रोजगार की मांग को लेकर पहुंचे भू-विस्थापितों के साथ
-राजा मुखर्जी-
कोरबा,08 अप्रैल 2022(घटती-घटना)। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की कुसमुंडा खदान में नियोजित कंपनी नीलकंठ को मिट्टी निकासी व कोयला परिवहन का कार्य सौंपा गया है। कंपनी का काम वर्तमान में बरकुटा फेस में चल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के प्रभावित भू-विस्थापित रोजगार की मांग लेकर पहुंच रहे हैं, ऐसे में नियोजित कंपनी नीलकंठ के इंचार्ज राम विशाल दुबे द्वारा ग्रामीणों से दुर्व्यवहार किया जा रहा । समझौता के अनुसार निजी कंपनियों में स्थानीय लोगों को काम दिया जाना है। कुछ भू-विस्थापित को नीलकंठ कंपनी के अधिकारियों द्वारा काम ज्वाइन करने बुलाया गया था। कार्यस्थल में पहुंचने पर वहां उपस्थित एक अधिकारी राम विशाल दुबे द्वारा विस्थापितों के साथ अभद्र व्यवहार की। इतना ही नहीं उसने फायर करने व लाठी- डंडे के दम पर काम करने की धमकी भी दी। विस्थापितों के साथ हुए इस दुर्व्यवहार को लेकर ग्रामीण मोर्चा खोलते हुए कुसमुंडा खदान पहुंच गए और नीलकंठ कंपनी का काम बंद करा दिया। इससे खदान से मिट्टी निकासी व कोयला परिवहन का काम बंद हो गया। इसके साथ ही ग्रामीण खदान अंदर टेंट लगा कर धरने पर बैठ गए। उनकी मांग थी कि दुर्व्यवहार करने वाले अधिकारी को तत्काल काम से हटाया जाए और स्थानीय लोगों को प्राथमिकता के आधार पर काम दिया जाए। एसईसीएल प्रबंधन के साथ ग्रामीणों ने चर्चा कर एवं समझाइश पर आंदोलन को खत्म किया ।
