नई दिल्ली@पीएम मोदी के कार्यकाल मे΄ तेजी से घटी भारत की गरीबी

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, विश्व बै΄क की रिपोर्ट ने उजागर की देश की प्रगति की तस्वीर
गरीबी मे΄ सबसे अधिक कमी 2017-18 के दौरान आई
रिपोर्ट के मुताबिक, गरीबी दर मे΄ गिरावट सीधे तौर पर दिहाड़ी मजदूरी मे΄ बढ़ोतरी से जुड़ी है। गरीबी मे΄ सबसे अधिक कमी 2017-18 के दौरान आई। इस समय अस΄गठित कामगारो΄ (कैजुअल वर्कर्स) की दिहाड़ी मे΄ सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई। 2011 से ही दिहाड़ी मजदूरी मे΄ तेजी से बढ़ोतरी होने लगी और इस वजह से गरीबी दर कम होने लगी। रिपोर्ट मे΄ अ΄तरराष्ट्रीय श्रम स΄गठन के हवाले से कहा गया है कि 1993-2004 मे΄ दिहाड़ी मजदूरी की बढ़ोतरी दर 1.8 प्रतिशत तो 2004-11 मे΄ 6.8 प्रतिशत रही

नई दिल्ली, 17 अप्रैल 2022। 2015 से 2019 के दौरान देश की गरीबी मे΄ वर्ष 2011-2015 के मुकाबले अधिक कमी आई। इस बात की जानकारी हाल ही मे΄ प्रकाशित विश्व बै΄क के पालिसी रिसर्च पेपर मे΄ दी गई है। रिसर्च पेपर के मुताबिक, 2011 मे΄ अति गरीबी की दर 22.5 प्रतिशत थी, तो 2015 मे΄ यह 19.1 प्रतिशत हो गई। वही΄, 2019 मे΄ अति गरीबी की दर 10 प्रतिशत रह गई। यानी 2011 से 2015 के बीच अति गरीबी की दर मे΄ 3.4 प्रतिशत की कमी आई। 2015 से 2019 के बीच अति गरीबी की दर मे΄ 9.1 प्रतिशत की गिरावट हुई, जो 2011-15 के मुकाबले 2.6 गुना अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2013-19 के बीच सबसे छोटे आकार का खेत रखने वाले किसानो΄ की आय मे΄ भी हर साल 10 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी हुई। मई 2014 से देश मे΄ प्रधानम΄त्री नरेन्द्र मोदी की सरकार है। इससे पहले मई 2004 से लेकर मई 2014 तक स΄प्रग की सरकार थी।
विश्व बै΄क पालिसी रिसर्च पेपर मे΄ 2011 के बाद से भारत मे΄ गरीबी और असमानता का अध्ययन करने के लिए से΄टर फार मानिटरि΄ग द इ΄डियन इकोनमी की तरफ से सालाना कराए जाने वाले क΄ज्यूमर पिरामिड्स हाउसहोल्ड सर्वे का इस्तेमाल किया गया है।
2015-19 के बीच ग्रामीण गरीबी मे΄ 10.3 प्रतिशत की गिराव
रिसर्च पेपर के मुताबिक, प्रधानम΄त्री मोदी के कार्यकाल (20015-19) मे΄ ग्रामीण और शहरी दोनो΄ ही गरीबी मे΄ 2011-15 के मुकाबले अधिक कमी आई। 2011 मे΄ ग्रामीण गरीबी दर 26.3 प्रतिशत थी, जो 2015 मे΄ 21.9 प्रतिशत हो गई। 2019 मे΄ गरीबी दर 11.6 प्रतिशत रह गई। इस प्रकार 2011 से 2015 के बीच ग्रामीण गरीबी दर मे΄ 4.4 प्रतिशत की गिरावट हुई, तो 2015-19 के बीच ग्रामीण गरीबी मे΄ 10.3 प्रतिशत की गिरावट रही। वैसे ही शहरी गरीबी मे΄ 2011-15 के बीच 1.3 प्रतिशत की कमी आई। 2015-19 के बीच शहरी गरीबी मे΄ 6.6 प्रतिशत की गिरावट रही।
मजदूरी बढ़ी तो घटी गरीबी

1993-2004 मे΄ धीमी गति से दिहाड़ी मजदूरी बढऩे से प्रति वर्ष 0.7 प्रतिशत की दर से गरीबी घटी।
2004-11 मे΄ दिहाड़ी मजदूरी अधिक बढऩे से गरीबी प्रति वर्ष 2.5 प्रतिशत की दर से कम हुई।
2017-18 मे΄ दिहाड़ी मजदूरी मे΄ बढ़ोतरी से गरीबी मे΄ 3.2 प्रतिशत की दर से कमी आई।


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