- चिरमिरी क्षेत्र के लक्ष्मण झरिया क्षेत्र में अवैध कोयला खदानों की है भरमार।
- अवैध खदानों से प्रतिदिन कोल तस्करों द्वारा
- कोयला निकालने व बेचने का काम है जारी।
- कभी भी अवैध खदानों के धसकने की संभावना से
- नहीं किया जा सकता इंतेजार।
- जा सकती है कइयों की जान,जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी
- नहीं दे रहे इस ओर ध्यान।
- बैकुंठपुर व बाहर भेजा जा रहा अवैध कोयला, संलिप्त हैं बड़े-बड़े लोग।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 29 अप्रैल 2022 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के चिरमिरी एसईसीएल क्षेत्र की बंद हो चुकी लक्ष्मण झरिया कोयला खदान क्षेत्र जो वन क्षेत्र भी है से वर्तमान में अवैध कोयले का उत्खनन जारी है। अवैध रूप से इस क्षेत्र में कई कोयला खदानें संचालित हैं जिसमें प्रतिदिन सैकडों मजदूरों द्वारा अवैध रूप से बिना सुरक्षात्मक उपायों के चोरी से कोयले का उत्खनन किया जाता है और अवैध रूप से निकाले गए कोयले को मजदूरों से कुछ बड़े लोग जो कोयला तस्कर हैं खरीदते हैं और उसे आसपास बैकुंठपुर सहित बड़ी गाड़ियों में लादकर बाहर भेज रहें हैं। लक्ष्मण झरिया क्षेत्र में जारी अवैध कोयला उत्खनन जो अवैध कोयला खदानों से किया जा रहा है उसमें कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना के घटने खदान धसकने जैसी स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता है फिर भी जान जोखिम में डालकर अवैध उत्खनन करने मजदूर कोयला खदान तक पहुंच रहें हैं और कोयला निकालकर तस्करों को दे रहें हैं और तस्कर उसे अपने अनुसार बैकुंठपुर आसपास सहित बाहर तक बेचकर पैसा कमा रहे हैं।
संबंधित विभाग नहीं दे रहा ध्यान
लक्ष्मण झरिया के जिस क्षेत्र से अवैध कोयले का उत्खनन किया जा रहा है वहां पहले एसईसीएल की खदानें थीं वहीं वह क्षेत्र वन क्षेत्र भी है वहीं वहां से खनिज विभाग का कार्यालय भी दूर नहीं है और ना ही पुलिस थाने भी दूर हैं फिर भी कोई भी जिम्मेदार विभाग शासकीय अवैध कोयला उत्खनन रोकने तैयार नहीं है और किसी का इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं जो इसे रोकने पहल करे।
शासकीय विभागों की मिलीभगत से नहीं किया जा सकता इंकार
लक्ष्मण झरिया क्षेत्र में जारी अवैध कोयला उत्खनन जो बड़े स्तर पर जारी है उसमें शासकीय विभागों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि जिस स्तर पर अवैध कोयला उत्खनन जारी है और जिस तरह कोयले को बाहर तक भेजकर बेचा जा रहा है उससे जाहिर है कि मिलीभगत बिना यह कार्य संभव नहीं हो सकता।
बिना सुरक्षा उपायों के होता है कोयला उत्खनन
लक्ष्मण झरिया क्षेत्र में अवैध कोयला उत्खनन अवैध कोयला खदानों से बिना सुरक्षात्मक उपायों के किया जाता है और इस दौरान किसी बड़ी दुर्घटना से इंकार भी नहीं किया जा सकता। कभी भी यह अवैध कोयला खदानें धसक सकती हैं और इस दौरान सैकड़ों जाने जा सकती हैं जिस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा सभी विभाग इस ओर मौन हैं।
बड़ड़े-बड़ड़े लोग हैं इस अवैध कोयला कारोबार में शामिल
शासकीय विभाग जो इस अवैध कोयले के करोबार को रोक पाने में असफल साबित हो रहें हैं इसकी वजह यह है कि इस कारोबार में बड़े बड़े लोग शामिल हैं जिसमे सफेदपोश लोग भी शामिल हैं जिससे शासकीय सम्बंधित विभाग कार्यवाही कर पाने में खुद को असमर्थ मानती है।
क्या नहीं रुकेगा क्षेत्र में अवैध कोयले का कारोबार
लक्ष्मण झरिया क्षेत्र में जारी अवैध कोयला उत्खनन जो बड़ी मात्रा में जारी है उसको लेकर एक प्रश्न खड़ा होता है और प्रश्न यह है कि क्या अवैध कोयला उत्खनन नहीं रुक सकेगा,जिस स्तर और जिस प्रकार अवैध कोयला खदानें खुलेआम क्षेत्र में जारी हैं उसको देखकर लगता नहीं कि इसे कोई रोक सकेगा ।
जान हथेली पर लेकर मजदूर निकालते हैं अवैध कोयला खदानों से कोयला
जिन अवैध खदानों से कोयले का उत्खनन किया जा रहा है वहां मजदूर जान हथेली पर लेकर कोयले का उत्खनन कर रहें है और उन्हें जान जाने का भी डर नहीं वहीं प्रशासन व विभाग भी किसी बड़ी दुर्घटना के इंतेजार में तभी वह जगेंगी और कार्यवाही कर अवैध खदानों को बंद कराएंगी।
तस्करों को ही क्यों नहीं सौंप दी जा रहीं कोयला खदानें
जिस तरह लक्ष्मण झरिया क्षेत्र में अवैध कोयला खदानें संचालित हैं और प्रतिदिन कोयले का उत्खनन बड़े स्तर पर किया जा रहा है खुलेआम उसे देखकर यही कहा जा सकता है कि इन अवैध कोयला खदानों को तस्करों को ही लीज पर दे देना चाहिए जिससे राजस्व की भी प्राप्ति होगी और जो काम बंद नहीं कराया जा पा रहा प्रशासन द्वारा उसे जारी रखने प्रशासन के पास भी एक आधार हो जाएगा और जो बेहतर भी रहेगा।