- कोरिया जिले का जिला चिकित्सालय वैसे भी डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है।
- एक चिकित्सक के स्थानांतरण से फिर चिकित्सक की कमी देखने को मिलेगी।
- जिस चिकित्सक की वजह से जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था है बदहाल आखिर उसका तबादला कब?
- जिले में चिकित्सक पदस्थापना की बजाए उनका तबादला कितना उचित।
–रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 19 मई 2022 (घटती-घटना)। पदोन्नत होकर जिला चिकित्सालय से एक चिकित्सक की हुई छुट्टी, कोरिया का जिला चिकित्सालय वैसे भी डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है पर इसका फिक्र किसी को नहीं है। एक चिकित्सक के स्थानांतरण से फिर चिकित्सक की कमी देखने को मिलेगी। जिस चिकित्सक की वजह से जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था है बदहाल आखिर उसका तबादला कब? जिले में चिकित्सक पदस्थापना की बजाए उनका तबादला कितना उचित। कहा जा रहा है कि यह स्थानांतरण राजनीतिक के तहत हुआ है ताकि सीएमएचओ पद का कोई नया दावेदार ना हो सके, क्योंकि यदि सीएमएचओ पद का दावेदार होगा तो सीएमएचओ साहब की छुट्टी होने पर तत्काल उस मौजूदा दावेदार का सीएमएचओ बना दिया जाएगा, जिस वजह से क्यों ना चिकित्सक को ही जिले से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाए, ताकि वर्तमान सीएमएचओ के साथ जिला स्वास्थ्य विभाग की बदहाली का आलम जारी रह सके।
जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर से एक चिकित्सक का तबादला कर दिया गया है यह तबादला चिकित्सक की पदोन्नति उपरांत की गई है और अब जिला चिकित्सालय कोरिया बैकुंठपुर में एक चिकित्सक फिर से कम हो गए हैं। जिला चिकित्सालय वैसे भी चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा था ऐसे में एक चिकित्सक के तबादले से जिला चिकित्सालय में और भी समस्या मरीजों के समक्ष उत्पन्न होगी। यह तबादला जिलेभर के लोगों के स्वास्थ्य सुविधाओं में कटौती जैसा और भी तब जान पड़ता है जब अभी हाल ही में सड़क पर स्ट्रेचर पर मरीज को इलाज के लिए सड़कों पर से होकर ले जाते वीडियो देखा गया था जो मरीज के लिए चिकित्सक ढूंढते परिजनों का वीडियो था।
जिले की साथ ही जिला चिकित्सालय की स्वास्थ्य व्यवस्था को वैसे ही एक चिकित्सक ने बदहाल कर रखा है और लगातार जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था उक्त चिकित्सक की वजह से बदहाल भी होती ही जा रही है उसमें अब एक योग्य चिकित्सक के तबादले से आगे और भी जिला चिकित्सालय की व्यवस्था बदहाल होगी इसमें कोई शक नहीं है। जिला चिकित्सालय से पदोन्नति उपरांत यदि चिकित्सक को बाहर भेजना अनिवार्य ही था नियमानुसार तो उनके स्थान पर चिकित्सक की पदस्थापना भी की जानी थी। वैसे अब जिले के जनप्रतिनिधियों को भी इस ओर ध्यान देना होगा कि जिले से जा रहे उक्त चिकित्सक को किसी तरह वह रोक सकें जिससे जिला चिकित्सालय की स्वास्थ्य सुविधाओं पर असर न पड़े।