खडग़वां, 07 अप्रैल 2022(घटती-घटना)। महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत काम कर रहे विकास खंड 66 के कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से करीब चार सौ काम रूक गए हैं और एक अनुमान के मुताबिक आंदोलन के चलते समूचे विकास खंड में 20 हजार मजदूरों का कार्य प्रभावित हो रहा है।
रोजगार गारंटी के मजदूरों को 100 दिन के काम की गारंटी देने वाले अधिनियम के तहत काम कर रहे कर्मचारियों की नौकरी की कोई गारंटी नहीं है। नियमित किए जाने व वेतन बढ़ाए जाने की मांग को लेकर पिछले चार दिनों से हड़ताल पर विकास खंड के सभी 66 कर्मचारी हैं।
इन हड़तालियों में 52 रोजगार सहायक, जनपद पंचायत में कार्यरत 6 कर्मचारी एवं जनपद पंचायत में कार्यरत 9 तकनीकी सहायक आंदोलन पर हैं।
आंदोलनकारियों का कहना है कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में अनियमित कर्मियों को नियमित किए जाने की बात कही थी लेकिन भूपेश सरकार को बने तीन साल से अधिक का वक्त बीत गया है। इस चुनावी घोषणा पर वादा पूरा नहीं किया जा रहा है।दो सूत्रीय मांगों को लेकर कर विकास खंड स्तर से प्रदेश भर के सभी विकास खंड के मनरेगा कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं।
जबकि नियुक्ति कर्ता भी राज्य शासन है और नियमितीकरण भी उसे ही करना है। रोजगार सहायक को मामूली वेतन दिया जा रहा है। मनरेगा में मजदूरी दर 204 रूपए दैनिक है और ये रोजगार सहायक से अधिक है।
हड़ताल पर मनरेगा कर्मी
नए रोजगार सहायकों को 5000 रूपए दिए जा रहे हैं। 5 बरस से अधिक सेवा देने वाले रोजगार सहायकों को 6000 रूपए मानदेय दिया जा रहा है। ये एक तरह से शोषण ही है।
विकास खंड स्तर पर मस्टररोल नहीं बन रहे
रोजगार सहायकों के हड़ताल पर होने से मस्टर रोल नहीं बन पा रहे हैं। विकास खंड संरक्षक विकास राज ने बताया कि छग में हड़ताल के चलते केन्द्र से रोजाना लगभग करीब करोड़ रूपए नहीं आ रहे हैं क्योंकि निर्माण कार्यों के मस्टर रोल नहीं भेजे जा रहे हैं। जैसे निर्माण कार्य तालाब, डबरी, कुंआ, नहर लाइनिंग, राशन दुकान, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी भवन गौठान निर्माण के काम थम गए हैं।
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