सूरजपुर@मनरेगा कर्मचारियों के द्वारा जल सत्याग्रह का आयोजन कर सरकार का विरोध प्रदर्शन किया गया

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जिला सूरजपुर सरपंच संघ के अध्यक्ष ने हड़ताली मनरेगा कर्मचारियों को किया समर्थन

सूरजपुर,2३ अप्रैल 2022(घटती-घटना)। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत कार्यरत सभी कर्मचारियों के द्वारा 2 सूत्रीय मांगों को लेकर 4 अप्रैल 2022 से हड़ताल एवं धरना पर हैं। बता दें कि आज हड़ताल धरना प्रदर्शन का 20वा दिन है फिर भी सरकार के द्वारा कोई पहल नहीं किया जा रहा है जिसके विरोध में मनरेगा कर्मचारियों के द्वारा गांधीवादी विचारधारा को लेकर विभिन्न प्रकार के गतिविधियां दांडी यात्रा, जन सत्याग्रह, जल सत्याग्रह उनके द्वारा किया जा रहा है आज दिनांक 23 अप्रैल 2022 को दिन शनिवार सरकार के विरोध में सभी मनरेगा कर्मचारियों के द्वारा जिला सूरजपुर के समीप छठ घाट के पास रिहंद नदी में जल सत्याग्रह का आयोजन किया गया। इसमें सभी मनरेगा कर्मचारियों के द्वारा जल समाधि लिया गया और अपने मांगों से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को अवगत कराया गया। मांग पूरा नहीं किए जाने पर मनरेगा कर्मचारियों के द्वारा उग्र आंदोलन करने का चेतावनी भी दिया गया है।
इसी क्रम में मनरेगा कर्मचारियों के समर्थन हेतु जिला सूरजपुर के सरपंच संघ के अध्यक्ष श्री अवधेश प्रताप सिंह, विकास खंड सूरजपुर, भैयाथन एवम प्रेमनगर सरपंच संघ के अध्यक्षो के द्वारा आज दिनांक 23 अप्रैल 2022 को धरना स्थल के मंच पर आकर अपना समर्थन दिया और उनके द्वारा बोला गया की मनरेगा कर्मचारियों का यह मांगे पूर्णता जायज है जिसे सरकार को जल्द से जल्द इनकी मांगों को पूरा करना चाहिए। उनके द्वारा बताया गया कि मनरेगा कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से लाखों मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल पा रही है। जिससे मजदूरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरपंच संघ के अध्यक्ष के द्वारा बताया गया कि हमें उनके मांगों का पूर्ण समर्थन करते हैं और जब तक उनकी मांगे पूर्ण नहीं होगी तब तक मनरेगा अंतर्गत ग्राम पंचायत में कोई भी कार्य संचालित नहीं होने देंगे। जिसका पूर्ण समर्थन करते है।
अध्यक्ष श्री अवधेश प्रताप सिंह द्वारा माननीय श्री भूपेश बघेल मुख्यमंत्री महोदय जी को इनकी मांगों को लेकर उन्हें पत्र के माध्यम से 2 सूत्री मांगों जैसे 1. चुनावी घोषणा पत्र को आत्मसात करते हुए समस्त मनरेगा कर्मियों का नियमितीकरण किया जावे। 2. नियमितीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होते तक रोजगार सहायकों का ग्रेड पे निर्धारण कर समस्त मनरेगा कर्मियों पर सिविल सेवा नियम 1966 के साथ पंचायत कर्मी नियमावली लागू किए जाने के लिए पत्र भेजकर मुख्यमंत्री महोदय जी को अवगत कराया गया है और उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूर्ण करने को कहा गया है। ताकि मनरेगा कर्मचारियों की वापसी के बाद मनरेगा मजदूरों को प्रति दिवस उनको मजदूरी मिल सके।
छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष के द्वारा बताया गया कि मनरेगा कर्मचारियों के द्वारा अपने मांगों को लेकर हड़ताल में चले जाने से पूरे प्रदेश के मनरेगा मजदूरों को रोजगार के लाले पड़ गए हैं। जिससे जिले में मजदूरों का पलायन होने की स्थिति उत्पन्न हो गई है। आलम यह है कि आज की तारीख में सूरजपुर जिला में मनरेगा अंतर्गत एक भी मजदूरों को काम नहीं मिला है। जबकि पूरे प्रदेश में मनरेगा के तहत 4299897 परिवार पंजीकृत हैं एवं 10049404 मजदूर पंजीकृत हैं।


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