-ओंकार पांडेय-
सूरजपुर,28 अप्रैल 2022(घटती-घटना)। वन परिक्षेत्र सूरजपुर और आस-पास के जंगलों में रोजाना तेजी के साथ जंगलों की कटाई की जा रही है। जिससे जंगल में हरे-भरे पौधों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। पेड़ों की कटाई के कारण वन परिक्षेत्र कम होता जा रहा है। 15 साल पहले जंगल काफी हरे-भरे हुआ करते थे, लेकिन इसमें आज कमी आ चुकी है। जिला प्रशासन ने लकड़ी माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद भी जंगल की कटाई पर वन विभाग के अधिकारी रोक लगाने में असमर्थ दिखाई दे रहा है। के सूरजपुर वन विभाग के साल्ही केतका राजापुर सहित आस-पास सागवान सहित अन्य पेड़ों की कटाई लगातार की जा रही है। बेरोक-टोक कटाई के चलते लकड़ी माफिया जंगलों में लगातार सक्रिय बने हुए हैं। पेड़ों के अलावा वन क्षेत्र में पत्थर उत्खनन का काम भी किया जा रहा है। बता दें कि सूरजपुर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत रेंज में सागवान के पेड़बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं। सागवान की लकड़ी की फर्नीचर के लिए मांग के चलते लकड़ी माफिया कटाई की ताक में रहता है। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो वन विभाग के संरक्षण में लकड़ी माफिया पनप रहा है। पिछले कई दिन से जंगल में पेड़ों की कटाई चल रही है।
जंगल में माफियाओं ने काट दिया पेड़
पौधरोपरण के लिए हर साल किए जाते हैं लाखों रु. खर्च सूरजपुर वन विभाग क्षेत्र के जंगलों में पौधरोपण के लिए वन विभाग अधिकारियों को टारगेट दिया जाता है। वहीं अधिकारी पौधारोपण में लाखों रुपए खर्च कर पौधे रोपे जाते हैं, लेकिन उनकी देखरेख और सुरक्षा को लेकर ध्यान नहीं दिया जाता है। इसके अलावा जंगलों में खड़े पेड़ों की देख-रेख वन विभाग द्वारा की जाए तो जंगल को काफी हद तक बचाया जा सकता है।
होगी कार्रवाई
पेड़ों की लगातार कटाई के मामले में जब वन मंडला अधिकारी मनीष कश्यप संबंध में बात किया गया तो उन्होंने कहा कि आप के माध्यम से मुझे जानकारी मिल रहा है जरूर ही कार्रवाई की जाएगी
वन क्षेत्र में नहीं थम रहा अवैध उत्खनन
वन क्षेत्र से पत्थर, व रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन किया जा रहा है। क्षेत्र में जंगल में बिना परमिशन से चल रही खदानों से पत्थर के बोल्डर अवैध रूप से निकाले जा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अवैध उत्खनन की शिकायत के बाद भी विभागीय स्तर पर खनन माफिया के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जाती है। और कई बार पत्थर खुदाई करते समय ग्रामीणों की जान चल गई प्रशासन रोक लगाने में असफल है अभी तक जिससे माफिया लगातार सक्रिय बने हुए हैं।
कई हजार हेक्टेयर में फैला है जंगल
जंगल में धड़ल्ले से पेड़ काट रहे हैं। कई हजार हेक्टेयर में फैली इस रेंज में लकड़ी काटने वालों को वन विभाग की कार्रवाई का डर नहीं रहता है। ऐसे में जंगल में पेड़ों के ठूंठ ही दिखाई दे रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पेड़ कटने की शिकायतें करने पर जिम्मेदार अधिकारी से कई बार की जा चुकी हैं। लेकिन इसके बाद भी अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं देते हैं। जिससे वन माफिया के साथ रेंज के अधिकारी-कर्मचारियों की मिली-भगत की आशंका लोगों ने जताई है।
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