बैकुण्ठपुर@विधायक नंबर 1 हुए थे आलोचकों के शिकार

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फसी वाहन को धक्का मारने की वायरल तस्वीर पर विधायक को आलोचको ने घेरा बचाव में उतरे प्रतिनिधि आंकड़े सहित दिया जवाब
रवि सिंह
बैकुण्ठपुर 24 मई 2022 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ प्रदेश का विधानसभा क्रमांक 1 भरतपुर सोनहत वैसे तो बहोत ही विस्तृत क्षेत्रफल में फैला हुआ है और इसका क्षेत्रफल प्रदेश के सबसे बड़े विधानसभा क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है लेकिन यह विस्तृत क्षेत्र में फैला हुआ होने के अलावा आजतक इस क्षेत्र के कई गांव पहुंचविहीन बने हुए हैं और जहां आज भी आवागमन के लिए सड़क मार्गों की अनुपलब्धता है। क्षेत्र से जो भी विधायक चुना गया सभी ने क्षेत्र में विकास की बात कही और सभी ने यह भरशक बताने का प्रयास किया कि उनके अलावा कोई विकास नहीं कर सकता और उन्होंने जो विकास किया ऐसा आजादी के बाद पहली बार हुआ है और जो आज तक का सर्वोत्तम विकास है लेकिन यदि हकीकत देखी जाए तो एक ही बात साफ नजर आती है क्षेत्र के विधायकों ने कभी क्षेत्र की सही तरीके से सुध नहीं ली और जो कुछ भी विकास को लेकर दावे किए गए वह धरातल पर कम ही नजर आए जैसा कि अभी वायरल हो रही एक तस्वीर से भी समझ मे आ रहा है जिसमें विधायक की स्वयं की ही गाड़ी गंतब्य तक पहुंचने में दिक्कत करती नजर आई और बड़ी मुश्किलों से धक्का मारकर गाड़ी को किसी तरह गंतव्य तक पहुंचाया गया। जिसकी फोटो सोशल मिडिया में वरयल हो गई जिसके बात अलोचकोने विधायक को घेर लिया और तरह तरह की बात करने लगे, जिसपर उनके प्रतिनिधि राजन पाण्डेय ने आंकड़े सहित जवाब देते हुए कहा की सरगुजा सम्भाग के कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे है जिसमे भगौलिक परिस्थिति विपरीत है, जिनमे हमारा भरतपुर सोनहत विधानसभा भी है, हमारे विधानसभा क्षेत्र लगभग 500 से अधिक गांव शामिल हैं यदि विधायक एक दिन में एक ग्राम भी पहुचते हैं तो एक साल में पूरे विधानसभा क्षेत्र के सभी ग्रामो का दौरा नही हो सकता, पूर्व की सरकार के पिछले 10 सालों को लें तो 2 विधायक मिल कर आज तक अपनी पहुच इन ग्रामो में नही बना सके, ग्राम वासी उनके दीदार को तरसते रहे, आज यदि हमारे विधायक उन सभी पहुच विहीन क्षेत्रो तक पहुच रहे हैं तो इसमे किसी को दिक्कत नही होनी चाहिए। हमारे विधानसभा में बहुत से ऐसे ग्राम है जो पूरी तरह पहाड़ के बीच, घने जंगलों में वन भूमि पर, तो कही पार्क एरिया में बसे हैं ऐसे जगहों पर 3 साल की सरकार में उसमे भी आधा वक्त कोविड में लोक डाउन रहा ऐसे में तत्काल सड़क व्यवस्था दे पाना कठिन है, लेकिन गांव में पहुचना उपलब्धता सुनिश्चित करना पहुच कर राशन पेंशन, गांव के अंदर पुलिया सीसी सड़क आर्थिक सहायता की वयवस्था करना निश्चित तौर पर बड़ा कार्य ही है, क्योंकि ऐसे ग्रामो में 15 साल कुछ हुआ नही तो यहां शुरुवात शून्य से ही करनी पड़ रही है।
यह है आजादी के बाद के कार्य- विधायक प्रतिनिधि राजन पाण्डेय कहा जहां तक बात आजादी के बाद वाले मुद्दे की है तो आपको बता दूँ की आजादी के बाद आनंदपुर से नटवाहि की सड़क पर कार्य हो रहा है बसवाहि सड़क पटेल पारा पक्की सड़क आजादी के बाद ही बनी है, विक्रमपुर से कररी मार्ग आजादी के बाद ही बन रहा है, 26 गांव में आजादी के बाद पहली बार बिजली जा रही है, 44 नवीन ग्राम पंचायतों के साथ 9 नवीन धान खरीदी केंद्रों की स्थापना के अलावा बहुत सी ऐसी सड़के है जो आजादी के बाद बन रही हैं आप 3 साल में सोचेंगे कि पूरा क्षेत्र शहर की तर्ज पर हो तो ये सम्भव नही है, जंगलों व पार्क एरिया में बसे छोटे छोटे गांव जहां जनसंख्या मुश्किल से इकाई व दहाई की संख्या में है इन ग्रामो में जहां आज तक कोई विधायक नही गया वहां पर विधायक की पहुचता माने रखती है, फिर चाहे वो पैदल जाए या पिकप से, लेकिन पहुचे तो,ये बड़ी बात है, पहुचे तो लोगो की समस्याएं भी सुने उसके अनुरूप जो कार्य तत्काल हो सकते थे उनकी स्वीकृत्ति की घोषणा भी किये, बाकी जो बड़े बजट के कार्य होंगे उनके लिए भी प्रयास किया जाएगा, और हां जो ये बात इस खबर में लिखी है कि 3 साल बाद याद आयी है, उनको ये बताना चाहता हु की विधायक जी इससे पूर्व भी इसी तरह दौरा करते रहे हैं, नील कंठ की पहाड़ियों को पैदल चढ़ कर पार करने वाले, दसेर कछुवाखोह तक लोगो की बीच कई बार जा चुके हैं सोनहत के 104 गांव मुश्किल से 5 से गांव ही बचे हैं, सभी ग्रामो में बराबर की पहुचता है, खबर की हकीकत के लिए पत्रकार महोदय को फील्ड में जाना पड़ेगा, और एक बात, जिन जिन व्यक्तियों को ये लगता है खबरे छप रही है, और कार्य नही हुआ,मैं चैलेंज के साथ कहता हूं कि मुझे बताइये, सोनहत क्षेत्र में ऐसा कौन सा कार्य है जिसका भूमिपूजन हुआ और राशि सम्बंधित एजेंसी को नही मिली और कार्य नही हुआ।
आलोचकों की बाते- विधायक ने कैसा विकास कराया कि खुद उनकी गाड़ी फस गई, क्या फील गुड केवल खबरों तक? आजादी के बाद पहली बार था विकास का दावा, फिर भी गाड़ी को लगाना पड़ा धक्का। पथरीली सड़क पर गाड़ी को धक्का लगवाकर किसी तरह गंतव्य तक पहुंचे विधायक जी, विकास कार्यों सहित घोषणाओं की खुली पोल, किसी तरह गंतव्य तक पहुंच सके विधायक जी, विधायक अपने फेसबुक पेज से तस्वीर जारी कर बुरा फसे, विधायक जी आखिर क्या दिखना चाहते थे? क्या विधायक जी यह बतना चाहते थे की साढ़े तीन साल में विकास इनोवा जाने लाइक नहीं हुआ है?


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