बैकुण्ठपुर@बूझो तो जाने पिकअप में लदा कोयला है या पत्थर?

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  • क्या सफल थानेदार कार्यवाही दिखाने कोयले की जगह पत्थर लादकर खड़ी कर वाली पिकअप?
  • क्या खबर प्रकाशन के बाद थाना प्रभारी अपने अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने किया दिखावे की कार्यवाही?
  • पटना पुलिस की अजीबोगरीब कार्यवाही, कोयला तस्करों से मिलीभगत का नमूना खुद किया पेश।
  • क्या वाकई में सफल थाना प्रभारी अपने रहते रोक पाएंगे कोयला चोरी या फिर इस कार्यवाही के बाद पड़ जाएंगे ठंडे?
  • पकड़ी गई पिकअप कोयला तस्करों से पत्थर भरकर खुद मंगवाई गई-सूत्र।
  • थाना प्रभारी का कोयला तस्करों से है सांठगांठ यह पिकअप में लदा कोयला चीख-चीख कर कह रहा।
  • अपनी कार्यवाहियों को लेकर लगातार रहते हैं सुर्खियों में पटना थाना प्रभारी।


-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 29 मार्च 2022 (घटती-घटना)। कोयला तस्करी और अवैध कोयला उत्खनन को लेकर लगातार छप रही खबरों यहां तक की अवैध उत्खनन जिसकी की एक वीडियो भी जारी हुई थी, किरकिरी से बचने के लिए कोरिया जिले की पटना पुलिस ने एक नायाब तरीका अपनाया है और वह तरीका यह रहा कि कोयला तस्करों से ही मिलकर एक कार्यवाही जो केवल दिखाने के लिए की गई और उसमें भी कोयले की जगह पत्थर भरकर जो कि ऐसा पत्थर है जिसको लेकर कार्यवाही शायद ही कोई पुलिस करे या खनिज विभाग ही करे क्योंकि वह ऐसा पत्थर है जिसको किसी भी कार्य मे उपयोग नहीं किया जा सकता है।
बताया जा रहा है कि पटना क्षेत्र में अवैध कोयले का कारोबार बड़ी जोर शोर से जारी है और अवैध कोयला उत्खनन भी जारी है जिसमें लोगों के जान का भी खतरा रहता है फिर भी पुलिस से सांठगांठ कर यह कारोबार निरंतर चला आ रहा है और इसपर अंकुश लगा पाने में आजतक कोई भी पुलिस अधिकारी सक्षम नहीं हो सका है। अवैध कोयला तस्करी से जुड़ी खबरों से पुलिस खासकर पटना पुलिस की काफी किरकिरी हो रही थी, सूत्रों की माने तो इसी वजह से पटना थाना प्रभारी ने इस किरकिरी से बचने के लिए एक नायाब तरीका अपनाया और कोयला तस्करों पर कार्यवाही दिखाने के लिए उन्होंने कोयला तस्करों से ही संपर्क किया और एक पिकअप में कोयला खदानों से निकलने वाले ऐसे पत्थरों को पिकअप में लदवाकर थाने में बुलवाया जो कि न तो खनिज की ही श्रेणी में कार्यवाही का खनिज है और न ही अवैध कोयले के रूप में ही इसको कोयला माना जा सकता है।
आखिर पटना पुलिस थाना प्रभारी किसे प्रयास कर रहे थे ठगने का
पटना पुलिस ने जिस पिकअप में लदे उस पत्थर को कोयला बताकर कार्यवाही की है जिसे एसईसीएल बेजान पत्थर कहकर फेंक देती है और उसी को पिकअप में लादकर थाना प्रभारी पटना ने कार्यवाही कर दी है। आखिर पटना थाना प्रभारी किसे ठगने का प्रयास कर रहे हैं, खुद अपने अधिकारियों को, मीडिया को या आमजनों को। वैसे अब सच्चाई खुल चुकी है कि पिकअप में लदा समान कोयला नहीं बेजान पत्थर है जो किसी काम नहीं आने वाला और उसे कोयला बताने का जो प्रयास किया गया है वह आंखों में धूल झोंकने जैसा है?
कोयला कहां से निकल रहा है कहां से चोरी हो रहा है सबको पता सिर्फ नहीं पता तो पुलिस को
जो सबको पता होता है वह पुलिस को पता नहीं होता क्योंकि पुलिस अनजान होती है कोयला कहां से निकल रहा है कौन चोरी कर रहा है यह पूरा क्षेत्र जान रहा जो वाहन पकड़ाई है वह भी किसकी है यह सबको पता है पर यदि किसी को नहीं पता है तो वह पुलिस है जिसे सब पता होना था पर वो वही अपने आपको अनजान बता रहे हैं कोयला है कि पत्थर यह भी पुलिस को नहीं पत।
होनहार कोतवाल भूल गए
अपनी पीठ थपथपाने की चाहत में पटना पुलिस थाने के होनहार कोतवाल यह भूल गए कि जिसे आज कोयला बताकर कार्यवाही कर रहें हैं वह कोयला है ही नही और यह उनकी चालाकी पकड़ी जाएगी। वैसे उनकी चालाकी पकड़ी गई और बेवजह एक पिकअप चालक पर कानूनी कार्यवाही इसलिए कर दी गई क्योंकि थाना प्रभारी अपने खास कोयला तस्करों को बचाना चाहते हैं और वह इसीलिए पिकअप चालक पर कार्यवाही कर अपनी पीठ खुद ही थपथपा लिए। वैसे थाना प्रभारी पटना अपनी कार्यवाहियों को लेकर वैसे भी प्रसिद्ध हैं एक जगह जुआ पकड़ते हैं तो चार एफआईआर लिखते हैं एक साथ नशे के सौदागरों को पकड़ते हैं तो चार एफआईआर करते हैं वैसे ही जब कोयला तस्करों को पड़कने की बारी आई तो ऐसी कार्यवाही की जिसको लेकर अब उनकी किरकिरी हो रही है जबकि वह किरकिरी से ही बचना चाह रहे थे लेकिन खुद से किरकिरी जुटा लाये।
कार्यवाही से जुड़ड़े कुछ सवाल
सवाल- पकड़ा गया वाहन किसका है, जबकि वाहन का नम्बर प्लेट वाहन में मौजूद है?
सवाल- वाहन मालिक पर क्या कार्यवाही की गई यदि कार्यवाही अवैध कोयले से जुड़ी हुई है?
सवाल- वाहन में कोयला तो लदा नजर नहीं आ रहा है, आखिर कोयले की सकल में क्या लदा है पिकअप में?
सवाल- यदि पिकअप में कोयला नहीं लदा है जोकि देखा भी जा सकता है तो आखिर किस बात की कार्यवाही की गई है क्या थाना प्रभारी को कोयला व पत्थर में अंतर नहीं है पता?
सवाल- कोयला लेकर रात में मौत की रफ्तार से दौड़ती एक नही कई पिकअप दौड़ती हैं, क्या एक ही पकड़ पाई पुलिस?
सवाल- कोयला लदा पिकअप क्यों नहीं पकड़ सकी पुलिस?
सवाल- आंखों में किसके धूल झोंक रहें हैं थाना प्रभारी पटना?
सवाल- चैट पत्रकार जाँच कराए, कोयला का लैब टेस्ट पत्रकार कराए तो फिर पुलिस क्या करे?

इनसे जब इस बारे में जानकारी चाही गयी तो इनका कहना था की कि लकड़ी को जलवाकर कोयला थोड़ी बनवा दूंगा, शंका है तो लैब टेस्ट करवा लीजिये।

सौरभ दिवेदी थाना प्रभारी पटना


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