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अम्बिकापुर@जिला कलेक्टर संजीव झा व एसडीएम प्रदीप साहू का तबादला क्यों कराना चाहते हैं बिल्डर?

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  • लालमाटी के अवैध निर्माण पर किसके संरक्षण में चल रहा है स्पॉ सेंटर,रेस्टोरेंट जिम…
  • अवैध प्लाटिंग में निर्मित वसुंधरा सनसिटी को कैसे मिला मूलभूत सुविधा…


-विशेष संवाददाता-
अम्बिकापुर,12 जून 2022(घटती-घटना)
।सरगुजा जिले के मुख्यालय अम्बिकापुर के कुछ बिल्डर सरगुजा कलेक्टर संजीव झा व एसडीएम प्रदीप साहू का तबादला कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर क्यों लगा रहे हैं? राजस्व सूत्रों की मानें तो इसके पीछे अवैध प्लाटिंग पर जांच व रोक को माना जा रहा है। वही ं वर्तमान में कुछ-एक मामले मेंं शिकायत को आधार बनाकर भूमि में प्लाटिंग कर करोड़ों में बेचे गए भवनों व भूमि को अवैध घोषित करने की मंशा से प्रकरण तैयार कर कार्यवाही के लिए मामला लंबित है। जिसमें मुख्य रूप से पहले मामले में केदारपुर निवासी श्रीमती सुशीला सिंह पत्नी श्री आर.बी.सिंह के नाम से ग्राम नमनाकला तहसील अम्बिकापुर जिला सरगुजा छ0ग0 में खसरा नंबर 2/32,रकबा 0.516 हे0 भूमि जिसका मुख्तारनामा आम वर्ष २००८ में के.एन.सिंह को प्राप्त हुआ था जिसे श्री सिंह के द्वारा बिना कॉलोनाईजर लायसेंस प्राप्त किए ही अवैध रूप से छोटे-छोटे टुकड़ों में बिक्रय कर दिया गया है। उक्त भूमि में वर्तमान में वसुंधरा सनसिटी निर्मित कर क्रेतागणों को रजिस्ट्री कर काबिज करवा दिया गया है। वर्तमान में उक्त भूमि में कोई शेष पड़त भूमि नहीं है। जबकि शासकीय दस्तावेजों में उक्त रकबा आज भी श्रीमती सुशीला सिंह के नाम से ही दर्ज है। तदुपरांत श्रीमती सुशीला सिंह के विरूद्ध छत्तीसगढ़ पंचायत राज्य अधिनियम 1993 (क्रमांक 1 सन् 1994) और उसके अधीन बनाए गए ग्राम पंचायत (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बधंन तथा शर्तें) नियम १९९९ के नियम १५ के तहत कार्यवाही करते हुए उक्त भूमि का प्रबंधन अधिकार शासन के अधीन करने का प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। वही दूसरे मामले में जय हुनमान इंन्फ्रास्टेट के डायरेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल आ0 ईश्वरचंद अग्रवाल के नाम पर ग्राम लालमाटी तहसील लुण्ड्रा जिला सरगुजा छ0ग0 में खसरा नंबर 1/28 रकबा 3.373 हे0 भूमि स्थित थी को डायरेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल ने आज से लगभग बारह वर्ष पूर्व जाहिद अली वगैरह पिता मो0 आवेश जाति मुसलमान से क्रय किया था उक्त भूमि को इनके द्वारा आज से लगभग दस वर्ष पूर्व अवैध रूप से छोटे-छोटे टुकड़ों में बिक्रय कर कॉलोनी का निर्माण कराया गया जहां वर्तमान में स्पॉ सेंटर, रेस्टोरेंट, जिम,बैंक्वेट वगैरह संचालित है। जबकि आज की स्थिति में जय हनुमान इंन्फ्रास्टेट डायरेक्टर अनिल अग्रवाल के नाम से मात्र रकबा 0.410 हे0 भूमि ही शेष है उक्त भूमि खसरा नंबर 1/28 रकबा 3.373 हे0 का डायरेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल के द्वारा डायवर्सन भी नहीं कराया गया था और न ही कॉलोनी निर्माण की अनुमति ही प्राप्त की गई थी। श्री अग्रवाल द्वारा विधि एवं प्रक्रियाओंं को धता बताते हुए न सिर्फ अवैध कॉलोनी का निर्माण कराया गया है अपितु भूमि को बिना कॉलोनाईजर लायसेंस प्राप्त किये ही छोटे-छोटे टुकड़ों में विभक्त कर बिक्रय किया गया था। उक्त कृत्य के लिए श्री अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था किंतु उनके द्वारा कोई प्रतिउत्तर नहीं दिया गया। परिणामत: श्री अग्रवाल के विरूद्ध छत्तीसगढ़ पंचायत राज्य अधिनियम 1993(क्रमांक 1 सन् 1994) और उसके अधीन बनाए गए ग्राम पंचायत (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बधंन तथा शर्तें) नियम 1999 के नियम 15 के तहत कार्यवाही करते हुए उक्त भूमि/कॉलोनी का प्रबंधन का अधिकार शासन के अधीन करने का मामला माननीय न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी(रा) अम्बिकापुर जिला सरगुजा छ0ग0 में सुनवाई तिथि 17/06/2022 को दावा-आपत्ति केलिए जिस किसी व्यक्ति या संस्था को आपत्ति हो उपस्थित होने कहा गया है।
मामले के संबंध में राजस्व के जानकारों की मानें तो इस प्रकार के प्रकरणों में शहरी क्षेत्र में निगम व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सक्षम अधिकारी एसडीएम होते हैं जो शिकायत या स्व संज्ञान से कार्यवाही कर सकते हैं। जबकि विगत कई दशक के बाद पहली दफ ा ऐसे मामले पर कार्यवाही होते देखा जा रहा है। जिससे ऐसे अवैध प्लाटिंग कर बड़ी-बड़ी कॉलोनी बनाने बिल्डरों में खलबची मच गया है।
ऐसे मामले एक नहीं सैंकड़ों
अम्बिकापुर जिला मुख्यालय होने के कारण नगर के आस-पास ग्रामीण क्षेत्रों मेंं ऐसे भूमियों का अवैध प्लाटिंग आसानी से देखा जा सकता है जो आपसी सांठ-गांठ व ऊँची पहुंच से अपने कारनामे को अंजाम देकर भूमि दलाल आज करोड़ों के आसामी बन गए हैं जिनकी राजस्व विभाग में पकड़ भी अच्छी मानी जाती है।
अवैध प्लाटिंग पर कार्यवाही संभव नहीं…
इस संबंध में एक नामी बिल्डर ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि नगर से लगे पांच किलोमीटर के परिधि मेें अगर अवैध प्लाटिंग की जांच हो जाए तो कई ऐसे कई रसूखदार जांच के घेरे में आ जाएंगे जो शराफ त का चोला पहन समाज में आदर्श बनने की कोशिश में लगे रहते हैं। हालांकि ये दोनों मामले हाईप्रोफ ाईल है जाहिर है मामला रफा-दफ ा हो जाये पर ये तो तय है कि भविष्य में ऐसे अवैध प्लाटिंग का पर्दाफ ाश होगा जो आज भी दु्रतगति से जारी है।


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