अम्बिकापुर, 24 मई 2022(घटती-घटना)। केंद्रीय जेल अंबिकापुर में पिछले कुछ दिनों के अंदर 3 बंदियों की मौत बीमारी से इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हो गई। इसका मुख्य कारण केंद्रीय जेल में क्षमता से अधिक बंदियों के रहना वह डॉक्टरों की कमी बताई जा रही है। इस संबंध को लेकर सोमवार को शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह जिला चिकित्सालय के सांसद प्रतिनिधि वेदांता तिवारी ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर पुरुष चिकित्सक नियुक्त कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि केंद्रीय जेल अंबिकापुर में एक महिला डॉक्टर प्रगति सोनी है। यहाँ पुरुष डॉक्टर की भी नियुक्ति नहीं की गई है। इसका भी खामियाजा बंदियों को भुगतना पड़ता है। केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में बंदियों की क्षमता मात्र 1020 है जबकि क्षमता से ढाई गुना अधिक 2400 से ज्यादा बंदियों के बीच एकमात्र महिला डॉक्टर प्रगति सोनी है, जिनका कैदियों से व्यवहार भी बहुत ही रूखा व अमानवीय है, ऐसी शिकायते समय-समय पर कैदियों उनके परिजनों द्वारा निरन्तर मिलती ही रहती है। यहाँ पुरूष डॉक्टर की भी नियुक्ति नहीं की गई है। इसका भी खामियाजा बंदियों को भुगतना पड़ता है। वेदांता तिवारी ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर केन्द्रीय जेल अम्बिकापुर में कैदियों की क्षमता व संख्या के अनुपात में ही योग्य पुरुष चिकित्सक संलग्न किए जाने की मांग की है।
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