भू-माफिया शासन को गुमराह कर बिना नगर निवेश की अनुमति के नक्शा स्वीकृति करा मनमाने ढंग से करा रहे निर्माण कार्य।
राजस्व विभाग को गुमराह कर वेबसाइट प्रयोजन का नक्शा पास करवाते हुए रिहायशी कॉलोनी बनाकर मकान बेचने की जुगत में लगे भू-माफिया।
बिना कॉलोनाइजर रजिस्ट्रेशन के तयार हो रही कालोनी।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 10 जून 2022 (घटती-घटना)। शासकीय नियमों की अनदेखी कर मनमानी रवैया अपनाते हुए जमीनों की खरीदी बिक्री में लिप्त भू-माफिया इतने मदमस्त हो चले हैं कि इन्हें जमीनों की खरीदी बिक्री के लिए जारी शासन की तमाम गाइडलाइन एवं नियम व शर्तों से भी कोई लेना देना नहीं रह गया है। अपने आप को पाक साफ बताने वाले इन भू-माफियाओं द्वारा शासन को गुमराह करते हुए बिना नगर निवेश की अनुमति के ही बिना नक्शा स्वीकृति के ही मनमाने ढंग से निर्माण कार्य कर दिया गया है। यहां तक की राजस्व विभाग को गुमराह करते हुए वेबसाइट प्रयोजन का नक्शा पास करवाते हुए रिहायशी कॉलोनी बनाकर मकान बेचने की जुगत भी लगाई जा रही है।
ज्ञात हो आवेदिका श्वेता पोद्दार पत्नी रघुनाथ पोद्दार निवासी विवेकानंद चौक मनेंद्रगढ़ द्वारा मनेंद्रगढ़ तहसील ग्राम चैनपुर स्थित भूमि खसरा नंबर 370/4 रकवा 0.070 हेक्टेयर में से 950 वर्ग फुट पर बिना अनुमति मकान निर्मित कर बेचने की अनुमति अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मनेंद्रगढ़ द्वारा अनुमति मांगी गई थी किंतु अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जांच के दौरान पाया गया कि उक्त भूमि का व्यवसायिक डायवर्सन आवेदक द्वारा प्राप्त किया गया है साथ ही इस भूमि पर अवैध रूप से प्लाटिंग कर कई मकानों को निर्मित कर शाशकीय नियमो की अवहेलना कर बेचने का प्रयास किया जा रहा है। नजूल राजस्व निरीक्षक द्वारा अपने प्रतिवेदन में भी इस बात की पुष्टि की गई है की उक्त आवेदक द्वारा कॉलोनाइजर का किसी भी प्रकार का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है साथ अनुमति प्राप्त करने के लिए उनके द्वारा लगाए गए ले आउट नक्शे में नगर निवेश कार्यालय द्वारा मंजूरी की मोहर नहीं लगाई गई है। उपर्युक्त बातों को ध्यान में रखते हुए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मनेंद्रगढ़ द्वारा उपर्युक्त भूमि की बिक्री हेतु मंजूरी नहीं देने की अनुशंसा कलेक्टर कोरिया से की गई है।
निश्चित तौर पर यह पहला मामला नहीं है जिसमें भू-मालिकों द्वारा शासकीय नियमों को ताक में रखकर प्लॉटिंग हुआ भवन निर्मित कर बेचा जाता रहा है इस प्रकार से भूमि की अवैध बिक्री के कारण शासन को राजस्व की भारी क्षति होती है। शासन प्रशासन को चाहिए ही ऐसे भू माफियाओं के खिलाफ सख्ती से पेश आएं ताकि विक्रेता को बाद में किसी प्रकार की अनावश्यक परेशानी न झेलनी पड़े।
नयनतारा सिंह तोमर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मनेंद्रगढ़- शासकीय नियमों की पूर्ति के अभाव में किसी भी भूमि के बिक्री हेतु मंजूरी देना संभव नहीं है।
Check Also
कोरिया,@छोटे कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही करके क्या बड़े अधिकारियों को बचाया जा रहा,वनपाल एवं वनरक्षक हुआ निलंबित?
Share जब राष्ट्रीय पशु के मौत पर लापरवाही की आ रही थी बू, फिर भी …