- खडग़वां महिला बाल विकास परियोजना में आंगनबाड़ी केंद्रों की लिपाई पोताई के नाम पर
- शिकायत कर्ता ने कई शिकायतें की है पर खडग़वां परियोजना कार्यालय में पदस्थ लिपिक एवं प्रभारी परियोजना अधिकारी पर किसी प्रकार कि कोई कार्यवाही नहीं हुई है…..
- शिकायत कर्ता ने कलेक्टर कोरिया से मांग की है खडग़वां परियोजना में आंगनबाड़ी केंद्रों की लिपाई पोताई से संबंधित शिकायत पर मनेंद्रगढ़ परियोजना में हुई कार्यवाही के तहत खडग़वां परियोजना में भी प्रभारी परियोजना अधिकारी एवं लिपिक पर कार्यवाही करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया है…..
-राजेंद्र कुमार शर्मा-
खडग़वां,22 अप्रैल 2022(घटती-घटना)। विकास खंड महिला बाल विकास परियोजना में सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी मे आगनबाड़ी केन्द्रों के लिपाई पोताई मे लाखों रुपए का भ्रष्टाचार किया गया है यह आगनबाडी केंद्रों की लिपाई पोताई का कार्य पंद्रह लाख रूपये की लागत का था जिसमें 250की संख्या में आगनबाडी केंद्रो की लिपाई पोताई करना था और एक आगनबाडी केंद्र का खर्च 6000/–रूपये का था राज्य शासन के द्रारा जारी आदेश मे लेख है कि आगनबाडी केंन्द्रों के अंदर और बाहर की लिपाई पोताई किये जाने के लिए राशि जारी कि गई है मगर खडगवा महिला बाल विकास परियोजना में प्रभारी परियोजना अधिकारी एवं तत्कालीन लिपिक के द्रारा इस लिपाई पोताई की राशि का बंदरबांट करने में कोई कोर कसर नहीं छोडी है इस प्रभारी परियोजना अधिकारी ने कोरोना काल में जब पूर्ण रूप से 21/3/2020 को पहला पूरा भारत बंद 21दिनों का लाकडाउन किया गया था उस दौरान पूरा भारत बंद के होने के बाद भी लाकडाउन के दौरान लिपाई पोताई कार्य का दस दस आगनबाडी केंद्रों की लिपाई पोताई का आदेश जारी कर दिया गया और परियोजना सतरीय समिति की बैठक का भी आयोजन लाकडाउन के दौरान दिनांक 24/3/2020 को किया गया और लाकडाउन के दौरान दिनांक 7/4/2020 को पोताई का आदेश भी प्रभारी परियोजना अधिकारी एवं लिपिक के द्वारा उसी दिनांक 7/4/2020 को 49 लोगों को अनुमति मे हस्ताक्षर कराकर दिया गया है
जबकि इस दौरान किसी भी व्यक्ति को घर से बाहर निकलने और आने जाने की इजाजत नहीं थी हर चौक चौराहे पर पुलिस तैनात थी उसके बाद भी इस परियोजना अधिकारी के द्रारा समिति के बाहरी सदस्यों को बुलाकर बैठक कर ली गई और उन 49 लोगों को बुलाकर अनुमति मे हस्ताक्षर भी करा लिए अब सवाल ये उठता है कि जब पूर्ण रूप से भारत में लाकडाउन था तो इस महिला बाल विकास की प्रभारीपरियोजना अधिकारी एवं लिपिक ने इन आगनबाडी केंद्रों की लिपाई पोताई के लिए 49 पेंटरों को आदेश दिनांक 7/4/2020 को जारी कर दिया गया कया इस प्रभारी परियोजना अधिकारी एवं लिपिक के लिए लाकडाउन के नियम कानून नहीं थे क्या प्रशासन ने इस प्रभारी परियोजना अधिकारी एवं लिपिक को प्रशासन ने विशेष छूट दे रखी थी।जब सारे कार्यलय बंद थे तो कया सिर्फ इसी परियोजना कार्यालय के प्रभारी परियोजना अधिकारी एवं लिपिक को परियोजना कार्यालय में पेंटरों को बुलाकर बैठक करने की अनुमति का आदेश दिया गया था ये भी एक जाच किए जाने योग्य है?
इस परियोजना में लाकडाउन के दौरान ही आगनबाडी केंद्रों की लिपाई पोताई का कार्य ही कयो कराया गया जबकि लाकडाउन होने के कारण कोई भी आगनबाडी केंद्र खुले ही नहीं थे इस खडगवा परियोजना में 250 आगनबाडी केंन्द्रों मे से एक भी आगनबाडी केंद्रों की अंदर पोताई नहीं कि गई है यहां तक कि परियोजना सतरीय समिति के सदस्यों के आगनबाडी केंद्रों की भीतरी पोताई नहीं हुई है तो और अन्य जगहों की कया सथिति होगी ये खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है इस परियोजना की ज्यादातर आगनबाडी केंद्रों की बाहर की पोताई सिर्फ सामने कि दिवार को ही किया गया है। जबकि शासन ने अपने आदेश में जर्जर आंगनबाड़ी केंद्रों की लिपाई पोताई करने के लिए के लिए आदेश नहीं दिया है उसके बाद भी जर्जर आंगनबाड़ी केंद्रों की लिपाई पोताई कराकर शासकीय राशि का बंदरबांट किया गया है।
इसकी शिकायत मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन महिला बाल विकास मंत्री छत्तीसगढ़ शासन रायपुर मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन कलेक्टर कोरिया से लिखित में शिकायत कई बार किया गया जिसकी जांच आज तक पूरी नहीं हुई और ना ही प्रभारी परियोजना अधिकारी एवं लिपिक पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई आज तक नहीं हुई है जबकि शासन के लाखों रूपए में फर्ज़़ीवाडा किया गया है।