बैकुण्ठपुर@भाजपा ने दिखाया दम,35 सौ लोगों ने दी गिरफ्तारी

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  • प्रदेश सरकार आवाज दबाना चाहती है जिसके विरोध में भाजपा ने किया जेल भरो आंदोलन।
  • जिलाध्यक्ष ने कहा 35 सौ लोगों हुए आंदोलन में शामिल पुलिस गिरफ्तारी दिखाएगी कम।
  • भाजपाइयों का कहना अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन इतना ज्यादा गिरफ्तारी किसी ने नहीं दिया होगा।
  • पुलिस के अनुसार 265 की हुई गिरफ्तारी, पुलिस झूठी या भाजपाई।

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 16 मई 2022 (घटती-घटना)। कांग्रेस द्वारा आन्दोलन एवं अन्य कार्यक्रमों के लिए जारी किये गये आदेश के खिलाफ नगर पालिका काम्प्लेक्स में आयोजित विशाल सभा व जेल भरो आंदोलन सम्पन्न हुआ। भाजपा के द्वारा जेल भरो आंदोलन का आयोजन किया गया इस आंदोलन में 3500 भाजपाई शामिल हुए और 3500 भाजपाइयों ने गिरफ्तारी दी पर पुलिस के आंकड़ों के अनुसार सिर्फ 265 लोगों की ही गिरफ्तारी हुई भाजपाइयों का कहना है कि पुलिस जानबूझकर आंकड़ा छुपा रही है 3500 भाजपाई गिरफ्तारी देने पहुंचे थे अब झूठ कौन बोल रहा है यह तो पता नहीं पर आंदोलन उग्र था जमकर भाजपाई कांग्रेसियों पर बरसे और खरी खोटी सुनाएं और मौजूदा सरकार को आड़े हाथ लिया अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन बीजेपी का बताया जा रहा है जो पूरे प्रदेश भर में देखा गया। इस जेल भरो आंदोलन में भाजपा जिला महामंत्री जमुना पांडेय, डम्बरु बेहरा, जिला उपाध्यक्ष श्रीमती गौरी हथगेन, शैलेश शिवहरे, देवेंद्र तिवारी, कोषाध्यक्ष राहुल सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती नवीता शिवहरे, मंडल अध्यक्ष भानुपाल, अभिमन्यु मृदुली, धीरेंद्र साहू, राजेन्द्र चक्रधारी, कपिल जायसवाल, ईश्वर राजवाड़े, रघुनंदन यादव, धर्मेंद्र पटवा, जनार्दन साहू सहित तीनों विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के लगभग 3500 लोगो ने अपनी गिरफ्तारी दी।
दुर्भाग्य है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार असहमित के हर आवाज का दमन करना चाहती है
किसान मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष श्याम बिहारी जायसवाल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश के श्रमजीवियो समेत समाज के सभी तबको ने अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लम्बी लडाइयां लड़ी है और उसके बाद हम आज यहां तक पहुचे है। दुभार्ग्य यह है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब असहमित के हर आवाज का दमन करना चाहती है। उसने एक काला आदेश निकाल कर रैलियों और प्रदर्शन पर कड़े प्रतिबन्ध और शर्तो को थोपने का काम किया है। श्री जायसवाल ने आगे कहा कि आप सभी अच्छी तरह जानते है कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के सपनो को छलने का काम किया है। उसने प्रदेश की सीधी-सच्ची जनता को दर्जनों लुभावने सपने दिखा कर, उनसे सैकड़ो वादे कर सत्ता हड़प ली। और अब जिस जनता ने उसे सत्ता सौपी, उसी के साथ वह बर्बरता की सीमा लांघते हुए, प्रदेश के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार की नृशंस कर रही है। ऐसे समय पर जब भाजपा बाबा साहेब डा. भीम राव अम्बेडकर जी की जयंती को ‘सामाजिक न्याय पखवाड़ा’ के रूप में मना रही है, तब छत्तीसगढ़ की जनता के साथ कांग्रेस असामाजिक, अलोकतांत्रिक अन्याय करने पर उतारू है। बाबा साहेब के संविधान दवारा प्रदत्त लोकतान्त्रिक अधिकारों की हत्या की कोशिश कर रही है कांग्रेस।
अभिव्यक्तिकी आज़जादी
को कुचल जा रहा

सभा को संबोधित करते हूए जिलाध्यक्ष कृष्ण बिहारी जायसवाल ने कहा कि भपेश सरकार ने एक तुगलकी आदेश जारी कर प्रदेश भर के सभी निजी, सार्वजनिक, धार्मिक, राजनितिक, अन्य संगठनों दवारा प्रस्तावित आयोजनों पर जिसमे भीड़ आती हो, उसे रोकने के लिए 19 बिन्दुओ की शर्त लगाई गयी है, और उसका कठोरता से पालन सुनिश्चित करने को कहा है, इन शर्तो का पूरी तरह पालन कर कोई भी बड़ा धार्मिक/राजनितिक/सामाजिक आयोजन संभव ही नहीं है। अत: सीधे तौर पर सरकार यह चाहती है कि जन संगठनों के विरोध प्रदर्शन को, असहमित की आवाज़ को, विपक्ष को, धार्मिक भावनाओं को, अभिव्यक्ति की आज़ादी को कुचल दे। कांग्रेस का ऐसा करने का इतिहास भी रहा है, आपातकाल लगा कर उसने हम जीने तक के अधिकार से वंचित कर दिया था।
न्याय के बदले,कांग्रेस सरकार जुबान बंद
करने पर उतारू

उद्बोधन में कोरिया जिला प्रभारी प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा कि ऐसे समय पर जब कांग्रेस सरकार दवारा प्रदेश के किसान, युवाओं के साथ धोखा हुआ है। जब शिक्षक अभ्यर्थी, विद्या मितान, पुलिस अभ्यर्थी, बिजली कर्मचारी, कोरोना वारियर्स, संविदा कर्मी, आदिवासी, महिलाये, आंगनवाड़ी कायकतार्एं…. सभी अपनी मानगो को लेकर आंदोलित है, जब प्रदर्शन के दौरान किसान अपनी जान दे रहे है जैसा नया रायपुर में हुआ, युवा आत्महत्या कर रहे है, तब इन अक्रोशो को ख़त्म कर उन्हें न्याय देने के बदले, कांग्रेस सरकार उनकी जुबान बंद करने पर उतारू है। जबरा मारे और रोने भी न दे। लखीमपुर में छग का करोड़ो लुटा आने वाले बघेल के पास अपने मतदाताओं को देने के लिए बस लाठी है, जिस तरह रायपुर में आंदोलनकारियो को पिछले हफ्ते ही जूतों से कांग्रेस सरकार दवारा कुचला गया, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियो तक के दवारा जम कर उन पर लाठी- मुक्के बरसाए गए, अब इस नए तुगलकी आदेश के बाद ऐसे तत्व और किस तरह जनता का दमन करेंगे, इसकी कल्पना की जा सकती है।
स्वतंत्र भारत के इतिहास में बिना घोषित किये हुए ऐसा आपातकाल
पूर्व विधायक भैयालाल राजवाड़े ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस आदेश में सबसे आपत्तिजनक और असंवैधानिक बिन्दु आयोजकों से हलफनामा लिया जाना है। उसके बाद आयोजन के दौरान किसी भी तरह का किथत उल्लंघन होने पर सीधे उन पर कानूनी कार्यवाही होगी। मतलब अब प्रदेश में हर कार्यक्रम अंतत: शासन के रहमोकरम पर निर्भर होगा? आंखिर कोई शासन अपने ही खिलाफ किसी प्रदशन के लिए अनुमित क्यों इस आदेश से अब जब भी शासन का मन होगा वह किसी न किसी शर्त के उल्लंघन के आरोप में आयोजको को जेल में डाल देगी। या किसी न किसी बहाने प्रदशन की अनुमित ही नहीं देगी। आयोजको पर हमेशा आतंक बना कर रखना चाहती है सरकार। इस आदेश में ऐसे-ऐसे प्रावधान है जिससे जान-बूझकर भी किसी आयोजन में अशांति पैदा कर भी उसक आयोजक को जेल भेजा जा सकता है। उन्हें सजा दिला सकती है कांग्रेस। स्वतंत्र भारत के इितहास में बिना घोषित किये हुए ऐसा आपातकाल लगा देने का ऐसा शायद अन्य कोई उदाहरण नहीं होगा। द:ख की बात यह है कि इन्ही आंदोलनकारियो के पास जा-जा कर समथन के लिए हाथ फैला कर भूपेश बघेल आज यहां तक पहुंचे ह। लेकिन सत्ता के अहंकार में अब इनकी मांगो पर विचार करना तो दूर, इनकी आवाज तक छीन लेना चाहती है कांग्रेस। इससे अनैतिक, अपराधिक, असंवैधानिक, असभ्य, निंदनीय कदम किसी सरकार का और क्या हो सकता है भला? इस आदेश में उल्लेखित शर्तो के बिंदु 8, 12, 13, 14, 15, 18 और 19 में खासकर ऐसे प्रावधान है, जो सीधे तौर पर हमारे संवैधानिक मौलिक अधिकारों का हनन करते है। इस सनक भरे आदेश के तहत कांग्रेस वस्तुत: अपने राजनीतिक विरोधियो को और असहमित की आवाज़ बुलंद करने वाले समूह दल को चुन-चुन कर निशाना बनाने की फिराक में है। इसके तहत व्यव्हार में केवल कांग्रेस को ही अभिव्यक्ति एवं प्रदशन का अधिकारी रह जाएगा। जैसा उसने इस आदेश के बाद भी बिना डीआरएम कार्यालय घेराव अनुमित बगैर कर साबित भी किया है। कांग्रेस की स्वेच्छाचारिता और उसका दमन इससे बढ़ेगा। वह इस आदेश की आड़ में अब लगातार टार्गेटेड हमले करेगी।
अपनी आज़ादी की रक्षा और लोकतांत्रिक अधिकार
पूर्व विधायक श्रीमती चंपा देवी पावले ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी, समाज के सभी वर्ग, संगठनो का आह्वान करती है की अपनी आज़ादी की रक्षा और लोकतांत्रिक अधिकार की बहाली हेतु सब साथ आये और विरोध करे। कांग्रेस सरकार अपना यह काला आदेश वापस ले। कांग्रेसी आपातकाल के खिलाफ पूर्व में भी आज़ादी की दूसरी लड़ाई लड़ कर जैसे देश ने जीत हासिल की थी, उसी तरह निश्चय ही हम छत्तीसगढ़ के लोग आज़ादी की इस तीसरी लड़ाई को भी दम-ख़म से लड़ते हुए कांग्रेस को फिर परास्त करेगी। कांग्रेस सरकार को हम हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों से खेलने नहीं देंगे। हम यह आदेश वापस लेने कांग्रेस को फिर से चेतावनी देते है। सभी आयोजक तब तक अपराधी है, जब तक कि वे निरपराध साबित न हो जाये। और खुद को निरपराध साबित करने की जिम्मेदारी भी मानो खुद आयोजक की हो। शासन उन्हें ऐसा संदिग्ध मानेगा, मानो वे आदतन अपराधी हो। ऐसा आदेश तो कभी अंग्रेजो ने भी नहीं दिया था जैसा उनके उत्तराधिकारी कांग्रेसी दे रहे।


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