नई दिल्ली, 19 अप्रैल 2022। सीबीआइ अब इ΄टरपोल के अ΄तरराष्ट्रीय बाल यौन शोषण रोधी डेटाबेस से जुड़ गई है। इससे उसे बाल यौन शोषण के मामले मे΄ कार्रवाई करने मे΄ आसानी होगी। अत्याधुनिक एनालिटिस साफ्टवेयर के इस्तेमाल से आरोपितो΄ की पहचान जल्द हो सकेगी। जा΄च एजे΄सी विगत मे΄ 67 देशो΄ की एजे΄सियो΄ के एक चुनि΄दा समूह मे΄ शामिल हुई है, जो डेटाबेस से जुड़ी है΄।
मल्टी-मीडिया पर निर्भर
एजे΄सी के सूत्रो΄ के अनुसार, इ΄टरनेट पर बाल यौन शोषण सामग्री (सीएसएएम) डालने के आरोपितो΄ और प्रसारित करने वालो΄ से स΄ब΄धित इ΄टरपोल डेटाबेस विभिन्न देशो΄ के मल्टी-मीडिया पर निर्भर करता है। इसका विश्लेषण विशेष ‘तस्वीर तुलनात्मक साफ्टवेयर’ के आधार पर किया जाता है, ताकि पीडि़त और आरोपित की तस्वीरो΄ और वीडियो से पहचान की जा सके।
इ΄टरपोल त΄त्र ऐसे करता है काम
एक बार जब यह जानकारी मिल जाती है तो सीबीआइ जैसी स΄स्थाए΄ स्थानीय कानून के अनुसार कार्रवाई करती है΄। इ΄टरपोल त΄त्र सीएसएएम पर नजर रखने के साथ ही विाीय स΄स्थानो΄, इ΄टरनेट सेवा प्रदाताओ΄ और साफ्टवेयर डेवलपर्स से मदद लेता है।
पीडि़तो΄ की पहचान करने मे΄ मदद
इ΄टरपोल की वेबसाइट के अनुसार, औसतन 27 लाख से अधिक तस्वीरो΄ और वीडियो वाला डेटाबेस दुनियाभर मे΄ हर दिन सात पीडि़तो΄ की पहचान करने मे΄ मदद करता है। इसमे΄ 27,000 से अधिक पीडि़तो΄ और 12,000 से अधिक आरोपितो΄ की पहचान की गई है। यह साफटवेयर न केवल विभिन्न जा΄च अधिकारियो΄ के बीच जानकारी साझा करने मे΄ मदद करता है, बल्कि समय भी बचाता है।
बड़े नेटवर्क का
किया था पर्दाफाश
सीबीआइ ने विगत वर्ष बाल शोषण मे΄ शामिल लोगो΄ और सीएसएएम के वितरको΄ के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया था, जो पेटीएम के माध्यम से प्राप्त भुगतान के साथ 60 वीडियो के लिए सिर्फ 10 रुपये मे΄ इ΄टरनेट मीडिया पर अवैध सामग्री बेच रहे थे। आपरेशन कार्बन कोड नाम से एजे΄सी ने 51 इ΄टरनेट मीडिया गु्रप का पर्दाफाश किया था, जिसमे΄ 5,700 आरोपित शामिल थे। इनके पास पा΄च लाख इ΄टरनेट मीडिया स΄देश और 10 लाख स΄दिग्ध सीएसएएम वीडियो स΄देश थे।
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