- ब्लास्टिंग कर अवैध कोयला खदानों को बंद कराने बनाई संयुक्तटीम।
- वन विभाग,खनिज विभाग सहित एसईसीएल की बनाई गई है संयुक्तटीम।
- सालों से अवैध रूप से संचालित कोयला खदानों को नहीं बंद करा सका अभी तक संबंधित विभाग।
- पुलिस की मिलीभगत से वर्षों से होती आ रही अवैध कोयले की तस्करी।
- पुलिस विभाग खनिज विभाग का कार्य भी जिले में कलेक्टर कोरिया को करने की पड़ड़ी जरूरत।
- दो दिन पहले ही अवैध खदान धसकने से गई है एक व्यक्ति की जान दो हैं घायल।
- खबर प्रकाशन से जागा जिला प्रशासन कलेक्टर हुए सख्त,लिया एक्शन।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 18 अप्रैल 2022 (घटती-घटना)। कलेक्टर कोरिया ने मीडिया में छप रही खबरों पर तत्काल सज्ञान लिया और वन विभाग खनिज विभाग राजस्व विभाग सहित एसईसीएल के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाकर अवैध कोयला खदानों को बंद कराने निर्देश जारी कर दिया है। सभी विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से अवैध कोयला खदानों का निरीक्षण किया और उन्हें ब्लास्टिंग कर कैसे बंद किया जाए इसपर विचार कर बंद करने की कार्यवाही आरंभ की। कलेक्टर कोरिया की इस कार्यवाही को लेकर लोगों का कहना है कि जो काम वन विभाग, खनिज विभाग और पुलिस विभाग को करना था उसकी जिम्मेदारी अब स्वयं जिले के कलेक्टर निभा रहें हैं और सख्ती के साथ अवैध खदानों को बंद कराने टीम गठित कर कार्यवाही पर आमादा हैं। अवैध कोयले की खदान पर नियंत्रण के लिए कलेक्टर हुए सख्त है, अवैध खदानों को बॉस्टिंग कर बन्द करने की है तैयारी, कलेक्टर ने गठित की है टीम में एसडीएम, एसईसीएल के अधिकारी, एसडीओ फारेस्ट के साथ खनिज विभाग के अधिकारी पहुंचे सिंगपनी थे खदान। प्रति दिन होता है लाखो का अवैध कारोबार जिस पर अब प्रशासन की लगी हुई है नज़र।
ज्ञात हो की कोरिया जिले के पुलिस थाना पटना व दो पुलिस सहायता केंद्रों कटकोना व पाण्डवपारा में पर्याप्त पुलिस बल होने के बावजूद इन क्षेत्रों में अवैध कोयले की खदानें वर्षों से संचालित हैं वहीं इस क्षेत्र में वन विभाग का भी अमला मौजूद है वहीं खनिज विभाग का भी अमला लगातार इन क्षेत्रों में दौरा करता है लेकिन कोई भी संबंधित विभाग अवैध कोयला उत्खनन सहित उसके परिवहन को लेकर कार्यवाही नहीं करना चाहता क्योंकि बताया जाता है सभी को उनका हिस्सा कोल माफियाओं द्वारा समय पर प्रदान कर दिया जाता है और इसलिये ही वह मौन साधे बैठे रहते हैं। वहीं इन अवैध खदानों और अवैध कारोबार में लगातार जन हानि की संभावना बनी रहती है और उसके बावजूद भी किसी भी विभाग के कानों पर जूं नहीं रेंगता क्योंकि बात समय पर हिस्सा मिल जाने के बाद दबा दी जाती है और जिसमे सभी की संलिप्तता रहती है। जनहानि भी इस कारोबार में हर कदम पर है जैसे जंगलों में अवैध कोयला खदानों के धसकने से हो सकने वाली जनहानि, परिवहन के दौरान तेज रफ्तार वाहन चलाने से हो सकने वाली जनहानि वहीं खदान के अंदर किसी गैस रिसाव से दम घुटने की वजह से हो सकने वाली जनहानि लेकिन किसी संबंधित विभाग को कोई लेना देना नहीं है और अनवरत कोयला तस्करी जारी है।
चार दिन पहले ही गई है एक व्यक्ति की जान दो हैं घायल
अभी हाल में ही चार दिनों पहले एक अवैध खदान धसकने से एक व्यक्ति की जान चली गई है और दो गंभीर रूप से घायल हैं। बताया जा रहा है कि मृतक के परिजन भी इसकी एफआईआर इसलिए दर्ज नहीं कराना चाहते क्योंकि इसके लिए उन्हें डराया और धमकाया गया है और उनको भयभीत किया गया है।
खदान धसकने से एक व्यक्ति की मौत के मामले ने पकड़ड़ा तूल
जैसा कि बताया जा रहा है कि कोयला उत्खनन के दौरान ही खदान धसकने से एक व्यक्ति की मौत का मामला वैसे तो डरा धमकाकर ठंडे बस्ते में डालने का काम कर लिया गया था और बिना पोस्टमार्टम मृतक का दाह संस्कार भी कर दिया गया जबकि पोस्टमार्टम होना अनिवार्य था वहीं मामले के मिडीया में आते ही मामले ने तूल पकड़ लिया और अब मामला कलेक्टर कोरिया के सज्ञान में भी आ गया है।
एक एक अवैध कोयला खदानों में 200 से भी ज्यादा मजदूर पालियों में करते हैं काम
जैसा कि प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा बताया जा रहा है कि एक एक अवैध कोयला खदानों में एक एक पाली करके 200 से ज्यादा व्यक्ति अवैध रूप से कोयला उत्खनन का कार्य करते हैं अभी तो एक कि मौत और दो घायल हुए हैं यदि इस अवैध उत्खनन को नहीं रोका गया किसी भी दिन सैकड़ो की संख्या में जा सकती है जान।
सफल थाना प्रभारी का क्षेत्र अवैध कोयला उत्पादन में एसईसीएल से आगे
पुलिस थाना पटना क्षेत्र अवैध कोयला उत्पादन में एसईसीएल से भी आगे निकल चुका है क्योंकि इस क्षेत्र में पुलिस की भूमिका ही कुछ ऐसी है कि एक रात में 10 से 15 ट्रकों तक कोयला उत्पादन कर बाहर भेजे जाने का काम जारी है।