निल΄बित एडीजी जी पी सि΄ह को सशर्त जमानत मिली,निराकरण तक रायपुर प्रवेश नही

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बिलासपुर, 12 मई 2022।
आखिरकार 120 दिनो΄ बाद 1994 बैच के ढ्ढक्कस् निल΄बित ्रष्ठत्र जीपी सि΄ह को हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है। यह जमानत की शर्त जेल से रिहाई के बाद निल΄बित एडीजी जीपी सि΄ह को रायपुर प्रवेश से रोकती है, जब कभी जी पी सि΄ह को रायपुर प्रवेश करना होगा,उन्हे ट्रायल कोर्ट की विशेष अनुमति लगेगी। उच्च न्यायालय और ट्रायल कोर्ट मे΄ जब भी पेशी होगी वे हाजिर रहे΄गे। निल΄बित एडीजी जी पी सि΄ह आय से अधिक स΄पिा मामले मे΄ जेल मे΄ थे।
यह हुआ कोर्ट मे΄
निल΄बित एडीजी जीपी सि΄ह के जमानत पर सुनवाई करीब पौने एक बजे शुरू हुई जो कि चार बजे तक चलती रही। जस्टिस दीपक तिवारी की कोर्ट मे΄ जीपी सि΄ह के अधिवक्ता आशुतोष पा΄डेय और हिमा΄शु गुप्ता और राज्य की ओर से अमृतो दास ने तर्क किया। जीपी सि΄ह की ओर से अधिवक्ता आशुतोष पा΄डेय ने कोर्ट से कहा
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम मे΄ 2018 मे΄ स΄शोधन हुआ जिस मे΄ धारा 17 क जोड़ी गई है, जिसके अनुसार किसी भी शासकीय सेवक के खिलाफ यदि शिकायत मिलती है तो उसके नियोक्ता अधिकारी से एफआईआर के पूर्व पूर्वानुमति लेना है। बतौर आईपीएस जीपी सि΄ह पर एफईआर के पूर्व यह अनुमति ना छाीसगढ़ के गृह विभाग से ली गई और ना ही के΄द्रीय गृह म΄त्रालय से। इस मामले मे΄ अभियोजन की स्वीकृति भी नही आई है, आय से अधिक स΄पिा मे΄ आाय और व्यय की गणना भी गलत है। जबकि चालान जमा हो चुका है, इस परिस्थितियो΄ मे΄ जबकि अभियोजन की स्वीकृति नही है, याचिकाकर्ता के विरूद्ध विचारण ही शुरू नही हो सकता, और अभियुक्त 120 दिनो΄ से जेल मे΄ है, इसलिए याचिकाकर्ता को जमानत दी जानी चाहिए।
सशर्त है जमानत,रायपुर मे΄ जीपी को सीधी ए΄ट्री नही
इस मामले मे΄ हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के तकोर्΄ से सहमत होते हुए जमानत दिए जाने को स्वीकृति दे दी है। हाला΄कि यह जमानत सशर्त है। जीपी सि΄ह के अधिवक्ता आशुतोष पा΄डेय ने द सूत्र से कहा है कि, जी पी सि΄ह को जो जमानत दी गई है,उसमे΄ उनके रायपुर प्रवेश पर प्रतिब΄ध लगाया गया है। ट्रायल कोर्ट की पेशियो΄ पर और जबकि हाईकोर्ट मे΄ पेशिया΄ हो΄गी उन्हे उपस्थित होना होगा। यदि किसी अन्य कारण से जीपी सि΄ह को रायपुर आना हुआ तो उन्हे पहले ट्रायल कोर्ट की अनुमति अनिवार्य होगी।
अर्श से फर्श पर जीपी सि΄ह
रमन सरकार और फिर भूपेश सरकार के खासमखास माने गए पर हालिया दिनो΄ तक अपने दुर्दिनो΄ मे΄ मौजुद गुरि΄दर पाल सि΄ह याने 1994 बैच के आईपीएस जीपी सि΄ह जबकि जेल भेजे गए तब तक वे छाीसगढ़ मे΄ एडीजी हो चुके थे। डॉ रमन सि΄ह के मुख्यम΄त्रित्व काल वाली भाजपा सरकार के समय और फिर भूपेश बघेल के मुख्यम΄त्रित्व काल वाली इस का΄ग्रेस सरकार के शुरूआती करीब डेढ बरस तक जीपी सि΄ह की तूती बोलती रही। जीपी सि΄ह इस कदर प्रभावशाली माने गए कि, का΄ग्रेस सरकार के दौरान प्रभावशाली स्थाना΄तरणो΄ और प्रशासनिक निर्णयो΄ मे΄ खासकर पुलिस विभाग मे΄ उनकी अहम भूमिका होने की चर्चाए΄ रही΄। जीपी सि΄ह असर कर अप्रिय कारणो΄ से विवादो΄ मे΄ रहे है΄,इनमे΄ जगदलपुर मे΄ पदस्थापना के दौरान ग्रामीणो΄ को नसली के रूप मे΄ सरे΄डर बताना,फर्जी मुठभेड़,बस्तर एसपी रहते हुए तत्कालीन आईजी एम डलू अ΄सारी के निवास पर छापा,बिलासपुर आईजी रहते हुए एसपी राहुल शर्मा की खुदकुशी मामले खासे चर्चित रहे है΄। लेकिन यह जीपी सि΄ह का प्रभाव रहा कि, वे हमेशा बचते चले गए। भूपेश सरकार के समय भी जीपी सि΄ह के जलवे कायम रहे,बल्कि तब वे और प्रभावशाली हुए,उन्हे भूपेश बघेल सरकार ने आर्थिक अपराध शाखा का चीफ बना दिया। लेकिन जनवरी 2021 के बाद जीपी सि΄ह के दुर्दिन शुरू हो गए। खबरे΄ तेजी से अफवाह की तरह आई कि, भूपेश सरकार मे΄ सीएम बघेल के बेहद करीबी किसी म΄त्री को लेकर एडीजी जीपी सि΄ह ने गोपनीय जा΄च पड़ताल भी शुरू की थी, जिसके ठीक बाद जीपी सि΄ह के सितारे गर्दिश मे΄ आ गए थे। इन अफवाहनुमा खबरो΄ की कभी पुष्टि नही हुई। निल΄बित जीपी सि΄ह के खिलाफ राजद्रोह एसट्रॉशन और आय से अधिक स΄पिा के मामले दर्ज हुए। जिनमे΄ से राजद्रोह और एसट्रॉशन के मामले मे΄ तो उन्हे कोर्ट से स्थगन के रूप मे΄ राहत मिली लेकिन आय से अधिक स΄पिा मे΄ उन्हे राहत नही मिली थी, और इसी मामले मे΄ वे जेल मे΄ थे। जिस छाीसगढ़ पुलिस पर कभी जीपी सि΄ह की धमक चलती थी,उसी छाीसगढ़ पुलिस ने उन्हे गिरफ्तार कर जेल दाखिल करा दिया था।


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