बैकुण्ठपुर@बुजुर्ग संपादक ने आखिर क्यों मांगी आत्मदाह की अनुमति?

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बुजुर्ग संपादक ने कहा कार्यवाही कीजिए या फिर आत्मदाह करने की अनुमति दीजिए।
बुजुर्ग संपादक ने कोरिया कलेक्टर से आत्मदाह की
अनुमति मांगी।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 27 अप्रैल 2022 (घटती-घटना)।
समाचार पत्र के संपादक के पत्र से कलेक्टर भी चिंतित होंगे कि मैं करूं तो करूं क्या यदि कार्यवाही करता हूं तो सत्ता पक्ष हावी होगा और आत्मदाह की अनुमति में दे नहीं सकता। बुजुर्ग संपादक अपनी पत्नी के नाम दर्ज भूमि से कांग्रेस नेता के रिश्तेदार के अतिक्रमण को हटाने कर रहे मांग। क्या कलेक्टर कोरिया अतिक्रमणकारियों पर करेंगे कार्यवाही। मामला सत्तापक्ष की विधायक समर्थक के रिश्तेदार से क्योंकि जुड़ा हुआ।
कोरिया जिले से प्रकाशित समाचार पत्र के संपादक ने जिले के कलेक्टर से आत्मदाह की अनुमति मांगी है और यह अनुमति उन्होंने अपनी पत्नी के नाम भु-अभिलेखों मे दर्ज भूमि से कांग्रेस नेता सत्तापक्ष की विधायक समर्थक के रिश्तेदार द्वारा किये गए, अतिक्रमण को नहीं हटा पाने की प्रशासनिक मजबूरी की वजह से मांगी है। बता दें कि विगत एक सफ्ताह से भी ज्यादा समय से जिले के संपादक रमेशचंद्र अनशन पर बैठे हुए हैं उनकी पत्नी के नाम पर दर्ज भूमि पर विधायक समर्थक कांग्रेस नेता के रिश्तेदार द्वारा कब्जा किया जा रहा है और संपादक की शिकायत पर भी प्रशासन कार्यवाही नहीं कर रहा है अतिक्रमण नहीं रोक पा रहा है क्योंकि मामला सत्तापक्ष से जुड़ा हुआ है और प्रशासन भी इस मामले में मजबूर है जैसा कि स्वयं बुजुर्ग संपादक रमेशचंद्र का कहना है।
एक सफ्ताह के अनशन के बाद संपादक ने अब कलेक्टर कोरिया से आत्मदाह की अनुमति मांगी है और पत्र में कहा है कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही है और वह अब कार्यवाही उनकी मांग पर होगी इस बात पर विश्वास खो बैठे हैं इसलिए वह अब स्वयं आत्मदाह कर सकते हैं जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी क्योंकि उनका अब कार्यवाही होगी इसबात से विश्वास उठ चुका है। बुजुर्ग संपादक का कहना है कि प्रशासन भी मजबूर है क्योंकि मामला सत्तापक्ष के नेता के रिश्तेदार से जुड़ा हुआ है और ऐसे में कार्यवाही निष्पक्ष होगी ऐसा लगता नहीं वहीं उनका यह भी कहना है कि उनकी यह मांग या उनकी यह लड़ाई आज की नहीं है वर्षों से वह उक्त सत्तापक्ष के नेता के रिश्तेदार से पीड़ित हैं और लगातार वह राजस्व न्यायालयों की शरण मे जा रहें हैं लेकिन उन्हें कहीं से कोई राहत नहीं मिली बल्कि उनके मामले में स्थगन के बावजूद भी निर्माण कार्य सामने वाला करता रहा यह प्रशासन की मजबूरी सत्तापक्ष के नेता के रिश्तेदार होने की वजह से अतिक्रमणकारियों के समझ मे आई। अब क्या कलेक्टर कोरिया अतिक्रमणकारियों पर कार्यवाही कर संपादक को न्याय दिलाएंगे या फिर संपादक को आत्मदाह की अनुमति प्रदान करेंगे यह देखने वाला विषय होगा क्योंकि वर्तमान कलेक्टर न्यायप्रिय हैं ऐसा स्वयं संपादक का मानना है।


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