शासकीय स्वीकृति नहीं,कोई बजट नहीं फिर भी युद्ध स्तर पर चकाचक कार्य जारी
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 19 मई 2022 (घटती-घटना)। जबसे आगामी 9 जून से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का तीन दिवसीय दौरा कार्यक्रम कोरिया जिले में निर्धारित हुआ है तबसे अन्य विभागों के अलावा वन विभाग में भी भागम भाग की स्थिति व्याप्त है। सूरजपुर के डीएफओ और रेंजर पर हुई कार्यवाही का अच्छा खासा डर का माहौल मनेंद्रगढ़ वन मंडल के अधिकारी और कर्मचारियों के बीच भी बना हुआ है। कोई रेंजर मजदूरों के मजदूरी की गप्प की गई राशि को बुला बुलाकर बांट रहे हैं तो कई रेंजर दूसरों की कारगुज़ारी को ढांकने में व्यस्त हैं। कहीं पर गौठान पर लीपापोती जारी है तो कहीं पर दिखावटी बगीचे बनाए जा रहे हैं। मतलब ये कह सकते हैं कि बगल जिले की कार्यवाही की धमक का अच्छा खासा असर यहां पर देखा जा रहा है। बिल्कुल डरे सहमे मुद्रा में दानापानी लेकर जंगलों में डटे हुए हैं। तो वहीं दूसरी ओर नेताओं की आवभगत में कोई गुस्ताखी न हो उसके लिए भी नियम विरूद्ध गतिविधियां भी वन विभाग में देखी जा रही हैं।
डीएफओ साहब किस पैसे से विश्राम गृह किए जा रहे हैं चकाचक?
आपको जानकर आश्चर्य होगा की मनेंद्रगढ़ वन मंडल अंतर्गत आने वाले बिहारपुर रेंज, केल्हारी रेंज, मनेंद्रगढ़ रेंज तथा अन्य रेंजो के काम चलाऊ रेस्ट हाऊसों को बिना किसी बजट, आबंटन या फिर बिना किसी स्वीकृति के भारी भरकम राशि व्यय करके उन्हें अपग्रेड किया जा रहा है। जबकि नियम से ऐसे किसी भी कार्य जिनके लिए पहले से स्वीकृति नहीं मिली हो, उसके लिए अतिरिक्त बजट या आबंटन जारी नहीं किया गया हो या फिर खर्च बावत कोई स्वीकृति ना मिली हो उसे करना कतई जायज़ नहीं होता, लेकिन मनेंद्रगढ़ वन मंडल के डीएफओ साहब द्वारा ना जाने किस तरह की राशि का उपयोग करके रेस्ट हाऊसों में टाइल पुट्टी, मार्बल, एसी और लग्जऱी सोफ़ा कुर्सी पर जमकर पैसा उड़ाया जा रहा है। जब की नियम से इस समस्त खर्च राशि का भुगतान भी भविष्य में संभव नहीं है। तो अब सवाल ये उठता है की आखिर ये सब किस लिए और किस पैसे की बिना सीजन होली खेली जा रही है। क्या डीएफओ मनेंद्रगढ़ इस मामले पर संतोषजनक तर्क दे पाएंगे की नियम से कराया जा रहा है यह कार्य या फिर उधार और जुगाड़ की कुर्सी पर बैठे तिकड़म बाज़ डबल स्टार रेंजरो की उल्टी सीधी कमाई का हिस्सा जाया होगा, इस विश्राम गृह के सौंदर्यीकरण कार्य में, बहरहाल हम जानते हैं की इस बात का कोई भी जवाब फिलहाल सही रास्तों पर नहीं जा सकता है, रही बात बरगलाने की तो इसके आदतनों से उम्मीद भी नहीं है कि हर बात सही कहें।