अम्बिकापुर 21 मई 2022 (घटती-घटना)। वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र पांडे ने अंबिकापुर सर्किट हाउस में शुक्रवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि हरिहरपुर, फतेहपुर और साल्ही कोल ब्लॉक के लिए लगभग ढाई से 3 लाख पेड़ कटेंगे। ये पूरे छत्तीसगढ़ के लिए खराब स्थिति है। पेड़ नहीं हम सबकी हत्या के लिए दस्तावेज पर दस्तखत कर दिए गए हंै। उन्होंने कहा कि हसदेव कोल परियोजना के लिए 11 करोड़ 40 लाख टन कोयला खनन के लिए 15 सालों की अनुमति मिली थी। पर 10 साल में ही पूरा खनन कर लिया गया और 82 लाख टन कोयला निकाला गया। 98 लाख टन कोयला का पता तक नहीं चला। जहां जाना था वहां न जाकर कहीं और चला गया। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि लोगों को जंगल चाहिए कि बिजली। वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र पांडे ने कहां की हमें बिजली और जंगल दोनों चाहिए। अगर तय करनी पड़ी तो हमें जंगल की ज्यादा आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगर लालच छोड़ दिया जाए तो लोगों को जंगल और बिजली दोनों मिल जाएगी। इसके लिए योजना की जरूरत है। लेकिन लालच के कारण इस पर पर्दा डाल दिया गया है। इसमें लालच केवल भूपेश सरकार का ही नहीं बल्कि राजस्थान सरकार के साथ-साथ खनन ठेकेदार का भी जुड़ा हुआ है। वीरेंद्र पांडे ने बताया कि छत्तीसगढ़ चुनाव में टीएस सिंह देव ने अदानी से पैसे देकर चुनाव में लगाए थे। यह सभी को मालूम है। अडानी ना तो मोदी का आदमी है और ना किसी और का वह धन का है। जिसके साथ उसे धन मिलेगा वह उसके साथ चला जाएगा। यह सारा काम लालच के कारण हो रहा है इसे रोका जा सकता है। उन्होंने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि कॉल ब्लॉक आपके मृत्यु का फरमान है। पांडे ने कहा कि खदान शुरू करने से पहले यहां के सैकड़ों ग्रामीणों को दूसरे स्थानों पर विस्थापन करना पड़ेगा। इसके लिए चार गुना मुआवजा भी देना पड़ेगा। फिर खदान चलाने के लिए खर्चा होगा। इसके बाद कोल परिवहन व खदान से प्रदूषण फैलेगा। इन सारी प्रक्रियाओं में जितने खर्च आएंगे उससे कम खर्च में नवीनीकरण के तहत ऊर्जा से चलाया जा सकता है। जितनी बिजली इसके कोयले से बनेगी, उससे ज्यादा सोलर पैनल लगाकर बिजली बनाई जा सकती है।
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