बैकुण्ठपुर@बुजुर्ग संपादक सत्ता पक्ष के नेता से परेशान

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समाचार पत्र संपादक बैठे धरने पर, कांग्रेस नेता के विरुद्ध जांच की कर रहें हैं मांग

धरने पर बैठने की सूचना प्रशासन को लिखित में देकर 18 अक्टूबर  से बैठे धरने पर

संपादक ने बैकुंठपुर जिला मुख्यालय के कांग्रेस नेता पर लगाएं हैं गंभीर आरोप।

अपनी पत्नी के नाम की भूमि पर भी कांग्रेस नेता के चाचा द्वारा जबरन कब्जे का लगा रहें हैं आरोप

एक साल में दूसरी बार बुजुर्ग संपादक एसडीएम कार्यालय के सामने बैठे भूख हड़ताल पर

क्या संपादक की समस्या सुनने वाला कोई नहीं, संपादक सभी से लगा चुके दूंगा पर इस शासन में सुनने वाला कोई नहीं

बैकुण्ठपुर 18 अप्रैल 2022 (घटती-घटना)। अखबार के बुजुर्ग संपादक काफी लंबे समय से अपनी जमीन संबंधित लड़ाई लड़ रहे वर्तमान सत्ता पक्ष के नेता से ही लड़ाई भी है पर सुने तो सुने कौन अपनी मांगों को लेकर बुजुर्ग संपादक इससे पहले भी भूख हड़ताल पर बैठ चुके थे आश्वासन मिला था कि उनकी समस्या का समाधान होगा पर समस्या का समाधान नहीं हुआ और समस्या बढ़ गई। जिस जमीन पर स्टे लिया गया था बिना संपादक को सुचना दी बैगर स्टे हटा लिया गया और सत्ता पक्ष के नेता के रिश्तेदार उनके घर के छानी को काटकर दीवाल खड़ा कर रहे हैं जिससे उनके छानी की का पानी घर के अंदर ही घुसेगा, जिसे लेकर संपादक ने संबंधित विभाग को शिकायत भी की और कोई सुनने को तैयार नहीं जिसे लेकर एक बार फिर बुजुर्ग संपादक एसडीएम कार्यालय के सामने आज से धरने व भूख हड़ताल पर बैठ गए, अब देखना यह है कि क्या इस बार भी उनकी बातें सुनी जाएगी या फिर सत्ता पक्ष के दबाव में बुजुर्ग संपादक की बात दब जाएगी।
ज्ञात हो की बैकुंठपुर जिला मुख्यालय के समाचार पत्र संपादक वैद्य रमेश चन्द्र 29 सितम्बर से प्रशासन को लिखित में सूचना देते हुए धरने पर बैठ गए हैं, वैद्य रमेश चन्द्र खुद बैकुंठपुर शहर के ही निवासी हैं वहीं वह शहर में ही अपनी पत्नी के नाम से भु-अभिलेखों में दर्ज भूमि पर ही घर बनाकर वर्षों से निवासरत हैं, उन्होंने बैकुंठपुर जिला मुख्यालय के एक कांग्रेस नेता आशीष डबरे पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रशासन से मजबूरी में धरने की बात कहते हुए धरने पर बैठने की सूचना प्रशासन को दी है और वह प्रशासन से कांग्रेस नेता आशीष डबरे के खिलाफ कई बिंदुओं पर जांच कर कार्यवाही की मांग कर किया था। पिछले 9 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरने व भूख हड़ताल पर बैठे संपादक मांग मानने की बात करते हुए प्रशासन ने भ्रष्टाचार करने वाले नेता के खिलाफ कार्यवाही व जाँच का आश्वासन देते हुए भूख हड़ताल ख़त्म कराया, संपादक का भूख हड़ताल खत्म कराने के दौरान तहसीलदार मनमोहन सिंह, नायाब तहसीलदार नीलिमा लकड़ा व पूर्व कैबिनेट मंत्री भईया लाल राजवाड़े मौजूद रहे, यह हड़ताल पूर्व कैबिनेट मंत्री भईया लाल राजवाड़े के नेतृत्व में खत्म होने के बात संपादक ने बताई, आश्वासन तहसीलदार द्वारा दिया गया जिस पर संपादक ने अपना भूख हड़ताल खत्म कर दिया है, अब उन्हें कार्यवाही का इंतजार रहेगा पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। संपादक को उम्मीद है कि प्रशासन अपनी बातों से पीछे नहीं हटेगा और नेता पर जांच व कार्रवाई जरूर करेगा। प्रशासन ने संपादक की मांग पूरी करने का आश्वासन देकर भूख हड़ताल खत्म कराया, आर्टिका कर में बैठकर संपादक गए घर चल दिए थे 5 माह बाद फिर धरने व भूख हड़ताल पर बैठ गए।
अपनी पत्नी के नाम दर्ज भूमि से कब्जा हटाने के लिए मांग
उन्होंने अपने शिकायत में यह भी लिखा है कि कांग्रेस नेता आशीष डबरे के चाचा प्रभाकर डबरे उनकी पत्नी के नाम पर भु-अभिलेखों में दर्ज भूमि के कुछ हिस्से को अपनी तरफ मिलाकर निर्माण कार्य जारी रखे हुए हैं जबकि मेरे द्वारा इस आशय की शिकायत के बावजूद भी मेरी पत्नी के नाम की जमीन से कब्जा नही हटाया जा रहा है, वहीं 28 सितम्बर को खुद प्रभाकर डबरे के परिवार जन व उनके यहाँ काम करने वाले कर्मचारियों ने मेरे परिवार पर जानलेवा हमला किया वहीं जान से मारने की भी धमकी दी वही वह मुझे पुलिस कार्यवाही की भी धमकी दे गया। उक्त सभी मामलों में निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर समाचार पत्र संपादक वैध रमेशचंद्र धरने पर बैठें हैं, अब देखना यह है कि उनकी शिकायतों को प्रशासन कितनी गम्भीरता से लेकर जांच कर कार्यवाही करता है।


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