अम्बिकापुर,31 मई 2022(घटती-घटना)। मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 के धारा 49 (6) के चक्रव्यूह में फंस के रह गया है दोनो राज्यों के पेंशनर और महंगाई राहत के लिए बार बार गुहार लगा रहा है लेकिन राज्य की सरकारें अपनी हटवादी पूर्ण रवैया से अपने प्रदेश के बुजुर्गों का घोर मनोबल गिरते हुए अपमान कर रहीं हैं। मध्य प्रदेश की सरकार तो दो बार सचिव स्तर से छत्तीसगढ सरकार को पेंशनरों को राहत देने पत्र भी भेजा है लेकिन छत्तीसगढ़ की सरकार इन पत्रों को नजर अंदाज कर पेंशनरों के प्रति असंंवेदनशील रवैया अपनाए हुए है। भारतीय राज्य पेंशनर महासंघ के प्रांतिय सचिव प्रदीप सोनी एवम राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र नामदेव ने छत्तीसगढ़ सरकार से अनुरोध है कि तत्काल देश के अन्य राज्यों के समान बकाया 17त्न महंगाई राहत की घोषणा कर अपने राज्य के पेंशनरों को बढ़ती महंगाई से राहत दिलाए, साथ ही उत्तराखंड और झारखंड प्रदेश की सरकारों की भांति पुनर्गठन अधिनियम से मुक्ति दिलाते हुए और उपेक्षित ना करें।
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