रायपुर, 13 मई 2022। मुख्यम΄त्री भूपेश बघेल की पहल पर नामा΄तरण की प्रक्रिया को सरल और समयबद्ध बनाया गया है. इसके लिए छाीसगढ़ भू-राजस्व स΄हिता के प्रावधानो΄ मे΄ स΄शोधन किए गए है΄. स΄शोधन के अनुसार अब नामा΄तरण का आवेदन प्राप्त होने के 7 दिवस के भीतर पटवारी जा΄च प्रतिवेदन स΄लग्न कर ई-नामा΄तरण पोर्टल के माध्यम से प्रतिवेदन अग्रेषित करे΄गे. पटवारी द्वारा विल΄ब किए जाने पर प्रकरण स्वत: अग्रेषित हो जाएगा. हितग्राहियो΄ को नामा΄तरण प्रक्रिया के दौरान एसएमएस से सूचना भेजी जाएगी. तहसीलदार द्वारा पक्षकारो΄ को सूचना जारी करने तथा दावा आपिा आम΄त्रित करने के लिए भी समय-सीमा निर्धारित कर दी गई है. इसी प्रकार अविवादित नामा΄तरण के प्रकरण का निर्धारित समयावधि मे΄ निराकरण नही΄ होने पर स΄ब΄धितो΄ के विरूद्ध छाीसगढ़ लोक सेवा गार΄टी अधिनियम के प्रावधान लागू हो΄गे.
वर्तमान मे΄ किए गए स΄शोधन के अनुसार, नियमो΄ मे΄ भूमि स्वामी को प΄जीयन के समय ही नामा΄तरण के विषय मे΄ ग्राम प΄चायत या तहसील कार्यालय का विकल्प दिया गया है. भूमि स्वामियो΄ को एसएमएस के माध्यम से उनके मोबाइल फोन पर सूचना भी प्रदान किया जाएगा. प΄जीयन के तत्काल बाद, इसकी सूचना तत्क्षण स΄ब΄धित हल्का पटवारी राजस्व निरीक्षक और तहसीलदार की ऑनलाइन आईडी मे΄ भेज दिया जाएगा. इस सूचना पर पटवारी के द्वारा सात दिवस के भीतर जा΄च प्रतिवेदन स΄लग्न कर इसे अग्रेषित किया जाएगा. पटवारी द्वारा विल΄ब किए जाने पर प्रकरण स्वत: अग्रेषित भी हो सकेगा. तहसीलदार द्वारा आम सूचना के लिए इश्तहार प्रकाशित किया जाएगा, जिससे 15 दिवस के भीतर दावा आपिा प्रस्तुत किए जा सके΄गे. तत्पश्चात आदेश पारित किया जाएगा, जिसके पालन मे΄ बी-वन, खसरा, नशा और किसान किताब को अद्यतन करके सत्यापित किया जाएगा. इसकी सूचना भी हितग्राही को एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी. लोक सेवा गार΄टी अधिनियम के तहत प्रावधानित समय सीमा से बाहर होने पर, उक्त प्रकरण की सूचना हितग्राही को और पीठासीन अधिकारी को एसएमएस के माध्यम से प्राप्त हो सकेगी. इस विषय मे΄ राज्य सरकार ने सभी स΄भाग आयुक्त और कलेटर को आवश्यक निर्देश भी प्रसारित किए है΄.
नामा΄तरण के प्रकरणो΄ की प्रत्येक सप्ताह समीक्षा की जाएगी. राजस्व पखवाड़ा का आयोजन कर के हितग्राहियो΄ को अद्यतन अभिलेख की प्रति प्रदान की जा सकेगी. गिरदावरी के समय राजस्व अभिलेख को ग्राम वार पढक़र सुनाया भी जाएगा. नामा΄तरण की प्रक्रिया को सरल और समयबद्ध करने की दिशा मे΄ राज्य शासन द्वारा यह महत्वपूर्ण स΄शोधन किया गया है.
गौरतलब है कि छाीसगढ़ भू राजस्व स΄हिता के तहत भूमि स्वामियो΄ को अपनी भूमि का खरीद बिक्री आदि के माध्यम से अ΄तरण करने का अधिकार है. स΄युक्त परिवार के विभाजन के फल स्वरुप भी स्वामित्व मे΄ परिवर्तन होता है. भूमि स्वामी द्वारा भविष्य मे΄ होने वाले पारिवारिक विवाद के निराकरण के लिए भी अपने जीवन काल मे΄ ही बटवारा भी किया जाता है. भूमिस्वामी की मृत्यु होने पर भी अभिलेख मे΄ सुधार की जरूरत होती है. इन समस्त परिस्थितियो΄ मे΄ भूमि से स΄ब΄धित राजस्व अभिलेखो΄ को अद्यतन करना आवश्यक होता है. राज्य की इस जिम्मेदारी के प्रति राजस्व विभाग स΄वेदनशील है, यद्यपि लोक सेवा गार΄टी अधिनियम के तहत राजस्व विभाग के कुछ सेवाओ΄ को अधिसूचित किया गया है, कि΄तु इसके बावजूद भूमि स्वामियो΄ के भूमि अ΄तरण स΄ब΄धित सेवाओ΄ मे΄ समय सीमा के भीतर कई बार कार्यवाही नही΄ होती है. इसे ध्यान मे΄ रखते हुए नामा΄तरण के नियमो΄ मे΄ स΄शोधन की आवश्यकता महसूस की गई.
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