- जितना लंबा कार्यकाल उतना लंबा कारनामा,लंबे कार्यकाल की वजह फॉर्म खराब हो चूकी है अब इन्हें आराम की जरुरत है
- सीएमएचओ के मनमानी का कोई ठिकाना नहीं,निर्माणाधीन भवन पूरी तरह हुआ बर्बाद,क्या मुख्य चिकित्सा अधिकारी कचरा व कबाड़ के अच्छे संग्रहक हैं?
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 13 मई 2022 (घटती-घटना)। गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल वाला गाना और स्वच्छ भारत मिशन जैसे महत्वपूर्ण अभियान पर जहां देश के प्रधानमंत्री से लेकर सारा देश अपनी सराहनीय भूमिका पर सदैव तत्पर देखा जाता रहा है। सरकारी और गैर सरकारी सभी जगहों पर स्वछता पर बड़े बड़े आयोजन और कार्य आम नागरिक और जनप्रतिनिधि सहित प्रशानिक लोगों के द्वारा किया जाता रहा है। मतलब ये कहें की स्वच्छता अभियान मतलब रोज का जरूरी कार्य है लेकिन कोरिया जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी जनाब डॉ रामेश्वर शर्मा समूचे स्वास्थ विभाग में सिर्फ कबाड़ और कचरा फैलाते नजर आ रहे हैं।
डॉ रामेश्वर शर्मा यह अभी कोरिया जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी हैं और किसी भी पहचान के मोहताज नहीं है, पहचान भी इन्होंने किस तरह कमाया है यह हमें ने बताने की जरूरत नहीं यह पूरा जिला जानता है, इनका कार्यकाल लंबा हो चला है और इनके लंबे कार्यकाल में इनके कारनामे भी लंबे हो चुले है, यदि हम किसी एक का नाम या एक ही बात करें तो यह शायद नाइंसाफी होगी, यदि पूरे 3 साल के अखबार व मीडिया को की खबरों को संग्रहित कर लिया जाए तो इनके कारनामे को भली भांति समझा जा सकता है, चाहे वह कोविड-19 खरीदी को लेकर हो या फिर कर्मचारियों की नई भर्ती को लेकर या फिर कोरिया जिले के सारे चिकित्सालय की व्यवस्थाओं को लेकर या फिर कहे तो स्टाफ के साथ का इनका व्यवहार, इन्होंने हर तरफ अपने चर्चाएं बनाए रखें चर्चाएं अच्छी तो नहीं बुरी है जो स्वास्थ्य व्यवस्था की पूरी पोल खोलने के लिए पर्याप्त है, इन्होंने संविदा नियुक्ति से लेकर कोविड-19 के कोविड सेंटर बनने से लेकर सैनिटाइजर खरीदी सहित कई ऐसे अनियमितताओं को लेकर सुर्खियों में रहे हैं और इन पर आरोप लगते हैं जो किसी से छुपा नहीं है, स्थिति तो यह थी की इनके कार्यालय में डीजल घोटाले मामले का भी बात सामने आया था, पर इन्हें बचाने वालों की कतार भी काफी लंबी है जिस वजह से खराब फॉर्म होने के बावजूद सिफारिश पर अभी तक टिके हुए हैं, अब सिर्फ इनका विकेट गिरने का एकमात्र विकल्प बचा है वह है मुख्यमंत्री के आगमन पर जमकर इनकी शिकायत होना, जो शिकायत होना भी लाजमी है, और होगा यह भी तय है। लगातार स्वास्थ विभाग और उसके मुखिया मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रामेश्वर शर्मा की जारी लापरवाही और मनमानी का सितारा लगातार बढ़ रहा है सम्पति भी खूब बढी है।
मेडिकल वेस्टेज व कबाड़ के अच्छे संग्रहक साबित हो रहे हैं सीएमएचओ साहब
आपको बता दें कि दो दिन पहले जिस तरह से मेडिकल वेस्टेज का कचरा जिला अस्पताल बैकुंठपुर की छत पर भारी पैमाने में एकत्रित पाया गया था जिसे लेकर स्वास्थ विभाग सुर्खियों में था और इस कारनामे पर सीएमएचओ साहब की बड़ी तारीफ हो रही है इसे लेकर इनका सम्मान भी किया जाना चाहिए विकेट गिराकार, इस मामले की सरहना ख़त्म नहीं हुई की दूसरा नया मामला पुन: उससे भी ज्यादा चौंकाने वाला रहा, कंचनपुर कोविड केयर सेंटर के पीछे बने हॉस्टल और उनके सह भवन का जिसका निर्माण वर्ष 2015 में शुरू हुआ था, यह निर्माण डीएमई (संचनालय चिकित्सा शिक्षा) के लिए था, जिसके तहत करोड़ों के आवास भवन, प्रशिक्षण भवन और मेस की बिल्डिंग बनाई गई थी। हालांकि कार्य लगभग पूर्ण भी हो चुका था कुछ साधारण निर्माण होना बाकी था। इसलिए निर्माण एजेंसी द्वारा उक्त भवन को डीएमई को सुपुर्दगी नहीं दी गई थी। मतलब यह कहा जा सकता है की सभी भवन अभी भी निर्माणाधीन हैं। लेकिन वहीं अगर दूसरी तरफ की इन भवनों की बात करें तो संचनालय चिकित्सा शिक्षा सेक्टर की इस पूरी बिल्डिंग को बनने से पहले ही कबाड़ व कचरा रखकर जीर्ण शीर्ण कर दिया गया है। भवन की हालत कबाड़ और कचरा सहित एक्सपायरी दवाओं का अंबार और उसके बीच नए चिकित्सा उपकरण का कचरा रखने से काफी खराब या फिर उपयोग बावत बेकार हो चुकी है। सवाल ये भी उठता है की इन भवनों को किसके आदेश पर स्वास्थ विभाग द्वारा कब्जा किया गया है और अगर इजाजत मिली भी तो करोड़ों के भवन जो बर्बाद होकर खंडहर बन चुके हैं उसकी मरम्मत कौन करेगा। वहां पर टूटे फूटे कबाड़ की बात साधारण हो सकती है पर चिकित्सा उपयोग के कीमती और नए उपकरण को कबाड़ में जानबूझकर तब्दील क्यू किया जा रहा है। लाखों की दवा का भंडारण कबाड़ के बीच क्या कर रहा है। अगर वो एक्सपायरी दवा है तो कबाड़ गृह में क्या कर रही है? मौके के मुआयने के बाद जो मनमानी स्वास्थ विभाग की दिखी वो बेहद चौंकाने वाली हैं।