नगर निगम सरकार द्वारा पेश किया गया 28 लाख 95 हजार के घाटे का बजट
अंबिकापुर 30 मार्च 2022 (घटती-घटना)। सामान्य सभा में निगम सरकार ने 28 लाख 95 हजार के घाटे का बजट पेश किया। जिसे पारित कर दिया गया। इससे पूर्व सामान्य सभा की बैठक हंगामेदार रही। विपक्ष ने कई मुद्दों को लेकर निगम सरकार को घेरा। बुधवार को शहर के राज मोहनी भवन में नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कई महत्वपूर्ण एजेंडों पर चर्चा की गई और विचार-विमर्श कर प्रस्ताव पारित किया गया। इस दौरान विपक्षी पार्षद आलोक दुबे, मधुसूदन शुक्ला निगम की कांग्रेस सरकार को अपने सवालों से घेरते नजर आए। पार्षद आलोक दुबे ने अतिक्रमण के मामले में निगम के भवन शाखा पर सेटिंग का आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम की सरकार ने मात्र 17 अतिक्रमण हटाए हैं, जबकि 240 अतिक्रमणकारियों पर मेहरबान हंै। इस मुद्दे को लेकर सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच सदन में तीखी बहस हुई। सत्ता पक्ष के सभी पार्षद सदन में खड़े हो गए और विपक्ष पर आक्रामक होते नजर आए।
नगर निगम की सामान्य सभा बुधवार की दोपहर 12 बजे से राज मोहनी भवन में में सभापति अजय अग्रवाल की उपस्थिति में शुरू की गई। इस दौरान विपक्ष के पार्षद मधुसूदन शुक्ला ने अमृत मिशन योजना के तहत कराए गए शहर में उद्यायन निर्माण व उसके संधारण मरम्मत के लिए की गई टेंडर प्रक्रिया पर सवाल खड़ा किया। इसका जवाब देते हुए सत्ता पक्ष की ओर से एमआईसी प्रमुख शफी अहमद ने कहा कि शासन के नियम के तहत ही उद्यानों का संधारण मरम्मत के लिए टेंडर जारी किया गया है। वहीं पार्षद मधुसूदन शुक्ला ने इस मामले भ्रष्टाचार का आरोपप सत्ता पक्ष पर लगाया है। इसका जवाब में एमआईसी प्रमुख शफी अहमद ने भाजपा पार्षद को पुख्ता सबुत प्रस्तुत करने की बात कही और जांच कराए जाने की बात कही। वहीं जांच टीम में आरोप लगाने वाले भाजपा पार्षद मधुसूदन शुक्ला को भी शामिल करने की बात कही।
सामान्य सभा की बैठक में विपक्ष के पार्षद मधुसूदन शुक्ला ने नगर सरकार पर आरोप लगाया कि डस्टबिन बाजार से ज्यादा दामों पर टेंडर के माध्यम से खरीदी गई है। वहीं इस मामले में सत्तापक्ष की ओर से एमआईसी प्रमुख शफी अहमद ने सवाल के जवाब देते हुए कहा कि 500 नग डस्टबिन निविदा पक्रिया से खरीदी की जानी थी। फिलहाल 50 डस्टबिन की ही खरीदी की गई है। निगम द्वारा अब इस टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। अब डस्टबिन की खरीदी बाजार दर पर ही खरीदी जाएगी।
240 अतिक्रमणकारियों पर निगम सरकार मेहरबान
विपक्षी पार्षद आलोक दुबे,मधुसूदन शुक्ला निगम की कांग्रेस सरकार को अपने सवालों से घेरते नजर आए। इन्होंने अब तक कितने अतिक्रमण नगर निगम द्वारा हटाए गए इसका जवाब मांगा तो सत्तापक्ष ने बताया कि पिछले दो सालों में 240 अवैध निर्माण को लेकर नोटिस दिया गया है। जिसमें 17 अतिक्रमण हटाए गए हैं। वहीं भाजपा पार्षद आलोक दूबे ने कहा कि किस नियम के तहत 17 अतिक्रमण हटाए गए और 240 लोगों को केवल नोटिस ही दिया गया है। उन्होंने भवन शाखा पर सेटिंग का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि 240 अतिक्रमण कारियों को निगम सरकार राहत पहुंचाने का काम कर रही है। वहीं इस सवाल का जवाब सत्तापक्ष की ओर से एमाआईसी प्रमुख शफी अहमद दे ही रहे थे कि विपक्ष की ओर से एक पार्षद ने कहा कि यहां भाषण सूनने नहीं आए हैं। इस बात पर सत्तापष के पार्षद उग्र हो गए। इसके बाद पक्ष व विपक्ष के बीच तीखी नोक झोंक हुई। सत्तापष के पार्षदों ने सदन में ही नारेबाजी करनी शुरू कर दी। सत्ता पक्ष के पार्षदों ने गरीबों का घर तोडऩा बंद करो जैसे नारे लगानी शुरू कर दी। वहीं अवैध निर्माण पर शफी अहमद ने कहा कि जब नगर निगम अतिक्रमण तोडऩे जाती है तो पार्षदों का फोन आना शुरू हो जाता है। सदन में दोनों पक्षों के बीच हंगामा होताा देख सभापाति अजय अग्रवाल के समझाइश दी। इसके बाद मामला शांत हुए।
महापौर पर लगाया झूठ बोलने का आरोप
सामान्य सभा में भाजपा पार्षद आलोक दुबे ने कहा कि ट्रांसपोर्ट नगर में अतिक्रमण कर गुमटी बनाई जा रही थी। निगम द्वारा वहां अतिक्रमण करने से रोक दिया गया और पुन: उन्हें पुराना बस स्टैंड में जगह दे दी गई। इस सवाल पर महापौर डॉ. अजय तिर्की ने सवाल के जवाब देते हुए कहा कि पुराना बस स्टैंड में जगह दिया गया है। विस्थापन के तौर पर शासन के मार्गदर्शन में उन्हें कोविड काल में अस्थाई रूप से जगह दिया गया है। यहां सभी जाति के लोग हैं। ट्रांस्टपोर्ट नगर की समस्या दूर होने पर पुन: उन्हें वहां भेज दिया जाएगा। इस बात पर भाजपा पार्षद आलोक दुबे ने महापौर पर झूठ बोलेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विस्थापन में आरक्षण नियम का भी पालन नहीं किया गया है। उन्होंने महापौर से कहा कि अगर शासन का निर्देश है तो आदेश प्रस्तुत करें। उन्होंने महापौर को बहुमत में चूर रहने की बात कही।
28 लाख 95 हजार के
घाटे का बजट पेश
सामान्य सभा की बैठक के बाद नगर निगम सरकार द्वारा बजट पेश किया गया। निगम सरकार ने 28 लाख 95 हजार के घाटे का बजट पेश किया। जिसे पारित कर दिया गया। वर्ष 2022-23 का प्रस्तावित बजट आय 4 अरब 42 करोड़ 47 लाख 90 हजार एंव व्यय 4 अरब 42 करोड़ 76 लाख 85 हजार का बजट पेश किया गया।