एसईसीएल के कोल ट्रांसपोर्टिंग व कोल क्रसिंग से कटोरा सहित रेल्वे कालोनी के लोग ज्यादा मुसीबत में
पानी छिड़काव के नाम पर एसईसीएल कर रहा केवल खानापूर्ति, स्प्रिंकलर भी नहीं कर रहे काम
जल छिड़काव के लिए एसईसीएल ने साइडिंग में लगाया है स्प्रिंकलर
बैकुण्ठपुर 18 अप्रैल 2022 (घटती-घटना)। एसईसीएल की लापरवाही और अनदेखी की वजह से आज दो गांव के लोग सबसे ज्यादा मुसीबत में हैं जिसमें से एक गांव है पटना जिसके कुछ क्षेत्र और रेल्वे कालोनी वहीं कटोरा गांव क्योंकि इन्ही दोनों गांवों के बीच बना हुआ है कोयले का डंप स्टेशन व यहीं से कोयला क्रशर मशीनों से क्रसिंग कर रेल्वे बैगनो से बाहर भेजा जाता है।
इसी साइडिंग अंतर्गत रेल्वे स्टेशन कटोरा भी आता है और रेल्वे के कर्मचारियों सहित रेल से यात्रा करने वाले यात्रियों को भी लगातार कोल डस्ट से दिक्कत परेशानी हो रही है और इसकी मुख्य वजह है कि एसईसीएल अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर रहा है और ना ही एसईसीएल का स्प्रिंकलर सिस्टम ठीक ढंग से काम कर रहा है जो केवल जल छिड़काव के लिए बिठाया और व्यवस्थित किया गया है जिससे डस्ट उड़े नहीं जल छिड़काव से इसे रोका जा सके। एसईसीएल की इस लापरवाही और अनदेखी की वजह से अब क्षेत्र के रहवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और वह अब इससे निजात पाना चाहते हैं और यह तभी संभव है जब एसईसीएल के अधिकारियों द्वारा इस ओर ध्यान दिया जाए और स्प्रिंकलर को ठीक कराकर जल्द से जल्द जल छिड़काव जारी किया जाए जिससे डस्ट उड़े नहीं और क्षेत्र वासियों को दिक्कत भी ना हो।
दो खदानों से आता है ट्रकों से कोयला
कटोरा कोल साइडिंग में दो खदानों से कोयला आता है जिसमे एक पाण्डवपारा कालरी है और दूसरा कटकोना कालरी। दोनों कालरी क्षेत्रों का कोयला यहीं लाकर ट्रक डंप करते हैं और यहीं इसकी क्रसिंग(बड़े कोयलों को छोटे कोयले में तब्दील) किया जाता है।
कटोरा रेल्वे साइडिंग से ही रेल्वे बैगनो में जाता है लोड होकर कोयला
कटोरा रेल्वे साइडिंग से ही क्रसिंग होकर कोयला रेल्वे बैगनो से परिवहन कर अलग अलग पहुंचाया जाता है और लोडिंग के दौरान डस्ट उड़ता है जिससे सभी को परेशानी होती है क्योंकि डस्ट उड़ता है।
नियमित जल छिड़काव से नहीं उड़ेगा कोल डस्ट
यदि नियमित रूप से कोयला साइडिंग में स्प्रिंकलर से जल छिड़काव किया जाए एसईसीएल अपनी जिम्मेदारी निभाये तो डस्ट की समस्या से निजात मिल सकती है।