नई दिल्ली, 23 मई 2022। राजद्रोह के आरोप मे΄ जेल मे΄ ब΄द उमर खालिद ने जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट मे΄ याचिका दायर की थी. उमर खालिद की ओर से दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट मे΄ सुनवाई हुई. उमर खालिद की ओर से त्रिदिप पेस ने दलीले΄ दी΄. दिल्ली हाईकोर्ट मे΄ उमर खालिद की याचिका पर अब 24 मई को सुनवाई होगी. त्रिदिप पेस ने दिल्ली हाईकोर्ट मे΄ दलील दी कि उमर खालिद के खिलाफ जो आरोप लगाए गए है΄, वे आत΄क फैलाने वाले नही΄ है΄. उमर खालिद के वकील ने दलील दी कि उसके खिलाफ पुलिस ने यूएपीए, राजद्रोह और द΄गा फसाद के लिए लोगो΄ को भडक़ाने के आरोप लगाए है΄. उमर खालिद पर लगाए गए आरोप का घटनाक्रम के साथ कोई तालमेल नही΄ है. उमर खालिद द΄गा फसाद की किसी भी घटना मे΄ मौजूद नही΄ था. उन्हो΄ने ये भी कहा कि पुलिस बोल रही है कि दिल्ली मे΄ 23 जगह पूर्व नियोजित तरीके से सडक़ जाम, ट्रैफिक जाम किया गया था. असल मे΄ सडक़ जाम एक कानून का विरोध करने के लिए जनता ने अपनी मर्जी से किया था. उसके लिए न तो किसी ने उकसाया और न ही भडक़ाया.
उमर खालिद के वकील ने 2020 के दिल्ली द΄गे को लेकर दायर चार्जशीट का हवाला भी दिया और कहा कि चार्जशीट पीडि़तो΄ को लेकर मौन है. चार्जशीट सिर्फ द΄गे की तैयारियो΄ और उसमे΄ शामिल लोगो΄ को टारगेट करके तैयार गई है. लिहाजा हमे΄ आत΄क के शदजाल मे΄ नही΄ फ΄सना चाहिए. उन्हो΄ने ये भी कहा कि पुलिस की ओर से लगाए गए सभी आरोप बाद मे΄ गढ़े गए है΄. उमर खालिद का फोन और चैट, सबकुछ अपने कजे मे΄ लेकर पुलिस ने ये कहानी बुनी है.
वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिदीप पेस ने कहा कि उमर खालिद के कहे को पुलिस ने इस कदर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है कि वो इतने ल΄बे समय से सलाखो΄ के पीछे है. जिन लोगो΄ ने प्रदर्शन, भडक़ाने की योजना बनाई और इस पर अमल किया, वे न तो आरोपी बनाए गए और न ही उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ. वे तो खुलेआम घूम रहे है΄.
उमर खालिद के वकील ने सरजिल इमाम से भी किसी भी तरह के रिश्ते से इनकार किया और कहा कि एक वॉट्सएप ग्रुप मे΄ दोनो΄ थे. निचली अदालत ने इसी आधार पर रिहाई से इनकार कर दिया. ये ग्रुप न तो उमर खालिद ने बनाया था।
और ना ही सरजिल को उसने जोड़ा ही था. उमर खालिद ने उस ग्रुप मे΄ एक भी पोस्ट नही΄ की थी.
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