- मोबाइल चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने जाने पर मोबाइल गुम होने की
- रिपोर्ट दर्ज करती है थाना पटना में।
- सफ्ताहिक बाजार पटना से एक दिन में चोरी हुए 40 मोबाइल,
- पुलिस ने मोबाइल चोरी की रिपोर्ट नहीं की दर्ज।
- चोरी की जगह मोबाइल गुमने की रिपोर्ट दर्ज की थाना पटना की पुलिस ने।
- चोरी हीरे की हो या खीरे की चोरी तो आखिर चोरी है यह बात आखिर
- क्यों नहीं मानती पटना पुलिस।
- पटना पुलिस के नियम में मोबाइल चोरी चोरी नहीं गुम होना है।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 01 मई 2022 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के पुलिस थाना पटना में चोरी की घटनाओं को लेकर अलग ही नियम हैं यहां चोरी की रिपोर्ट लिखाने जाने पर प्रार्थी को कहा जाता है कि वह चोरी की जगह गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराए। पटना पुलिस थाना अंतर्गत पटना साप्ताहिक बाजार में लगातार मोबाइल चोरी की घटनाएं घटित हो रहीं हैं वहीं दो माह पूर्व साप्ताहिक बाजार में एकसाथ 40 मोबाइल चोरी हो गए और जिनका भी मोबाइल चोरी हुआ वह मोबाइल चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराने अपनी समस्या बताने पुलिस थाने पहुंचे उन्हें कहा गया कि यहां चोरी की रिपोर्ट दर्ज नहीं कि जाएगी गुम होने की ही रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।
थाना पटना पुलिस के कहने पर जिनका भी मोबाइल चोरी हूआ सभी ने पुलिस थाना पटना में मोबाइल गुम होने की ही रिपोर्ट दर्ज कराई और अब सभी इंतेजार में हैं कि उन्हें उनका मोबाइल मिल जाये भले ही उनकी रिपोर्ट पुलिस ने चोरी की नहीं गुम होने की दर्ज की। वैसे कहा जाता है कि चोरी खीरे की हो या हीरे की सभी चोरी है और कानूनन अपराध है लेकिन पटना पुलिस ना जाने क्यों चोरी को चोरी मानने से इंकार कर रही है और चोरी को गुमसुदगी बताने प्रार्थी को मजबूर कर रही है। वैसे बताया यह भी जा रहा है कि पटना पुलिस लगातार खुद को बेहतर बताने के लिए ऐसे ही करतब करते रहती है और कई मामलों में जब बात चोरी जैसे या इसी तरह के अपराध से जुड़ी होती है पुलिस अपराध को कमत्तर बताने के लिए प्रार्थी को अपराध की प्रवृत्ति को कम बताने के लिए मजबूर करती है और खुद को बेहतर बताने में सफल हो जाती है। पटना थाना क्षेत्र में ही प्रत्येक सफ्ताहिक बाजार में प्रतिदिन इसी तरह अनगिनत मोबाइल चोरी की घटनाएं घटित हो रहीं हैं और जिसके कारण ही पुलिस अपनी छवि बताने के लिए चोरी को गुमसुदगी बताने प्रार्थी को ही मजबूर कर रही है। लोगों का तो यह भी कहना है कि पटना क्षेत्र में अवैध कारोबार भी बड़ी मात्रा में होता है और पुलिस सभी मामलों में मौन रहती है और उसी में व्यस्त भी रहती है इसीलिए वहां पदस्थ कोई कहीं और जाना नहीं चाहता है और अपने को श्रेष्ठ बताने थाने आने वाले प्रार्थी पर पटना पुलिस दबाव बनाकर अपने मन अनुसार रिपोर्ट लिखाने पर मजबूर करते हैं।