- कोरिया भाजपा के जिला उपाध्यक्ष देवेन्द्र तिवारी को बलरामपुर पुलिस ने जारी किया था नोटिस।
- मुस्लिम समुदाय के युवक की शिकायत पर देवेन्द्र तिवारी को जारी किया गया था नोटिस।
- बलरामपुर के एचडीएफसी बैंक में लगे एवम निकाले गए एक बोर्ड को लेकर देवेन्द्र तिवारी ने जारी किया था बयान।
- देवेंद्र तिवारी जवाब देने पहुंचे थे या शक्तिप्रदर्शन करने, उठ रहे हैं सवाल।
- सरगुजा संभाग के 2 जिले के बीच एक बयान को लेकर हुआ हिंदू मुस्लिम।
- हिंदू नेता ने सोशल मीडिया पर किया था कमेंट,मुस्लिम नेता ने नोटिस भिजवा।
- मुस्लिम नेता के नोटिस भेजे जाने से हिंदू नेता के समर्थक उत्तर गए सोशल मीडिया के मैदान में।
- कोरिया से हिंदू नेता ने कमेंट किया तो बलरामपुर से मुस्लिम नेता ने पुलिस को शिकायत कर नोटिस भिजवा दिया।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 04 जून 2022 (घटती-घटना)। सरगुजा संभाग ही एक ऐसा संभाग है जहां पर हिंदू मुस्लिम मुद्दे बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं डालते पर आजकल की राजनीति में यह संभाग भी उससे अछूता नहीं रह गया, अब इस संभाग के भी जिले में हिंदू-मुस्लिम होने लगा है और इसका त्वरित उदाहरण बलरामपुर के एक नेता द्वारा कोरिया के नेता को नोटिस भेजना और कोरिया के नेता का सोशल मीडिया में कमेंट करना क्या ऐसे में आपसी भाईचारा नहीं बिगड़ेगा। फिलहाल नोटिस मिलते ही राजनीति गर्म हो गई है और हिंदू नेता के समर्थक सोशल मीडिया पर कूद पड़े थे।
कोरिया जिला भाजपा के जिला उपाध्यक्ष देवेन्द्र तिवारी बलरामपुर पुलिस द्वारा जारी नोटिश का जवाब देने पूरे लाव लश्कर के साथ 4 जून को बलरामपुर पहुंचे। बलरामपुर जाने के पूर्व ही देवेंद्र तिवारी ने अपने बलरामपुर जाने की सूचना और बलरामपुर पुलिस के द्वारा निर्धारित जारी नोटिश की सूचना सार्वजनिक करते हुए पूरा माहौल बना दिया था कि वह बलरामपुर जा रहें हैं और जवाब देकर आएंगे। पूरे मामले में जो खास चीज देखने को मिली वह यह मिली कि देवेंद्र तिवारी ने बलरामपुर पुलिस द्वारा जारी नोटिश को पूरी तरह धार्मिक रंग दे दिया और साथ ही उन्होंने इस पूरे मामले में अपनी राजनीति भी चमका ली।
मुस्लिम युवक की शिकायत पर जारी हुआ था नोटिस
बलरामपुर पुलिस ने बलरामपुर के एक मुस्लिम युवक की शिकायत पर देवेंद्र तिवारी को नोटिश जारी किया था और 4 जून को उन्हें जवाब देने बलरामपुर बुलाया था। बलरामपुर पुलिस की तरफ से जारी नोटिश प्रक्रिया के तहत थी लेकिन उसे देवेंद्र तिवारी ने पूरी तरह धार्मिक और राजनीतिक रंग देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
क्या था मामला,आखिर किस बात पर जारी हुआ था नोटिस
बलरामपुर जिले के एचडीएफसी बैंक के छत पर एक बोर्ड लगा था जिसपर बलरामपुर लिखा था और राम शब्द के ऊपर धनुष बना हुआ था, मार्च 2022 में ही देवेंद्र तिवारी ने सोशल मीडिया पर उक्त बोर्ड को नीचे गिरा हुआ दिखाते हुए यह आरोप लगाया था कि यह हिन्दू भावनाओं के साथ मजाक है और हिन्दू आराध्य का अपमान है। बोर्ड क्यों निकालकर नीचे रखा गया इसपर उन्होंने सवाल किया था और आरोप लगाया था।
लाव लश्कर के साथ धर्म की राजनीति करने और राजनीति चमकाने का किया गया प्रयास
भाजपा नेता को बलरामपुर पुलिस ने नोटिस जारी किया था और 4 जून को जवाब देने बुलाया था। देवेंद्र तिवारी चाहते तो बिना लाव लश्कर भी बलरामपुर जा सकते थे और जवाब देकर आ सकते थे लेकिन उन्होंने पूरे मामले को धार्मिक और राजनीतिक रंग दिया और लाव लश्कर के साथ बलरामपुर पहुंचे। उन्होंने पूरे मसले पर अपनी राजनीति भी चमकाई और मामले को धार्मिक रंग देकर एक समुदाय विशेष की सहानुभूति भी लेने का भरपूर प्रयास किया ऐसा अब लोगों का कहना है।
शक्तिप्रदर्शन की तरह रहा पुलिस को बयान देने का पूरा मामला- भाजपा नेता देवेंद्र तिवारी जिस तरह पुलिस को बयान देने बलरामपुर पहुंचे और जिस लाव लश्कर के साथ पहुंचे उसे शक्तिप्रदर्शन से कम नहीं माना जा सकता ऐसा भी लोगों का कहना है। देवेंद्र तिवारी बलरामपुर पुलिस द्वारा जारी नोटिश पर अपनी पूरी राजनीति चमकाने के प्रयास में लगे रहे ऐसा भी कहा जा रहा है।
धार्मिक रूप से सहानुभूति लेने का पूरा प्रयास किया गया
पूरे मामले में भाजपा नेता देवेन्द्र तिवारी की तरफ से धार्मिक सहानुभूति लेने का पूरा प्रयास किया गया और एक समुदाय विशेष को उन्होंने यह जताया कि उनके लिए जारी पुलिस का यह नोटिस दूसरे समुदाय की तरफ से है और वह हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं। कुल मिलाकर एक समुदाय विशेष को लुभाने पुलिस को बयान देने जाने के पूरे कार्यक्रम को खूब प्रचारित किया गया जबकि मामला केवल बयान देने जाने का था।