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नई दिल्ली@मुस्लिमो΄ पर सॉफ्ट हुए आरएसएस चीफ के बाद नूपुर का सस्पे΄शन

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किस डायरेशन मे΄ बीजेपी
नई दिल्ली, 05 जून 2022।
भारतीय जनता पार्टी की ओर से रविवार एक बड़ा फैसला हुआ जिसमे΄ पार्टी के दो प्रवक्ताओ΄ के खिलाफ एशन लिया गया। बीजेपी ने राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पार्टी से सस्पे΄ड कर दिया वही΄ दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता नवीन कुमार जि΄दल को पार्टी से निकाल दिया। नूपुर शर्मा की गिनती पार्टी के तेज- तर्रार प्रवक्ताओ΄ मे΄ होती है और कल तक मीडिया के सामने पार्टी का स्टै΄ड मजबूती से रखती थी΄। 28 मई को टीवी डिबेट के दौरान पैग΄बर मोहम्मद पर उनकी ओर से की गई टिप्पणी के बाद ह΄गामा मचा हुआ था। भारत ही नही΄ दूसरे देशो΄ मे΄ भी इसका विरोध हो रहा था। कानपुर मे΄ भडक़ी हि΄सा के पीछे भी इस बयान को कारण बताया जा रहा है। बीजेपी की ओर से जो एशन लिया गया है उस पर भी चर्चा शुरू हो गई है हाला΄कि इस कार्रवाई की पटकथा कुछ दिन पहले ही लिखी जा चुकी थी।
बीजेपी की ओर से
पहले ही मिल गए थे स΄केत
पार्टी के दो नेताओ΄ पर जो कार्रवाई हुई उससे कुछ घ΄टे पहले बीजेपी ने एक बयान जारी कर कहा है कि पार्टी सभी धमोर्΄ का सम्मान करती है। पार्टी किसी भी धर्म से जुड़े व्यक्तित्व के आलोचना की कड़ी नि΄दा करती है। पार्टी ने इस स΄दर्भ मे΄ नुपूर शर्मा का सीधे-सीधे जिक्र नही΄ किया था। पार्टी की ओर से कहा गया कि भारत ने हजारो΄ साल के इतिहास मे΄ हर धर्म फलाफूला है। बीजेपी ऐसी किसी भी विचारधारा के खिलाफ है, जो किसी भी वर्ग या धर्म का अपमान या उसे बदनाम करती है। पार्टी ऐसे लोगो΄ और दर्शन को बढ़ावा नही΄ देती है।
बीजेपी सर्व प΄थ समभाव को मानती है और किसी भी धर्म के पूजनीयो΄ का अपमान बीजेपी स्वीकार नही΄ करती। पार्टी की ओर से जारी इस बयान के कुछ घ΄टे बाद ही नूपुर शर्मा को पार्टी की के΄द्रीय अनुशासन समिति की तरफ से पत्र भेजकर कहा गया है कि आपने अलग -अलग मसलो΄ पर पार्टी के स्टै΄ड से उलट विचार व्यक्त किए है΄। जो बीजेपी के स΄विधान का उल्ल΄घन है। इसलिए जा΄च पूरी होने तक नूपुर शर्मा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निल΄बित कर दिया गया वही΄ नवीन जि΄दल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
3 दिन पहले स΄घ प्रमुख का बयान और अब कार्रवाई
ज्ञानवापी मसले को लेकर इस वक्त देश मे΄ सियासत का दौर जारी है। नूपुर शर्मा की ओर से टीवी डिबेट पर जो टिप्पणी की गई वो इसी मुद्दे पर चर्चा के दौरान थी। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को ही कहा था कि ज्ञानवापी विवाद मे΄ आस्था के कुछ मुद्दे शामिल है΄ और इस पर अदालत का फैसला सर्वमान्य होना चाहिए। उन्हो΄ने कहा कि हर मस्जिद मे΄ शिवलि΄ग तलाशने और रोजाना एक नया विवाद खड़ा करने की जरूरत नही΄ है।
नागपुर मे΄ स΄गठन के एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह को स΄बोधित करते हुए भागवत ने कहा था कि आरएसएस पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि अयोध्या आ΄दोलन मे΄ स΄गठन की भागीदारी एक अपवाद थी और स΄घ भविष्य मे΄ ऐसे आ΄दोलन मे΄ शामिल नही΄ होगा। स΄घ के एक पदाधिकारी ने भागवत के कई बयानो΄ का जिक्र किया जिसमे΄ उन्हो΄ने कहा था कि हिन्दू राष्ट्र का यह अर्थ नही΄ है कि वहा΄ मुसलमानो΄ के लिये कोई स्थान नही΄ होगा। उन्हो΄ने कहा कि जिस दिन ऐसा होगा, वह हिन्दुत्व नही΄ रहेगा।
हिन्दुत्व वसुधैव कुटुम्बकम की बात करता है। वही΄ का΄ग्रेस की ओर से इस बयान पर निशाना साधा गया कि यह बात अपने कार्यकर्ताओ΄ को समझाए΄।
अरब देशो΄ मे΄ भी शुरू हो गया था विरोध
28 मई को टीवी डिबेट के दौरान बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा की ओर से पैग΄बर मोहम्मद पर टिप्पणी की गई थी। उनके आपिाजनक बयान के बाद मामला तूल पकडऩे लगा था। नूपुर शर्मा के खिलाफ कुछ राज्यो΄ मे΄ मामले दर्ज किए गए और गिरफ्तारी की मा΄ग की जाने लगी। यूपी के कानपुर मे΄ शुक्रवार को जो हि΄सा भडक़ी उसके पीछे इसी को कारण बताया जा रहा है। नूपुर शर्मा के बयान का असर अरब देशो΄ मे΄ भी शुरू हो गया था। कुवैत, दुबई, सऊदी अरब इन जगहो΄ पर विरोध शुरू था। सउदी अरब, कुवैत, बहरीन के सुपर स्टोर से भारतीय सामान हटाया दिया गया था और भारतीय सामान के बहिष्कार को लेकर लोग सोशल मीडिया पर लिख रहे थे।
यह विरोध ऐसे समय शुरू हुआ जब उपराष्ट्रपति एम वे΄कैया नायडू अरब दौरे पर है΄। रविवार को ही वे΄कैया नायडू ने कतर के प्रधानम΄त्री और गृह म΄त्री शेख खालिद बिन खलीफा बिन अदुल अज़ीज़ अल सानी से मुलाकात की। दोनो΄ नेताओ΄ ने प्रतिनिधिम΄डल स्तर की बातचीत की तथा व्यापार, निवेश, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग समेत द्विपक्षीय स΄ब΄धो΄ की समीक्षा की। उपराष्ट्रपति 30 मई से सात जून तक तीन देशो΄ के दौरे के अ΄तिम चरण मे΄ अरब मुल्क पहु΄चे है΄।
पीएम मोदी अपना और पराया नही΄ देखते
बीजेपी अल्पस΄ख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा कि इन दोनो΄ प्रवक्ताओ΄ पर एशन लेकर प्रधानम΄त्री ने यह स΄देश दिया है कि वह अपना-पराया नही΄ देखते, गलती होने पर सजा दी जाती है। सिद्दीकी ने कहा कि ये दोनो΄ प्रवक्ता विरोधियो΄ के जाल मे΄ फ΄स गए। प्रधानम΄त्री हमेशा हमको चेताते है΄ कि विकासवादी राजनीति को हराने के लिए विरोधी जाल बिछाए΄गे और उससे सावधान रहने की जरूरत है। लेकिन इन्हो΄ने सावधानी नही΄ बरती।
जमाल सिद्दीकी ने कहा कि इस फैसले से अल्पस΄ख्यक समाज के बीच मोदी जी के प्रति सम्मान और बढ़ा है। या सउदी अरब मे΄ हो रहे विरोध को देखते हुए यह फैसला लिया गया। इस पर जमाल जमाल सिद्दीकी ने कहा कि बीजेपी और प्रधानम΄त्री कभी किसी के दबाव मे΄ फैसला नही΄ लेते, जो सही होता है वह किया जाता है।


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