पटना, 30 मार्च 2022। बिहार विधानसभा मे΄ आज शराबब΄दी कानून मे΄ बदलाव किया गया। दलअसल, अब मुख्यम΄त्री नीतीश कुमार शराबब΄दी कानून को लेकर बैकफुट पर है΄। इसकी खास वजह ये है कि जेलो΄ मे΄ और कोर्ट पर लगातार शराबब΄दी कानून की वजह से कैदियो΄ और केसो΄ का बोझ बढ़ता चला जा रहा है। केसो΄ को निबटाने मे΄ पटना हाई कोर्ट के 26 मे΄ से 16 जज लगे हुए है΄। इस बात को ध्यान मे΄ रखते हुए आज बिहार विधानसभा मे΄ शराबब΄दी कानून मे΄ कई बड़े स΄शोधन किए गए।
शराब के केसो΄ की वजह से झुकी सरकार!
शुरुआत मे΄ कानून का उल्ल΄घन करने पर सख्त सजा का प्रावधान किया गया था। जिसकी वजह से अप्रैल 2016 से दिस΄बर 2021 तक शराबब΄दी कानून के तहत 2.03 लाख मामले सामने आए। इनमे΄ 3 लाख से ज्यादा लोगो΄ को गिरफ्तार किया गया है। यह एक बहुत बड़ी स΄ख्या है। इनमे΄ से 1.08 लाख मामलो΄ का ट्रायल शुरू किया गया। इनमे΄ से 94 हजार 639 मामलो΄ का ट्रायल पूरा हो चुका है। 1 हजार 19 मामलो΄ मे΄ आरोपियो΄ को सजा मिली। 610 मामलो΄ मे΄ आरोपियो΄ को बरी किया जा चुका है। बताते चले΄, 1 अप्रैल 2016 से बिहार मे΄ शराबब΄दी आ΄शिक तौर पर लागू किया गया था लेकिन परिवर्तन करते हुए बिहार मे΄ पूर्ण शराब ब΄दी लागू कर दी गई। 6 साल पहले विधानसभा मे΄ सदस्यो΄ ने शराब ना पीने की शपथ भी ली थी और आज 6 साल बाद शराबब΄दी कानून मे΄ बड़ा बदलाव किया गया है।
पहली बार की गलती तो छोड़ दिया जाएगा
शराबब΄दी कानून मे΄ बदलाव करते हुए ये कहा गया है कि यदि को व्यक्ति पहली बार शराब पीते पकड़ा जाता है तो उसे जुर्माना लेकर छोड़ दिया जाएगा। लेकिन बार-बार पकड़े΄ जाने पर जेल और जुर्माना दोनो΄ की सजा हो सकती है। जुर्माने की राशि राज्य सरकार तय करेगी। इसे आज बिहार विधानसभा मे΄ सर्वसहमति से परित कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने उठाया था सवाल
बिहार सरकार के शराबब΄दी के फैसले पर लगातार सवाल उठ रहे थे। सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी ये सवाल उठाए जा रहे थे कि बिहार मे΄ शराबब΄΄दी की वजह से लगातार जेलो΄ मे΄ कैदियो΄ की स΄ख्या बढ़ रही है। जजो΄ की स΄ख्या कम है बावजूद इसे 26 मे΄ 16 जज केवल शराबब΄दी से जुड़े मामलो΄ मे΄ ही फ΄से हुए है΄। ऐसे मे΄ माननीय सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से सवाल पूछा कि या शराबब΄दी लागू करने से पहले और शराबब΄दी कानून लाने से पहले बिहार मे΄ इसके लिए अदालती ढा΄चा तैयार किया गया है या नही΄? इस पर कोई अध्ययन किया कराया गया या नही΄? माननीय सुप्रीम कोर्ट ने बिहार की शराबब΄दी कानून के चलते अदालतो΄ मे΄ लगातार मुकदमो΄ की बढ़ती स΄ख्या पर चि΄ता जताई थी। उन्हो΄ने यह भी टिप्पणी की थी कि या बिहार मे΄ सभी जज शराबब΄दी के मामले ही सुलझाने मे΄ लगे रहे΄गे? सुप्रीम कोर्ट ने इस समस्या के प्रति भी अपनी चि΄ता जाहिर की थी।
आबकारी म΄त्री ने कहा कोर्ट और जेल जाने वालो΄ की स΄ख्या मे΄ आएगी कमी
आबकारी म΄त्री सुनील कुमार ने बताया कि शराब पीने वालो΄ को अब जुर्माना लेकर छोड़ा जाएगा। इससे पहले भी उन्हो΄ने एनबीटी से बातचीत मे΄ बताया था कि सरकार की तरफ से शराबब΄दी कानून मे΄ बदलाव की तैयारी है। उन्हो΄ने बताया था कि लगातार शराब के मामलो΄ की वजह से कोर्ट मे΄ केसो΄ की सख्या बढ़ रही है। जिसकी वजह से सरकार इस कानून मे΄ बदलाव करने वाली है। उन्हो΄ने बताया जो बदलाव किए गए है΄ उससे कोर्ट मे΄ जाने वाले केसो΄ मे΄ कमी आएगी।
बिहार मद्य निषेध और उत्पाद स΄शोधन विधेयक 2022
ठ्ठ नजदीकी कार्यपालक मजिस्ट्रेज के समक्ष पेश किया जाएगा
ठ्ठ जुर्माना देकर छूट सकता है पकड़ा गया आरोपी
ठ्ठ जुर्माना नही΄ देने पर एक महीने की सजा हो सकती है
ठ्ठ बार-बार पकड़े जाने पर जेल और जुर्माना दोनो΄ होगा
ठ्ठ जुर्माने की राशि राज्य सरकार तय करेगी
ठ्ठ पुलिस को मजिस्ट्रेट के सामने जत सामान नही΄ पेश करना होगा
ठ्ठ पुलिस पदाधिकारी इलेट्रॉनिक साक्ष्य पेश कर सकते है΄
ठ्ठ नमूना सुरक्षित रखकर जत सामान को नष्ट किया जा सकेगा
ठ्ठ इसके लिए परिवहन की चुनौती और भूभाग की समस्या दिखाना होगा
ठ्ठ डीएम के आदेश तक जत वस्तुओ΄ को सुरक्षित रखना जरूरी नही΄
ठ्ठ मामले की सुनवाई एक साल के अ΄दर पूरी करनी होगी
ठ्ठ धारा-37 मे΄ सजा पूरा कर चुका आरोपी जेल से छूट जाएगा
ठ्ठ तलाशी, जती, शराब नष्ट करने को लेकर है विशेष नियम