रामानुजगंज@शिकायत के बाद भी सीईओ ने सचिवों पर नहीं की कार्रवाई

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-पृथ्वीलाल क ेशरी-
रामानुजगंज ०3 मई 2022 (घटती घटना )। विदित हो कि 2020 में कोरोना महामारी विश्व ही नहीं अपने देश पर भी अपना विकराल रूप धारण करते जा रही थी जिस के बचाव के लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य सरकारें भी मुस्तैदी से अपने-अपने राज्यों में बढ़ते महामारी की रोकथाम के लिए प्रचार प्रसार कर लोगों को जागरूकता फैला रही थे ।
जिस पर छत्तीसगढ़ सरकार भी प्रदेशभर के समस्त कलेक्टरों को महामारी को रोकने के लिए निर्देशित किया हुआ था द्य जिस पर बलरामपुर/ रामानुजगंज जिले तत्कालीन कलेक्टर श्याम धावडे ने कोरोना वायरस को बढऩे से रोकथाम के लिए सजगता से महीने की टीएल मीटिंग में बैठकर जनपद अधिकारियों को निर्देशित करते रहे द्य साथ ही त्योहार पर्व पर भीड़ भाड़ में जनता ना जाए लोगों से दूरी बनाकर रखें ऐसे निर्देश देकर जनपद अधिकारियों को निर्देशित कर वाते रहे द्य उनके टी एल मीटिंग मे दिए गए निर्देशों पर जिले के राजपुर जनपद अधिकारी के द्वारा 10-11 2020 को अपने जनपद पंचायत क्षेत्र के समस्त ग्राम पंचायतों के सरपंच व सचिवों के नाम पत्र क्रमांक 2 5 0 6 जारी कर जारी करते हुए, तिहार परब में दूरी बनाकर त्यौहार मनाए साथ ही कोटवारों से मोहल्ले मोहल्ले में मुनादी कराने की भी बात कही गई थी द्य क्योंकि कोरोना वायरस के बढऩे का संभावना अत्याधिक रहता था इसके लिए उन्होंने कोविद-19 महामारी से बचाओ के लिए प्रत्येक पंचायतों में पेंट से दीवाल में स्लोगन लेखन कार्य करने को निर्देशित किया था द्य साथ ही दो दिवस में पालन प्रतिवेदन देने को कहा गया था द्य जिस पर कंटेनमेंट जोन होने के कारण पेंटर का मिलना मुश्किल होता देख सरपंच सचिवों के द्वारा पालन प्रतिवेदन देना मुश्किल लग रहा था द्य जिसको लेकर तत्कालीन जनपद अधिकारी राजपुर यशपाल सिंह के द्वारा एक पेपर में पेंट पुट्टी करने वाले के दिए गए विज्ञापन पर अंकित नंबर देखकर उस नंबर से संपर्क कर पंचायतों के दीवाल पर वॉल पेंटिंग करने की बात की साथ ही उनके व्हाट्सएप में टी एल मीटिंग में मिले गए निर्देश को पालन करते हुए सरपंच सचिव को प्रेषित करने वाले पत्र को जिसको सभी सरपंच सचिवों को व्हाट्सएप के माध्यम से भेज कर निर्देशित किया था साथ ही आवेदन करता को मौखिक रूप से कहा गया आप प्रत्येक सरपंचों से मिलकर प्रत्येक पंचायतों में कम से कम पांच दीवारों पर दूरी बनाकर मोटे अक्षर में पेंट से स्लोगन लिखने को कहां गया था द्य जिस पर महामाया आर्ट जो स्थानीय स्तर पर छोटे-मोटे पेंटिंग पुताई वगैरह का काम मजदूरी वर्क में कार्य करते हैं उनको दीवार लेखन का कार्य कहने को कहां गया था जिस पर आवेदन करता ने 10 दिवस के अंदर राजपुर जनपद पंचायत क्षेत्र के 69 पंचायतों में पेंट से दीवार लेखन का कार्य पूर्ण कर दिया कार्य पूर्ण कराने पश्चात सरपंचों से मजदूरी भुगतान लेने की बात कही गई थी द्य आवेदक पेंटर के द्वारा 10 दिवस के अंदर कार्य पूर्ण होने पश्चात सरपंचों से भुगतान करने की बात कही तो दो-तीन सरपंच संपन्न थे उन्होंने रुपए दी बहुतों सरपंच ने कहा पंचायत में पैसा आने पैसा दिया जाएगा द्य कंटेनमेंट जोन होने के कारण अत्याधिक समय बीत गया जब सरपंचों से फोन में भुगतान को लेकर हुई तो उनके द्वारा कहा गया सचिव जी से बात कर लीजिए क्योंकि हमारे कर्ताधर्ता वही है द्य जिस पर सचिव संघ के अध्यक्ष अगस्ततू टोप्पो से भुगतान की बात करने पर उनके द्वारा भी यही कहा गया कि अभी पंचायत के खाते में इस कार्य का पैसा नहीं आया है जैसे आएगा आपको दे देंगे द्य इस तरह सचिव संघ के अध्यक्ष द्वारा बार-बार टाला जाता रहा जिस पर आवेदक द्वारा तत्कालीन जनपद अधिकारी को अवगत कराए जाने पर उनके द्वारा भी बार-बार भुगतान करने की बात कही गई लेकिन भुगतान करने की बात पर हर बार सचिव संघ के अध्यक्ष के द्वारा एक ही बात कही जाती रही एक तरह से सचिव संघ के अध्यक्ष द्वारा टाला जाता रहा तारा है उनके द्वारा हर बार फोन पर संपर्क करने पर एक ही बात कहा जाता था कि पैसा पंचायत में नहीं आया है देर से आता है सचिव संघ की एक ही मंशा बनी रहे की किसी भी तरह से भुगतान को लेकर टालमटोल करते रहने से कुछ चढ़ावा मिल जाएगा यदि चढ़ावा नहीं मिला तो टालमटोल करते रहेंगे आखिरकार आवेदन करता पेंटर को भुगतान करने की बात करते समय बोला गया कि आप लोग पैसे का मांग कर जनपद भिजवा दीजिए मैं सभी सभी पंचायतों से कलेक्शन करके दिलवा दूंगा साथ ही यह भी कहा कि अगर इस कार्य के लिए पंचायतों में फंड नहीं आया है आपको फंड की मांग कर जनपद में भेजआइएगा तो आपका पेमेंट तत्काल हो जाएगा द्य सचिव संघ के अध्यक्ष के गोलमोल बातें पर सुनकर तत्कालीन कलेक्टर श्याम धणी जी को व्हाट्सएप में किए गए कार्य का फोटोग्राफ्स भेज कर उनको सूचना आवेदक द्वारा दिया गया राजपुर जनपद अधिकारी के द्वारा पंचायत सरपंच सचिव को राजपुर जनपद अधिकारी के द्वारा दिए गए थे की कॉपी भेजने पर तत्कालीन कलेक्टर श्याम धावडे जी ने तत्काल स्वच्छ भारत मिशन( ग्रामीण) के अधीनस्थ कर्मचारी को निर्देशित कर भुगतान करने की बात कही गई जिस पर स्वच्छ भारत मिशन के कर्मचारी द्वारा तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला बलरामपुर/ रामानुजगंज को सूचित कर तत्कालीन कलेक्टर श्याम धावडे की कही गई बातों को अवगत कराया था जिस पर तत्कालीन जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने संज्ञान लेकर राजपुर जनपद कार्यालय से उक्त कार्यों की जानकारी मंगा कर मांग पत्र मंगाकर स्वच्छ भारत मिशन की आई सी फंड से जनपद कार्यालय राजपुर को उक्त कार्यों की भुगतान भेज कर दिलवाने की बात कही गई जिस पर राजपुर जनपद कार्यालय से जनपद अधिकारी द्वारा मांग पत्र भेजा गया बावजूद इसके वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी नियम को चेंज करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा शिकायत पर यह कह कर नहीं भेजा गया कि किए गए कार्यों का भुगतान जिला पंचायत से किया जाएगा द्य इसको लेकर आवेदन कर्ता ने 1 सितंबर 2021 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी के नाम राजपुर सचिव संघ के द्वारा भुगतान नहीं दिए जाने बाबत आवेदन दिया था जिस पर कहां गया था की सचिवों से भुगतान करवाने की कृपा करें बावजूद उसके उक्त आवेदन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया इससे साफ जाहिर होता है इससे साफ जाहिर होता है मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला बलरामपुर द्वारा संगठित सचिवों को बचाने के लिए कदम उठाया जा रहा है क्योंकि यही सचिव के द्वारा पंचायतों के राशि आहरण बगैर किसी को वर्क आर्डर दिए पंचायतों में किए गए कार्यों वह खरीदी किए गए की अधिकांश भुगतान कर लेते हैं द्यऐसा कहा जाना इसलिए शंकर जाहिर करता है क्योंकि जानकारी के अनुसार प्रदेश के किसी भी ग्राम पंचायतों में मजदूरों से कराए गए कार्यों की मजदूरों से वर्क आर्डर नहीं मांगा जाता है जबकि मनरेगा जैसे कार्यों को जॉब कार्ड धारक के नाम खाते में पैसा आता है उस पैसे में भी जिनके पास जॉब कार्ड है वह काम नहीं कर रहा है तो फर्जी हाजिरी भर कर निकाल कर भुगतान किया जा रहा है उससे भी कभी वर्क आर्डर नहीं मांगी गया इसी तरह छोटे-मोटे पेंटर द्वारा पंचायतों में लिखाई पुताई का कार्य करने पश्चात किसी भी पंचायत में वर्क आर्डर देकर कार्य नहीं कराया गया नहीं मांगा गया होगा लेकिन सचिव संघ को बचाने के उद्देश्य टी एल मीटिंग के निर्देशन में हुए कार्यों के भुगतान के लिए आवेदक पेंटर से वर्क आर्डर मांग कर उसे प्रताड़ित किया जा रहा है ऐसे कार्य तानाशाही शासक में देखने को मिलती है द्य मेहनत भी करवाओ और किला भी बनवाओ यह कहना चरितार्थ साबित हो रही है या फिर उक्त आदेश में मिले रुपयों का बंदरबांट किया जा चुका है? इसलिए मजदूर केटेगरी के पेंटर के भुगतान देने के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के द्वारा वर्क आर्डर मांगा जा रहा है, जनपद अधिकारी के द्वारा मांग पत्र भेजने की बावजूद जनपद कार्यालय राजपुर जनपद पंचायत में मांग की गई राशि नहीं भेजा जा रहा है दूसरी तरफ आवेदन करता को यह कह कर भुगतान नहीं भेजने की बात कही जा रही है कि वर्क आर्डर दिखाइए तब पैसा भुगतान के लिए भेजा जाएगा द्य जबकि जनपद अधिकारी के उप पत्र में कहीं भी उल्लेख नहीं है की उक्त कार्य वर्क आर्डर के माध्यम से सरपंच सचिव करावे या टेंडर के माध्यम से करावे ऐसे कितने रकम ग्राम पंचायतों से 14वां 15वां वित्त और मूलभूत राशि का भुगतान करने के साथ-साथ मनरेगा की फर्जी हाजिरी कई पंचायतों मे आहरण कर लाखों लाखों की कई सचिव और रोजगार सहायकों द्वारा बंदरबांट की जा चुकी है जिसका प्रमाण मौजूद है और आज तक की जानकारी के अनुसार वर्क आर्डर जैसे टेंडर कार्य पंचायतों द्वारा कोई निर्देश सी भी नहीं निकला है किसी भी पंचायत में द्य यदि वर्क ऑर्डर और पंचायतों में खरीदी के लिए टेंडर कार्य निकलता है तो मंत्रालय स्तर से निकलता है जिसे जिला स्तर पर दिया जाता है उसकी बकायदा सूचना निकलती है लेकिन वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी की तानाशाही रवैया से सरकार की अपनी मेहनत रुपए लगाकर शासन प्रशासन के उपलब्धि करवाने के बाद भी मजदूर पेंटर मेहनत करने के बाद भी जिला पंचायत बलरामपुर कार्यालय मेंभटक रहे हैं । यह शर्म की बात है।


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