- किस निरीक्षक को कौन सा मिलेगा थाना किस किस उपनिरीक्षक की जाएगी थानेदारी।
- एमसीबी नवीन जिले के गठन उपरांत छोटे हुए कोरिया जिले में बचे कुल चार थाने।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 29 अप्रैल 2022 (घटती-घटना)। कोरिया जिले से अलग होकर एमसीबी नवीन जिले के अस्तित्व में आने की अटकलें अब विश्वास में बदल गईं वहीं नवीन जिले एमसीबी में ओएसडी की नियुक्ति के पश्चात यह तय हो गया की नवीन जिले का गठन होना तय है और अब कोरिया अलग एक जिला वहीं एमसीबी नवीन जिला अलग जिला होगा। एमसीबी नवीन जिला गठन उपरांत कोरिया जिला पुलिस थानों के हिसाब से 4 थानों वाला जिला रह गया है और यहाँ बैकुंठपुर, पटना, सोनहत व चरचा कुल चार ही थाने शेष रह जा रहें हैं वहीं जिले में पूर्व से ही तीन निरीक्षक पदस्थ हैं पुलिस विभाग में वहीं पुलिस मुख्यालय रायपुर से जारी हुए निरीक्षकों की पदस्थापना सूची में कोरिया जिले को पांच नए निरीक्षक प्राप्त हुए हैं।
चार थानों वाले जिले में पांच निरीक्षकों की पदस्थापना पश्चात अब किसे किस थाने की जिम्मेदारी मिलेगी और किसे थाने की बजाए अन्य कोई जवाबदारी मिलेगी देखने वाली बात होगी वहीं वर्तमान में संयुक्त जिले में कई थानों का प्रभार उप निरिक्षकों के पास है और निरीक्षिकों कि पदस्थापना पश्चात अब उप निरिक्षिकों का थाने का प्रभार उनसे लिया जाना अनिवार्य हो जाएगा तो यह भी देखने वाली बात होगी कि किस किस उप निरीक्षक का प्रभार थानेदारी का वापस लिया जाएगा। वैसे भी जिले में उप निरिक्षिकों को लगातार थानों प्रभार मिलता रहा है क्योंकि जिले में निरिक्षिकों की कमी थी। वर्तमान में निरिक्षिकों की पदस्थापना सूची जो पुलिस मुख्यालय से जारी हुई है उसके अनुसार कोरिया जिले में आने वाले निरिक्षिकों कि सूची में यह पांच नाम शामिल हैं। मोतीलाल शुक्ला दुर्ग से कोरिया आ रहें हैं, दीपेश कुमार सैनि रायपुर से कोरिया आ रहें हैं, ललित कुमार साहू जांजगीर से कोरिया आ रहें हैं, वहीं दल प्रताप सिंह जशपुर से कोरिया व राजकुमार धृतलहरे बलरामपुर से कोरिया आ रहें हैं, राजकुमार धृतलहरे पहले पुलिस थाना पटना जिला कोरिया के प्रभार में रह भी चुके हैं। अब इन पांच नए निरिक्षिकों को कौन कौन से पुलिस थानों में कोरिया जिले के पदस्थापना मिलेगी यह देखने वाली बात होगी। जिले के सभी पुलिस थानों में अब निरिक्षिकों की पदस्थापना होगी यह भी तय हो गया है। जिले के उन उपनिरीक्षकों की थानेदारी अब चली जायेगी जो वरिष्ठ अधिकारियों की जी हुजूरी कर वर्षों से थाना प्रभारी बने बैठे हैं।