बैकुण्ठपुर@किताब चोरी का मामला आखिर किसने चुराई किताब?

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  • कौन था इतना बड़ा किताब पढऩे का शौकीन, जिसने लाइब्रेरी से पूरी किताब ही चुरा ली?
  • लाहिड़ी महाविद्यालय से आखिर किताब की चोरी की वजह क्या ?…किसे थी किताब की जरूरत?
  • प्रदेश में पहली अनोखी चोरी लाहिड़ी कॉलेज की लाइब्रेरी से 50 हजार से ज्यादा किताबे हुई गायब।
  • 1953 से संचालित लाइब्रेरी में थी देश-विदेश के नामचीन लेखकों की किताब।
  • लाहिड़ी काँलेज के एल्युमिनी एसोसिएशन के अध्यक्ष श्याम बिहारी जायसवाल ने मामले का लिया जायजा।

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 31 मई 2022 (घटती-घटना)। चिरमिरी में कोयलांचल क्षेत्र में अभी तक कोयला, कबाड़, शराब व जुआ-सट्टा का अवैध धंधों की चर्चा बनी रहती थी। लेकिन अब 50 हजार से ज्यादा किताबों की चोरी का यह अपने आप में अनूठा मामला है। लेकिन कालेज की इन किताबों से पढ़कर यहां से निकले छात्रों के लिए यह भावनात्मक जुडाव का मुद्दा बन चुका है। चिरमिरी प्रदेश में अपनी तरह की पहली चोरी है जिसमे लाहिड़ी कॉलेज की 1953 से संचालित लाइब्रेरी से 50 हजार से ज्यादा की किताबों की चोरी होने का मामला आया है। लाइब्रेरी में थी देश-विदेश के नामचीन लेखकों की किताब।
गौरतलब यह है कि एक मात्र चिरमिरी शहर के शासकीय लाहिड़ी कॉलेज की पुरानी लाइब्रेरी से 50 हजार से ज्यादा किताबें चोरी हो गई। घटना की जानकारी कॉलेज प्रबंधन को 23 मई को हुई। कॉलेज से महज सौ मीटर की दूरी पर चोरो ने इस वारदात को अंजाम दिया है। कॉलेज प्रबंधन के अनुसार चोरी गई किताबों की कीमत आज के अनुसार एक करोड़ से अधिक की बताई जा रही है। कॉलेज प्रबंधन की लिखित शिकायत पर पुलिस ने अब तक केस दर्ज नहीं किया है। यह प्रदेश का पहला मामला लाहिड़ी कॉलेज संभाग के चिरमिरी शहर में 1953 से संचालित संभाग का पहला हायर एजुकेशन सेंटर रहा है। यहां की लाइबेरी में जाने-माने देश-विदेश के कई लेखकों की किताबें थी। साल 2014-15 में कॉलेज के लिए नए भवन और लाइब्रेरी के बनने के बाद पुरानी लाइब्रेरी में रखी किताबों को कॉलेज प्रबंधन की ओर से नए भवन में शिफ्ट नहीं कराया गया था। प्रबंधन को इस बात का अंदाजा ही नहीं था कि कभी कॉलेज से किताबें चोरी हो सकती हैं। लाइबेरी से किताबों के चोरी होने की जानकारी कॉलेज प्रबंधन को 23 मई को हुई। लाइब्रेरी की बाउंड्री के गेट का ताला टूटा होने से भवन का दरवाजा तोडक़र लाइब्रेरी के अंदर चोर दाखिल हुए और वहां रखो सभी अलमारी की किताबों को ले गए।
एल्युमिनी एसोसिएशन के अध्यक्ष श्याम बिहारी जायसवाल लिया जायजा
अविभाजित छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश के सबसे पुराने कालेजों मे शुमार 1953 में स्थापित शासकीय लाहिड़ी स्नात्कोत्तर महाविद्यालय जहां से 50 हजार से ज्यादा किताबें चारी होने का मामला सामने आया है। जिसकी जानकारी के बाद लाहिड़ी पीजी काँलेज के एल्युमिनी एसोसिएशन के अध्यक्ष श्याम बिहारी जायसवाल ने पहुंचकर इसका जायजा लिया। ज्ञात हो कि चिरमिरी शहर में 1953 से संचालित शासकीय लाहिड़ी पीजी कालेज 6 दशक पूर्व का अपने आप में प्रख्यात कालेजों में से एक रहा है। जहां से कई शासकीय, प्रशासनिक व राजनितिज्ञों ने इस महाविद्यालय से अध्यापन कर क्षेत्र को गौरवांवित किया है। इसी कालेज में अपनी तहर का नया मामला सामने आया है। जिसमें कालेज की लाईब्रेरी से 50 हजार से ज्यादा किताबे चोरी होने का है। इस मामले में महाविद्यालय परिसर पहुंचे पूर्व छात्रों के एल्युमिनी एसोसिएशन अध्यक्ष व पूर्व छात्र श्याम बिहारी जायसवाल ने मौके पर पहुंचकर उन्होने इसका जायजा लिया। इस दौरान श्री जायसवाल ने कहा कि यह कालेज ही नहीं है विद्या के मंदिर के साथ साथ चिरमिरी के धरोहर एवं प्रगति की महत्वपूर्ण कडी है। जिसको स्व. विभूति भूषण लाहिड़ी ने एक दूर दृष्टता के साथ इसकी स्थापना की थी। यहां सर्वसुविधायुक्त प्रोफेसर काँलोनी, लाइब्रेरी, स्टाफ कक्ष, लैब, हर फेकल्टी के लिए रूम, आडिटोरियम, कैंटिन छात्राओं के लिए काँमन हाँला था। एक-एक करके सभी की दशा और दिशा बदली है। 6 दशक पुराने इस महाविद्यालय से मैने भी अपनी एमएससी की पढ़ाई पूर्ण की है। छात्रों के लिए लाइब्रेरी एक बहुत महत्वपूर्ण जरिया होता है अध्ययन करने के लिए क्योंकि हमने भी लाइब्रेरी से सभी किताबे लेकर अपनी पढ़ाई पूरी की है। यहा आज मै खुद देख रहा था कि सन् 1930 की किताबें अभी भी लाइब्रेरी में है जो अध्ययन के लायक है। कई लोगों का कहना है कि सिलेबस से बाहर हो चुकी है किताबें तो मै उन्हे बताना चाहता हूं कि यहां जो भी किताबें थी वे सभी अध्ययन के लायक थी और रिफरेंस के रूप में छात्रों को उनकी जरूरत हमेशा पड़ती है।
प्राचार्य आरती तिवारी ने बताया कि 17 तारीख को जब मै कॉलेज आई हूं तो मुझे लाइब्रेरी के प्रभारी ने बताया कि पुरानी लाइब्रेरी का ताला टूटा हुआ है। फिर अन्य स्टॉफो को भेजकर देखने को कहा जिसके बाद स्टाफो ने बताया कि सभी आलमारियों से किताबें गायब है। इसके बाद हमने तुरंत चिरमिरी थाने में लिखित सूचना भेजी। मै खुद इस महाविद्यालय से 2 दशकों से जुडी हुई हूं। यह घटना मुझे भी आश्चर्य चकित कर गई है।
टीआई कमलकांत शुक्ला ने बताया कि मामला हमारे ग्रंथपाल के द्वारा किताबें चोरी होने की सूचना पर धारा 457, 380 भादवि के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। प्रथम सूचना पत्र के बाद सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है। विवेचना उपरांत आगे हम कुछ कह पायेंगे।


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