खडग़वां@अनुमति समाप्ति के बाद भी स्टोन क्रेशर से गिट्टी परिवहन धड़ल्ले से

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-राजेंद्र कुमार शर्मा-
खडग़वां ,17 अप्रैल 2022 (घटती-घटना)। .खडग़वां विकास खंड क्षेत्र में इन दिनों संचालित कई स्टोन क्रेशरो के पर्यावरण प्रदूषण की अनुमति पिछले महीने समाप्त हो चुकी है उसके बाद भी स्टोन क्रेशर से धड़ल्ले से गिट्टी का परिवहन किया जा रहा है वो भी प्रति दिन
पचासों डम्फर बिना पीटपास के परिवहन किया जा रहा है
इन स्टोन क्रेशर संचालक को से जानकारी मिल रही है कि क्रेशर संचालन के लिए पर्यावरण प्रदूषण की अनुमति समाप्त हो जाने पर क्रेशर की गिट्टी का पीटपास काटने की अनुमति नहीं होती है और खडग़वां विकास खंड के क्रेशरो से हजारों डम्फर परिवहन किया जा रहा है।
क्रेशर संचालकों के द्वारा अवैध पत्थर खदान संचालित करके शासन को चूना लगाने में लगे हुए हैं । वही मिली जानकारी के अनुसार क्रेशर संचालकों द्वारा लीज क्षेत्र को छोडक़र वहां लगे जमीन और छोटे झाड़ के जंगलों से पत्थर खोदने का काम धड़ल्ले से किया जा रहा है ।
कई सवालों के घेरे में है क्रेशर संचालक खनिज विभाग की मेहरबानी?
माइनिंग विभाग तो कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है ।कार्यवाही के नाम पर सिर्फ पेनाल्टी ही पटाकर क्रेशर को खोल दिया जा रहा है।क्या खनिज विभाग इस क्रेशर को क्षमता से अधिक मात्रा की खुली छूट दे रखी है ? क्योंकि इनके क्रेशर में देखें तो हजारों टन पत्थर का उत्खनन किया जा रहा है।
जिस खदान की लीज है क्या उस खदान से उत्खनन कर भंडारण किया गया है ?
क्रेशर संचालकों ने बहुत सारा अवैध तरीके से पत्थर उत्खनन कर और गिट्टी का भंडारण किया गया है । क्या इस लीज पर उतनी उत्खनन और भंडारण कि क्षमता है क्या? जबकि इसकी जानकारी माइनिंग विभाग को नहीं है क्या?,अगर नहीं है तो माइनिंग विभाग जानकारी कर लें ?, क्योंकि यहां पर हजारों टन हल्का से गिट्टी उत्खनन हों रहा है।क्या इस उत्खनन की रॉयल्टी पर्ची है ? अगर है तो माइनिंग विभाग को चेक करना चाहिए ?अगर नहीं है तो उस पर कार्यवाही करना चाहिए ?
स्टोन क्रेशर में कितना भंडारण करने की क्षमता है इसकी जांच और कितने क्षेत्र में उत्खनन कर रहा है इसकी जांच करने की जरूरत खनिज विभाग ने नहीं समझी या करना ही नहीं चाहते हैं खनिज विभाग के अधिकारी सिर्फ़ रेत और बोल्डर के अवैध परिवहन करने वाले पर कार्रवाई करते हैं वहीं लाल ईट का परिवहन करने वालों को खनिज विभाग ने खुली छूट दे रखी है।
जबकि इस लाल ईट का परिवहन खुलेआम खनिज विभाग के अधिकारियों के सामने से किया जा रहा है वो इन अधिकारीयों को अवैध उत्खनन एवं परिवहन नहीं दिखाई देता है।
जांच के नाम पर माइनिंग विभाग सुर्खियों में बहुत आया हुआ था क्योंकि कोरिया कलेक्टर ने जब से रेत माफियाओं पर ताबड़तोड़ कार्यवाही का आदेश दिया था । खनिज विभाग सिर्फ और सिर्फ रेत उत्खनन एवं बोल्डर उत्खनन पर कार्यवाही कर रहा है। खनिज विभाग के द्वारा एक भी अवैध उत्खनन कार्य कर रहे खदानों पर कार्रवाई नहीं की हैं किसी भी क्रेशर पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हुई है। और खनिज विभाग के अधिकारी कार्यवाही करना भी नहीं चाहता है क्योंकि यहां संचालित क्रेशरो से खनिज विभाग को लक्ष्मी नारायण जी का प्रसाद प्रत्येक माह प्राप्त होता रहता है। जहां से प्रसाद प्राप्त होता हो वहां पर कार्यवाही का ना होना तो लाजमी है?
क्रक्रेशर संचालक प्रदूषण विभाग को दिखा रहे है ठेंगा
यहां कोरिया जिला खनिज संपदा से भरा पूरा है सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि खडग़वां क्षेत्र में संचालित क्रेशर पर्यावरण प्रदूषण कि अनुमति समाप्त होने के बाद भी क्रेशर संचालक धड़ल्ले से गिट्टी का परिवहन कर रहे हैं ना तो खनिज विभाग और ना ही पर्यावरण विभाग को इसकी जांच करने कि जरूरत नहीं है , लेकिन पर्यावरण प्रदूषण विभाग को तो यहां देखने क्या झांकने तक का फुर्सत नहीं है । यूं कहा जाए कि अगर प्रदूषण विभाग इन क्रेशर संचालकों की जांच करे तो बहुत सारी अनियमितताएं मिलेगी । प्रदूषण विभाग में तो सिर्फ और सिर्फ मोटा लिफाफा पहुंच जाने से घोड़े बेचकर कर सो रहे हैं । इनको बोलने वाला भी कोई नहीं है ऐसा प्रतीत हो रहा है । प्रदूषण विभाग की सुनने और देखने की शक्ति चली गई है , तभी तो यहां के आसपास के ग्रामीण प्रदूषण से मर रहे हैं , लेकिन पर्यावरण प्रदूषण विभाग को कोई फर्क पडऩे वाला नहीं है ।
स्टोन क्रेशर
हादसों को दे रहा है न्योता

श्रम विभाग को भी ठेंगा दिखाकर क्रेशर संचालित कर रहा है । अगर आपको क्रेशर में काम करना हो तो अपनी सुरक्षा के लिए हेलमेट और जूता उच्च कोटि का मास्क पहनना जरूरी होता है । यहां के एक भी कर्मचारी हेलमेट और जूता नहीं पहना हुआ है । कर्मचारियों को सुरक्षा के लिए हेलमेट और जूता मास्क नहीं दिया है , तभी तो वह नहीं पहन रहे है और अपनी जान को जोखिम में डालकर वहां पर अपनी पापी पेट के लिए काम कर रहे हैं । यहां ना तो खनिज विभाग का डर है , ना प्रदूषण विभाग का और ना ही श्रम विभाग का । उसके बाद भी धड़ले के साथ क्रेशर संचालित हो रहा है । क्या इस पर कार्यवाही करने वाला कोई नहीं है ? यूँ तो खनिज विभाग इस साल रेत और बोल्डर उत्खनन पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की है , लेकिन जिस प्रकार से कार्यवाही करनी चाहिए और जिन पर कार्यवाही होनी चाहिए उन कार्यवाही नहीं हो रही है । अब आगे देखना लाजमी होगा कि खनिज विभाग , श्रम विभाग या प्रदूषण विभाग इस पर क्या कार्यवाही करती है ।


जब हमने इस संबंध में सहायक खनिज अधिकारी से दूरभाष के माध्यम से उनके नंबर 9892437635 से संपर्क साधा तो उन्होंने मोबाइल को व्यस्त मूड में डालकर रखा है उसके बाद भी उनके व्हाट्सएप पर मैसेज भी किया मगर उन्होंने ने किसी प्रकार का कोई जवाब नहीं दिया।
सहायक खनिज अधिकारी


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