अम्बिकापुर, 29 मई 2022 (घटती-घटना)। पहाड़ी कोरवा जनजाति महिला की मौत इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हो गई। परिजन का आरोप है कि 28 मई की रात को महिला की तबियत विगडऩे पर इसकी जानकारी ड्यूटी में तैनात स्टाफ नर्स को कई बार दी गई पर ये उसे देखने तक नहीं आए और न ही उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया। अंतत: महिला की मौत हो गई। महिला की मौत होने के बाद स्टाफ नर्स द्वारा उसे आईसीयू में भेजा गया। यहां आईसीयू के ड्यूटी डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जानकारी के अनुसार रामपति पति रामाधार पहाड़ी कोरवा उम्र 28 वर्ष बलरामपुर जिल के रामानुजगंज थाना क्षेत्र के रहने वाली थी। उसके पैर-हाथ में सूजन था। परिजन उसे इलाज के लिए वाड्रफनगर अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां उसकी स्थिति को गंभीर देखते हुए चिकित्सक उसे बेहतर इलाज के लिए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया था। परिजन यहां उसे फिमेल मेडिकल वार्ड में भर्ती करा कर इलाज करा रहे थे। महिला खून की कमी से भी पीडि़त थी। परिजन खून की भी व्यवस्था कर चढ़वा रहे थे। इसी बीच 28 मई की रात को महिला की तबियत ज्यदा विगडऩे लगा। रिजन महिला की तबियत विगडऩे की सूचना ड्यूटी में तैनात स्टाफ नर्स को जाकर कई बार दी इसके बावजूद भी स्टाफ नर्स उसे जाकर नहीं देख और न ही उसे उपचार के लिए पहल की गई। अंतत: इलाज के अभाव में महिला की मौत 29 मई की सुबह 6.45 बजे हो गई। महिला की जब सांसे बंद हो गई और उसके हाथ-पांव काम करना बंद कर दिया था परिजन ने पुन: इसकी जानकारी स्टाफ नर्स को जाकर दी। इसके बाद स्टाफ नर्स द्वारा आनन-फानन में उसे आईसीयू में भेजा गया यहां ड्यूटी डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया।
स्टाफ नर्स
करते रहे अनदेखी
मृतिका के भाई गोपाल कोरवा ने बताया कि स्टाफ नर्स की अनदेखी के कारण मेरी बहन की मौत हो गई। मृतिका की तबियत 28 मई की रात से विगडऩी शुरू हो गई थी। हम लोग कई बार स्टाफ नर्स को जाकर इसकी जानकारी दी पर वे नहीं सूने। स्टाफ नर्स का कहना था कि जब डॉक्टर बताएंगे तभी उसे आईसीयू में भेजा जाएगा। इधर महिला की तबियत विगड़ती चली गई और अंतत: वार्ड में ही उसकी मौत हो गई। मौत होने के बाद स्टाफ नर्स उसे आनन-फानन में आईसीयू में भेजा जहां आईसीयू के ड्यूटी डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इधर परिजन का कहना है कि अगर समय पर उसका उपचार होता रहता तो उसकी जान बच सकती थी।
कराई जाएगी जांच
महिला एनिमिया से पीडि़त थी। उसका उपचार फिमेल मेडिकल वार्ड में चल रहा था। सांस बढऩे पर उसे तत्काल आईसीयू में शिफ्ट कराया गया। उसे बचाने की कोशिश चिकित्सकों द्वारा की गई पर स्थिति गंभीर होने के कारण उसकी जान नहीं चल पाई। वहीं परिजन ने स्टाफ नर्स द्वारा लापरवाही किए जाने का जो आरोप लगाया है उसकी जांच कराई जाएगी।
डॉ.लखन सिंह,
मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक
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