रायपुर, 18 अप्रैल 2022। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने सोमवार को शास्त्री चौक स्थित, राज्य महिला आयोग कार्यालय मे΄ महिलाओ΄ से स΄ब΄धित शिकायतो΄ के निराकरण के लिए सुनवाई की. आज प्रस्तुत प्रकरण मे΄ अनावेदक पति ने आयोग के समक्ष स्वीकार किया कि उसका आवेदिका से तलाक नही΄ हुआ है. दूसरी औरत से म΄दिर मे΄ उसकी माता-पिता की उपस्थिति मे΄ हिन्दू रीति रिवाज से शादी किया है.
पति ने स्वत: आयोग के समक्ष स्वीकार करते हुए कहा कि, तीन वर्ष से दूसरी औरत से अवैध स΄ब΄ध होने के कारण सामाजिक अपमान को समाप्त करने के लिए उससे दूसरा विवाह किया है. अनावेदक पति एलआईसी ऑफिस मे΄ ब्रा΄च मैनेजर के पद पर कार्यरत है और मासिक वेतन लगभग 1 लाख 50 हजार रुपये है. पति ने बताया कि वेतन से आवेदिका पत्नी को जीवन-यापन एव΄ आवश्यक वस्तुओ΄ की पूर्ति कर रहा हू΄.
जानकारी के अनुसार पति-पत्नी के दो बच्चे है΄. पुत्र 18 वर्ष और पुत्री 21 वर्ष की है. बच्चो΄ की शिक्षा एव΄ अन्य जिम्मेदारिया΄ आवेदिका पत्नी पर आ गई है. वर्तमान मे΄ आवेदिका 20 दिनो΄ से अपने मायके मे΄ निवास कर रही है. आवेदिका का कहना है कि तीन वषोर्΄ से पति और उसकी दूसरी औरत के द्वारा मुझे और मेरे बच्चो΄ को फोन पर धमकी देकर प्रताडि़त करते रहते है΄. आज की सुनवाई मे΄ अनावेदिका दूसरी औरत अनुपस्थित रही. ऐसी दशा मे΄ यह प्रकरण आगामी सुनवाई मे΄ रखा गया. साथ ही आयोग द्वारा दूसरी औरत को आगामी सुनवाई मे΄ साथ मे΄ लेकर उपस्थित होने अनावेदक पति को निर्देशित किया गया.
एक अन्य प्रकरण मे΄ आवेदिका ने अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए ससुर के खिलाफ आयोग मे΄ शिकायत की थी. इस प्रकरण मे΄ अनावेदक ससुर सेवानिवृा कर्मचारी है. आयोग की समझाइश पर अनावेदक ससुर ने आवेदिका को उसकी बेटी की पढ़ाई के लिए एक माह की पे΄शन राशि 10 हजार रुपये देना स्वीकार किया. इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया. इसी तरह सम्पिा विवाद के प्रकरण मे΄ आवेदिका ने अपने देवरो΄ के खिलाफ सम्पिा के ब΄टवारे को लेकर आयोग मे΄ शिकायत की थी. आवेदिका के पति 7 भाई और 3 बहन है΄. परदादा की सम्पिा मे΄ 2700 वर्ग फीट आवेदिका के एक हिस्से मे΄ आया था, जिसे अनावेदकगणो΄ ने भी स्वीकार किया.
वर्तमान मे΄ उक्त सम्पिा परदादा के नाम पर है जिनकी मृत्यु1956 मे΄ हो गई है. इसके साथ ही आवेदिका के ससुर की मृत्यु 1973 मे΄ एव΄ आवेदिका के पति की मृत्यु 1997 मे΄ हो गई है. लगभग 66 वषोर्΄ के बाद भी नगर निगम रायपुर के अभिलेख मे΄ मृतक परदादा का नाम ही दर्ज है. जिसे उभय पक्षो΄ ने स्वीकार किया. दोनो΄ की म΄जूरी के पश्चात यह स्पष्ट है कि 2700 वर्ग फीट के मकान मे΄ कुल 10 हिस्सेदार ही वैधानिक हिस्सेदार हो΄गे. इस आधार पर यदि सभी पक्षकार आपसी सुलह से उक्त जमीन पर नामा΄तरण करने के बाद जमीन को बेचना चाहे तो आवेदिका उस मकान मे΄ 1/10 वा΄ भाग की हकदार होगी. आयोग ने दोनो΄ पक्षो΄ को निर्देश दिया कि, नगर निगम रायपुर मे΄ जाकर अपनी सम्पिा का नामा΄तरण हेतु आवेदन प्रस्तुत कर आपसी समझौता करने की समझाइश देते हुए इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया. आज जनसुनवाई मे΄ 20 प्रकरण रखे गए थे जिसमे΄ 2 प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया शेष अन्य प्रकरण को आगामी सुनवाई मे΄ रखा गया.
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