पुरी, 16 जून 2022। ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा पर 108 घड़े पानी से स्नान और श्रगार के बाद भगवान जगन्नाथ 15 दिन के लिए एकातवास मे चले जाते है भगवान जगन्नाथ 1 जुलाई को रथयात्रा के लिए बाहर आएगे। परपरा के अनुसार वे बीमार’ पड़ जाते है और एक पखवाड़े तक एकात मे रहते है।
जगन्नाथ सस्कृति के शोधकर्ता भास्कर मिश्रा के अनुसार केवल सेवको को मदिरो के अदर जाने की अनुमति है, जहा भगवान बीमार पड़ने के बाद विश्राम करते है। मिश्रा ने कहा कि देवताओ को बीमार पड़ने पर ‘अनासर घर’ नामक कमरे मे एकात मे रखा गया। महल के राज वैद्य के निर्देश पर उनका इलाज जड़ी-बूटियो, फूलो और जड़ के अर्क से किया जा रहा है।
उन्होने कहा कि भगवान बालभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ का ठीक उसी तरह से उपचार किया जाता है, जैसा किसी मनुष्य का बीमार पड़ने पर किया जाता है।
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