- .लोक निर्माण विभाग के अधिकारी पर ठेकेदार भारी
- .मनमाने तरीके से कराया जा रहा जिल्दा बांधपारा से कदमबहरा सड़डक़ मार्ग का नव निर्माण एवं, पुल-पुलिया निर्माण कार्य में गुणवत्ताहीन सामाग्री का उपयोग
-राजेंद्र कुमार शर्मा-
खडग़वां 26 अप्रैल 2022 (घटती-घटना)। लोक निर्माण विभाग संभाग कोरिया छत्तीसगढ़ के द्वारा जिल्दा बांधपारा से कदमबहरा सडक निर्माण कार्य के तहत करोडो रुपए की लागत से हो रहे जिल्दा बांधपारा से कदमबहरा तक सड़क नवनिर्माण एवं उन्नयन के कार्य मे नियोजित ठेकेदार द्वारा जमकर मनमानी बरती जा रही है।
वन विभाग क्षेत्र में ठेकेदार के द्वारा बिना अनुमति के सडक़ निर्माण कार्य किया जा रहा है….
सडक़ निर्माण कार्य वन विभाग के क्षेत्र में बिना अनुमति के सडक़ निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसमें ठेकेदार के द्वारा मनमानी तरीके से वन क्षेत्र में सडक़ निर्माण कार्य किया जा रहा है और वन विभाग का अमला मुक दर्शक बनकर देख रहा है वन विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारी सिर्फ़ गरीबों पर सारे के सारे वन विभाग के नियम कानून लागू कर देते हैं क्या इस ठेकेदार पर किसी प्रकार का कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई जो बिना वन क्षेत्र में अनुमति के सडक़ निर्माण कार्य कर रहा है।
सड़क़ निर्माण के इस कार्य मे पुल-पुलिया निर्माण के दौरान भी गुणवत्ताहीन निर्माण सामाग्री का उपयोग करते हुए कार्य को अंजाम दिया जा रहा है
बता दें कि जिलदा बाधपारा से कदमबहरा होते हुए जिलीबाध कंहारबहरा को जोड़ने वाले उक्त सड़क मार्ग का नवनिर्माण व उन्नयन कार्य का ठेका किस ठेकेदार को मिला है इसका कही पर किसी प्रकार के कोई बोर्ड आदि में उल्लेख नहीं किया गया है जिससे ठेकेदार का अनुबंध क्रमांक कार्यदेश लागत कितनी दूरी समय सीमा आदि जारी होने के संबंध में ठेकेदार के द्वारा सूचना पटल लगाया ही नहीं गया है।
लेकिन ठेकेदार की मनमानी के कारण कार्य बिना डब्लू एम एम प्लांट के इस सडक का निर्माण कार्य लगभग 40 फीसदी कार्य ही पूर्ण हो गया है। लोक निर्माण विभाग के देखरेख में हो रहे कार्य में पुल- पुलिया निर्माण में कांक्रीटिंग के दौरान प्राक्कलन के विपरीत निर्माण सामाग्री का उपयोग किया जा रहा है, जबकि जो कांक्रीट सामाग्री क्वालिटी परीक्षण हेतु रखा जा रहा उसमें अतिरिक्त सीमेंट डालकर गुणवत्तापरख दिखाने का प्रयास किया जा रहा है। इस प्रकार जमकर गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। और इस तपती गर्मी में सीमेंट क्रांकीट कार्य किया जा रहा है जबकि सीमेंट क्रांकीट का कार्य 30 35 से अधिक तापमान पर सीमेंट क्रांकीट का कार्य नहीं किया जाना है उसके बाद भी ठेकेदार के द्वारा 40 से 42 के तापमान पर कार्य किया जा रहा है जिसका मौके पे जाकर जांच करने पर सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। लेकिन ऐसा नही हो पा रहा है, जिससे होने वाले कार्य की मजबूती पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है। जबकि इस कार्य का देखरेख करने वाले संबंधित अधिकारी ठेकेदार के हाथों की कठपुतली बन उनके इशारे पर डांस कर रहे है, तो वही क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले जनप्रतिनियों के पास भी इतनी फुर्सत नही कि किस कदर कार्य कराया जा रहा है, उसका मौके पर जाकर निरीक्षण कर सके। इस संबंध पर जब निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर विभागीय इंजिनियर से फोन पर बात किया गया तब उन्होंने यह कहा कि ठेकेदार के द्वारा निमार्ण कार्य सही किया जा रहा है हमारे द्वारा समय समय पर जांच किया जा रहा है।