजपुरी सिनेमा से दूर हो गईं। फिल्म ’सात सहेलियां’ का निर्देशन राजकुमार आर पांडे ने किया था, जिसमें भोजपुरी की सात अभिनेत्रियां थीं, जिसमें से एक पूनम सागर भी थीं। इस फिल्म में दिनेश लाल यादव निरहुआ और प्रदीप पांडे चिंटू ने काम किया था। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान जब पूनम की मुलाकात निरहुआ से हुई तो उन्हें लगा कि दिनेश लाल आगे उन्हें फिल्मों में प्रमोट करेंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। होता भी कैसे, उन दिनों निरहुआ और पाखी हेगड़े के बीच अफेयर के खूब चर्चे थे। ‘सात सहेलियां’ में पाखी हेगड़े ने भी काम किया था।
बताया जाता है कि जब दिनेश लाल यादव संघर्ष कर रहे थे तो उन्होंने पूनम सागर से वादा किया था कि अगर वो सफल हो गए तो पूनम सागर को फिल्मों के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा। बात तो उन्होंने सही ही कही थी, लेकिन पूनम सागर के लिए नहीं। जब वह फिल्में करते थे तो निर्माता के साथ उनकी शर्त होती थी कि फिल्म में हीरोइन पाखी ही होंगी। जब आम्रपाली दुबे की एंट्री हुई तो पाखी हेगड़े गायब हो गईं और उनकी फिल्मों की परमानेंट हीरोइन आम्रपाली दुबे हो गईं।